धार…. मामला 247 करोड़ रुपए की जमीन का:सदस्यों की जानकारी के लिए मालवा चर्च काउंसिल संस्था को पुलिस ने लिखा पत्र, 44 रजिस्ट्रियों की जांच शुरू हुई

मिशन एंटी माफिया के तहत धार पुलिस द्वारा जनकल्याण प्रायोजन के िलए दान में दी गई 247 करोड़ की भूमि अफरा-तफरी करते हुए धोखाधड़ी करने के मामले में प्रकरण पंजीबद्ध किया है। इस मामले में अभी तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 12 फरार आरोपियों में मुख्य आरोपी सुधीर शांतिलाल शामिल है। सुधीर के द्वारा उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर करने की संभावनाएं जताई जा रही थी, साथ ही सुधीर की अंतिम लोकेशन इंदौर-उज्जैन रोड के पास पाई गई थी। इसके बाद से पुलिस ने उसके मददगारों पर नजर रखना शुरू किया है। पुलिस को सूचना मिली कि सुधीर को भगाने में उसके जीजा इंदौर निवासी मनीष जैन की भूमिका है। यह लोग अग्रिम याचिका लगाने में भी मदद कर रहे हैं। इसके बाद पूछताछ के लिए मनीष जैन और उनके पुत्र को हिरासत में लिया गया था, 10 घंटे की पूछताछ के बाद बुधवार देर शाम दोनों को छोड़ दिया गया है।

शोरूम-घर पर पुलिस की सर्चिंग
पुलिस फरार सुधीर शांतिलाल की गिरफ्तारी के लिए शिंकजा बढ़ाते जा रही है। जेल में बंद सुधीर के भाई सुनील का 9 दिसंबर प्राप्त हुआ था, गुरुवार दोपहर को पुन कोर्ट में पुलिस पेश करेगी। सुनील शांतिलाल से सौदों और सुधीर और सुनील के पुत्र सिद्धार्थ जैन के छूपने के ठिकानों सहित रिश्तेदारों के बारे में जानकारियां ली जा रही है। बुधवार को पुलिस ने सुधीर के विवादित जमीन पर संचालित बुलेट शो-रूम पर सर्चिंग की। यहां कर्मचारियों से पूछताछ भी की गई है। इसके पश्चात पुलिस शांतिकुंज स्थित सुधीर के निवास पर सुनील नाहर को लेकर पहुंची थी। यहां पर दरवाजा लॉक मिला, जिसको लेकर चॉबी देर शाम पुलिस को प्राप्त हुई है।

ट्रस्ट से मांगी सदस्यों की जानकारी
जमीन घोटाले मामले में पुलिस ने भूमि व्यवस्था संचालन समिति मालवा चर्च काउंसिल को भी प्रकरण में आरोपी संस्था के रुप में पुलिस पहले ही बना चुकी है। समिति में भूमि घोटाले के दौरान और वर्तमान में कौन-कौन सदस्य है इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। इसके लिए पुलिस ने सिहोर स्थित काउंसिल के मुख्य कार्यालय को पत्र लिखकर स्थानीय कमेटी के संबंध में जानकारियां मांगी है।

नोटिस के मिलने लगे जवाब
एसडीएम कार्यालय द्वारा विवादित भूमि पर निर्मित इमारतों में संचालित व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से स्वामित्व एवं काबिज होने संबंधी जानकारियां मांगी थी। इसके लिए तीन दिन में जानकारी देने हेतु नोटिस जारी किए गए थे। नोटिस मिलने के बाद एसडीएम कार्यालय में काबिज लोगों द्वारा जानकारियां दी जा रही है। यहां पर बड़े पैमाने पर किराये से व्यापारिक प्रतिष्ठान संचालित हो रहे हैं। कई प्रतिष्ठान संचालकों ने वर्तमान के हालात और भूमि को लेकर चल रहे हंगामे के बीच प्रतिष्ठान अन्यत्र स्थानांतरित करने की बात भी कही है।

विवादित 247 करोड़ की भूमि अफरा-तफरी मामले में एक शिकायत के बाद पूरे प्रकरण में हुए फर्जीवाड़े की जांच करने वाली मुख्य अधिकारी डीएसपी यशस्वी शिंदे इस पूरे केस में साक्ष्यों को प्रमाणित करने के लिए दिन-रात जुटी हुई है। सीएसपी देवेन्द्र धुर्वे और जांच अधिकारी कोतवाली थाना प्रभारी समीर पाटीदार भी प्रत्येक दस्तावेज में महत्वपूर्ण चीजों को देख रहे हैं। इन्हीं दस्तावेजों में विवादित भूमि की 44 रजिस्ट्रियों का सूक्ष्म अध्ययन किया जा रहा है।

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