मथुरा: PM मोदी ने की प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान की शुरूआत, कहा- 2 अक्टूबर तक छोड़ें सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल
मथुरा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान और स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम की शुरूआत की. लोगों के संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के साथ ही कुछ परिवर्तन हमें अपनी आदतों में भी करने होंगे. हमें ये तय करना है कि हम जब भी बाजार में कुछ भी खरीददारी करने जाए, तो साथ में कपड़े या जूट का झोला जरूर ले जाएं. पैकिंग के लिए दुकानदार प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करें.
मोदी ने कहा कि अब सिंगल यूज प्लास्टिक से हमें छुटकारा पाना ही होगा. हमें कोशिश करनी है कि 2 अक्टूबर तक अपने दफ्तरों, घरों और अपने आस पास के वातावरण को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करना है.
पीएम बोले, “प्लास्टिक से होने वाली समस्या समय के साथ गंभीर होती जा रही है. आप ब्रजवासी तो अच्छी तरह जानते है कैसे प्लास्टिक पशुओं की मौत का कारण बन रही है.
इसी तरह नदियां, तालाबों में रहने वाले प्राणियों का वहां की मछलियों का प्लास्टिक को निगलने के बाद जिन्दा बचना मुश्किल हो जाता है.”
पीएम ने कहा, ”मैं देश भर के गांव-गांव में काम कर रहे हर सेल्फ हेल्प ग्रुप से, सामाजिक संगठनों से, युवा मंडलों से, महिला मंडलों से, क्लबों से, स्कूलों और कॉलेजों से, सरकारी और निजी संस्थानों से, हर व्यक्ति हर संगठन से इस अभियान से जुड़ने का आग्रह करता हूं.”
प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी 150 ये प्रेरणा का वर्ष है. स्वच्छता ही सेवा के पीछे भी यही भावना छुपी हुई है. आज से शुरू हो रहे इस अभियान को इस बार विशेष तौर पर प्लास्टिक के कचरे से मुक्ति के लिए समर्पित किया गया है.
इसके अलावा पीएम ने कहा कि आज स्वच्छता ही सेवा अभियान की शुरुआत हुई है, नेशनल एनीमल डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम को भी लॉन्च किया गया है.पशुओं के स्वास्थ्य, पोषण, डेरी उद्योग और कुछ अन्य परियोजनाएं भी शुरु हुई हैं. इसके अलावा मथुरा के इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यटन से जुड़े कई परियोजनाओं शुभारंभ भी हुआ है.
स्वच्छ भारत हो, जल जीवन मिशन हो या फिर कृषि और पशुपालन को प्रोत्साहन. प्रकृति और आर्थिक विकास में संतुलन बनाकर ही हम सशक्त और नए भारत के निर्माण की तरफ आगे बढ़ रहे हैं.
पीएम ने कहा कि ब्रजभूमि ने हमेशा से ही पूरे विश्व और पूरी मानवता को प्रेरित किया है.आज पूरा विश्व पर्यावरण संरक्षण के लिए रोल मॉडल ढूंढ रहा है.लेकिन भारत के पास भगवान श्रीकृष्ण जैसा प्रेरणा स्रोत हमेशा से रहा है, जिनकी कल्पना ही पर्यावरण प्रेम के बिना अधूरी है.
वैश्विक समस्या है आतंकवाद
आज आतंकवाद एक विचारधारा बन गई है, जो किसी सरहद से नहीं बंधी है. ये एक वैश्विक समस्या है, जिसकी मजबूत जड़ें हमारे पड़ोस में फल-फूल रही हैं.आतंकवादियों को पनाह और प्रशिक्षण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भारत पूर्ण रूप से सक्षम है और हमने करके दिखाया भी है.
कृषि से जुड़े दूसरे विकल्पों पर कही ये बात
किसानों की आय बढ़ाने में पशुपालन और दूसरे व्यवसायों की भी बहुत बड़ी भूमिका है. पशुपालन हो, मछली पालन हो या मधुमक्खी पालन, इन पर किया गया निवेश ज्यादा कमाई कराता है. इसके लिए बीते 5 वर्षों में कृषि से जुड़े दूसरे विकल्पों पर हम एक नई अप्रोच के साथ आगे बढ़े हैं. उन्होंने कहा कि पशुधन की गुणवत्ता और स्वास्थ्य से लेकर डेयरी प्रोडक्ट्स की वैरायटी को विस्तार देने के लिए जो भी जरूरी कदम थे, वो उठाए गए हैं.
दुधारु पशुओं की गुणवत्ता के लिए पहले राष्ट्रीय गोकुल मिशन शुरु किया गया और इस वर्ष देश पशुओं की उचित देखरेख के लिए कामधेनु आयोग बनाने का निर्णय हुआ.इसी नई एप्रोच का परिणाम है कि 5 साल के दौरान दूध उत्पादन में करीब 7% की वृद्धि हुई है. किसानों, पशुपालकों की आय में करीब 13% की वृद्धि दर्ज की गई है.
पशुधन को लेकर रखी अपनी बात
पशुधन को लेकर सरकार कितनी गंभीर है कि सरकार के 100 दिनों में जो बड़े फैसले लिए गए, उनमें से एक पशुओं के टीकाकरण से जुड़ा है. इस अभियान को विस्तार देते हुए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम और कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम की शुरुआत की गई है.