MSP की गारंटी के लिए वरुण लाएंगे प्राइवेट मेंबर बिल:बोले- किसी भी तरह की आलोचना का स्वागत है
पीलीभीत से BJP सांसद वरुण गांधी लगातार अपनी ही पार्टी के खिलाफ मुखर नजर आ रहे हैं। वो लगातार सोशल मीडिया पर केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साध रहे हैं। रविवार को उन्होंने किसानों के मामले में फिर पोस्ट किया। उन्होंने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर संसद में प्राइवेट मेंबर बिल लाने का ऐलान किया है। पोस्ट कर लोगों से उनकी राय मांगी।
वरुण गांधी ने अपने प्रस्तावित प्राइवेट मेंबर के मसौदे पर लिखा, ‘भारत के किसानों और सरकार ने लंबे वक्त से तमाम आयोगों के भीतर और बाहर कृषि संकट पर बहस की है। अब एमएसपी कानून का वक्त आ गया है। कानून में मेरे मुताबिक किस तरह के प्रावधान होने चाहिए, इसको लेकर मैंने एक मसौदा तैयार किया है और संसद में रख दिया है। इस पर किसी भी तरह की आलोचना का स्वागत है।’
विधेयक की खास बातें
- यह विधेयक एक स्टैंडर्ड आधार से फसलों का वर्गीकरण करता है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि अगर फसल पहले से तय क्वालिटी को पूरा नहीं करती है तो किसानों को संकटपूर्ण बिक्री की नौबत नहीं झेलनी होगी।
- किसानों को समय पर भुगतान के साथ उनकी फसलों के लिए एमएसपी प्राप्त करने की गारंटी दी जाएगी। लेनदेन की तारीख से दो दिनों में खरीदार द्वारा फसल बेचने वाले किसानों को यह रकम सीधे बैंक खाते में जमा करानी होगी।
- इस विधेयक में 22 फसलों के लिए MSP की गारंटीशुदा खरीद की सोच है। फसलों की यह सूची कृषि उत्पादों को जरूरत के आधार पर शामिल करने के लिए खुली रहेगी।
- MSP को उत्पादन की कुल लागत पर 50% लाभांश के आधार पर निर्धारित किया गया है। विधेयक में इस बात की व्यवस्था होगी कि एमएसपी से कम कीमत हासिल करने वाला कोई भी किसान प्राप्त मूल्य और गारंटीशुदा एमएसपी के बीच मूल्य के अंतर के बराबर मुआवजे का हकदार है।
रसूखदारों पर एक्शन कब होगा
इसस पहले TET मामले में वरुण गांधी ने कहा था कि आखिर रसूखदारों पर एक्शन कब होगा। ज्यादातर शिक्षण संस्थानों के मालिक राजनैतिक रसूखदार है। बता दें कि कृषि कानून और किसानों के मुद्दे पर भी वरुण गांधी सरकार के खिलाफ असहज स्थिति उत्पन्न कर चुके हैं। अब उन्होंने UPTET परीक्षा रद्द होने के मसले पर यूपी सरकार पर निशाना साधा है। इससे पहले भी वरुण गांधी भाजपा को किसानों के मुद्दे पर कई चिट्ठी लिख चुके हैं।
पोस्ट कर कसा था तंज
वरूण गांधी ने किसान के फसल जलाने पर BJP को घेरा था। उत्तर प्रदेश के किसान श्री समोध सिंह पिछले 15 दिनों से अपनी धान की फसल को बेचने के लिए मंडियों में मारे-मारे फिर रहे थे, जब धान बिका नहीं तो निराश होकर इसमें स्वयं आग लगा दी। इस व्यवस्था ने किसानों को कहां लाकर खड़ा कर दिया है? कृषि नीति पर पुनर्चिंतन आज की सबसे बड़ी जरूरत है। पिछले दिनों ही वरुण गांधी तीन कृषि कानूनों को लेकर मुखर हैं, क्योंकि पीलीभीत तराई का क्षेत्र है और यहां किसान काफी निर्णायक हैं।
किसान महापंचायत का किया था समर्थन
वरुण ने 12 सितंबर को भी किसानों के मुद्दे उठाते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ को खत लिखा था। तब वरुण ने भूमिपुत्रों की बात सुनते की अपील करते हुए पत्र में 7 पॉइंट लिखे थे। वरुण गांधी ने इसमें गन्ना के दाम, बकाया भुगतान, धान की खरीदारी समेत 7 मुद्दों को उठाया था। 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत में वरुण गांधी ने किसानों का समर्थन कर सरकार को असहज महसूस कराया था।