Gwalior… अस्पताल का हाल:नहीं बना आईसीयू, अब दूरी और आबादी के नियम से फिर शुरू हुई कवायद

दीनदयाल नगर के 30 बिस्तर के अस्पताल में गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) के लिए अब नया रास्ता निकाला गया है। शुरूआत में इस अस्पताल में आईसीयू बनाने से ये कहते हुए इनकार किया गया कि 30 बिस्तर के अस्पताल में आईसीयू नहीं होता, फिर दीनदयाल नगर विकास समिति के पदाधिकारी एवं स्थानीय लोगों ने छिंदवाड़ा के एक अस्पताल का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री तक को पत्र लिखे।

जिसमें बताया गया कि छिंदवाड़ा के 30 बिस्तर वाले अस्पताल में आईसीयू है। फिर यहां क्यों नहीं बन सकता। उसके बाद विभाग में हलचल शुरू हुई और फिर दो नियम तलाशे गए। जिनके मुताबिक यदि 10 किलोमीटर के दायरे में कोई आईसीयू न हो या फिर घनी आबादी के बीच अस्पताल हो तो उसमें आईसीयू बनाया जा सकता है।

दीनदयाल नगर में जो अस्पताल बना है वह लगभग 2 लाख की आबादी के बीच तैयार हुआ है। इसलिए यहां आईसीयू बनाए जाने का प्रस्ताव फिर शासन के पास भेजा गया है। इस अस्पताल में 10 बेड का आईसीयू बनाने में 42 लाख 50 हजार रुपए का अनुमानित खर्च आएगा।

अस्पताल की लागत 4 करोड़ 68 लाख रुपए रखी गई थी जिसमें से लगभग 1 करोड़ रुपए का फंड बचा है। इसी राशि में आईसीयू बने तो शासन से अलग फंड नहीं लेना होगा। इस मामले में पूर्व मंत्री माया सिंह ने भी मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर आग्रह किया है। हाउसिंग बोर्ड के उपायुक्त एसके सुमन ने कहा कि अस्तपाल में आईसीयू को लेकर विभाग एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार पत्राचार किया जा रहा है।

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