कल से फिर बारिश …. इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर संभागों में अच्छा पानी गिरेगा; भोपाल में गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी के आसार

मध्यप्रदेश में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है। बंगाल की खाड़ी में बन रहे लो प्रेशर एरिया और अरब सागर में तैयार हो रहे दूसरे लो-प्रेशर के कारण प्रदेश में बादल छाने लगे हैं। मौसम वैज्ञानिक पीके साहा ने बताया कि बुधवार से प्रदेश में बारिश शुरू होगी। इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर-चंबल संभागों में कहीं-कहीं अच्छी बारिश होगी, जबकि भोपाल में गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी होने का अनुमान है।

बारिश के कारण धुंध और कोहरा छाने से विजिबिलिटी एक किलोमीटर से कम हो सकती है। यह स्थिति 1 दिसंबर से 3 दिसंबर तक यानी 72 घंटे तक रहेगी। बादल छंटने के बाद अचानक से रात का पारा नीचे आएगा। हालांकि, अधिकतम तापमान ज्यादा नीचे नहीं आएगा।

यह सिस्टम बन रहा
वर्तमान में कोमरीन सागर-श्रीलंका क्षेत्र में साइक्लोन गतिविधियां सक्रिय हैं, जिससे होकर पूर्व-मध्य अरब सागर तक एक ट्रफ लाइन भी गुजर रही है। पूर्व-मध्य अरब सागर में महाराष्ट्र तट के पास बुधवार को निम्न दाब क्षेत्र सक्रिय होना शुरू हो जाएगा। इससे पहले मंगलवार शाम से बंगाल की खाड़ी में निम्न दाब क्षेत्र सक्रिय होगा। इससे पश्चिमी विक्षोभ प्रभावशाली होकर पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर अगले 48 घंटों में चला जाएगा और अफगानिस्तान के आसपास पछुवा हवाओं के बीच एक ट्रफ के रूप में अपना असर दिखाएगा।

इस कारण अच्छी बारिश
बंगाल की खाड़ी में बन रहे लो प्रेशर के कारण बुंदेलखंड, महाकौशल, विंध्य और भोपाल के आसपास बादल छाने के साथ गरज-चमक की स्थिति रहेगी। इसके साथ ही अरब सागर में बन रहे लो-प्रेशर के कारण उज्जैन, ग्वालियर-चंबल संभागों के साथ इंदौर संभागों में ज्यादा पानी गिर सकता है।

बादल छंटते ही तापमान नीचे आएगा
वैज्ञानिक पीके साहा ने बताया कि अगले 72 घंटे तक बारिश के कारण दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी होगी। साइक्लोन का प्रभाव कम होने से नमी आना बंद हो जाएगी। इससे बादल छंटने से पश्चिमी विक्षोभ के कारण तापमान में गिरावट होगी। हालांकि, दिन के तापमान पर इसका ज्यादा असर नहीं होगा, लेकिन रात का पारा 10 डिग्री सेल्सियस के नीचे तक आ सकता है।

दिसंबर में इस तरह रहेगा मौसम

पहला सप्ताह
दिसंबर का पहला सप्ताह बादल, बारिश और धुंध भरा रहेगा। तीन दिन तक बारिश के बाद तापमान में गिरावट होने से ठंड का असर दिखने लगेगा। रात का पारा 10 के आसपास आ सकता है, जबकि दिन का पारा 26 के आसपास बना रहेगा।

दूसरा-तीसरा सप्ताह मिलाजुला रहेगा
दिसंबर के दूसरे और तीसरे सप्ताह में दिन और रात के तापमान में कमी होगी। न्यूनतम तापमान 10 से नीचे भी जा सकते हैं। इसके लिए पश्चिमी हवाओं का आना जरूरी होगा। अगर कोई साइक्लोन नहीं बनता है और पश्चिमी हवाएं आती हैं, तो ठंडी का अहसास होगा।

चौथे सप्ताह में ठंड पकड़ेगी जोर
दिसंबर का अंतिम सप्ताह में ठंड ज्यादा जोर दिखाएगी। इस दौरान प्रदेश के कई इलाकों में तापमान 5 डिग्री के नीचे भी जा सकता है। इस दौरान कोहरा गहरा रहेगा। इससे विजिबिलिटी काफी कम हो सकती है। हल्की बारिश की भी संभावना रहेगी। हालांकि, ज्यादातर इसके शुष्क बने रहने का अनुमान है।

शहरों में 10 साल में दिसंबर में न्यूनतम तापमान के रिकॉर्ड

शहर न्यूनतम तापमान वर्ष
भोपाल 4.9 28 दिसंबर 2018
इंदौर 5.0 17 दिसंबर 2014
छिंदवाड़ा 4.2 29 दिसंबर 2019
होशंगाबाद 5.1 27 दिसंबर 2014
ग्वालियर 2.1 30 दिसंबर 2019
सागर 4.9 28 दिसंबर 2018
जबलपुर 4.4 28 दिसंबर 2019
खजुराहो 1.9 20 दिसंबर 2011
पचमढ़ी -1.5 29 दिसंबर 2014

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