Gwalior/ एलिवेटेड रोड ….. सीवर चेंबर रोड़ा नहीं बनें इसलिए पिलर की डिजाइन बदलेगी और बढ़ेगी स्पान की संख्या

स्वर्ण रेखा नदी में बिछी सीवर लाइन और उसके चेंबर एलिवेटेड रोड के निर्माण में बाधक न बनें। इसलिए फ्लाई ओवर के पिलर डिजाइन में बदलाव किया जाएगा। ताकि, सीवर लाइन और चेंबर भी बचे रहें एवं पिलर भी बनते जाएं। हालांकि, ऐसा करने से स्पान की संख्या बढ़ेगी। लेकिन भविष्य की परेशानियां खत्म हो जाएंगी। लोक निर्माण विभाग के सेतु संभाग ने इसकी प्लानिंग की है। केंद्र सरकार से एलिवेटेड रोड के लिए 406 करोड़ रुपए की राशि आवंटित होने के बाद इसकी प्रक्रिया तेज हो गई है। पीडब्ल्यूडी, नगर निगम एवं पीएचई की संयुक्त टीम प्रस्तावित रूट पर नदी क्षेत्र में सीवर लाइन व चेंबर का सर्वे करेगी। जानकारी के अनुसार स्वर्ण रेखा नदी में जो सीवर लाइन है उसमें शहर के सैकड़ों नालों की गंदगी मिलती है और जलालपुर के पास उसे निकाला जाता है।

सीमांकन कर अतिक्रमण किए जाएंगे चिह्नित

  • एलिवेटेड रोड के लिए लक्ष्मीबाई समाधि स्थल से ट्रिपल आईटीएम के पास तक के प्रस्तावित रूट का सर्वे जल्द शुरू होगा। जिसमें 7 स्थानों पर बनने वाले लूप (फ्लाई ओवर पर आने-जाने का रास्ता) बनाने के लिए पर्याप्त जगह देखी जाएगी। रमटापुरा, रानीपुरा, हजीरा पुल, खेड़ापति कॉलोनी के पीछे ऐसे प्वाइंट हैं। जहां कुछ संपत्तियां अतिक्रमण के दायरे में आएंगी। खेड़ापति कॉलोनी के पिछले हिस्से में कुछ मकानों को पीडब्ल्यूडी द्वारा पहले भी नोटिस दिए जा चुके हैं।
  • स्वर्ण रेखा नदी में कई जगह काफी ज्यादा मोड़ हैं और उनके मुताबिक फ्लाई ओवर टर्न नहीं ले पाएगा। इसलिए ऐसे प्वाइंट पर यदि शासकीय जमीन नहीं हुई तो निजी जमीन या मकान का अधिग्रहण कर फ्लाई ओवर के पिलर खड़े किए जाएंगे। ऐसी ज्यादातर जगह खेड़ापति कॉलोनी के पीछे, रमटापुरा, रानीपुरा, मछली मंडी वाले रूट में सामने आ रही हैं, लेकिन इन स्थानों पर स्थिति पूरी तरह सर्वे के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।

एक्सपर्ट व्यू: प्लानिंग ऐसी है कि सीवर लाइन सिस्टम भी बच जाएगा और फ्लाईओवर भी बन जाएगा

  • स्वर्ण रेखा नदी में निकली सीवर लाइन को लेकर पहले ये बात सामने आई थी कि लाइनें क्षतिग्रस्त हो जाएंगी, लेकिन एलिवेटेड रोड की प्लानिंग इस प्रकार की गई है कि जहां भी सीवर लाइन या चेंबर आएंगे, वहां पिलर नहीं बनाए जाएं। बल्कि उससे आगे-पीछे पिलर खड़े कर दें और इस्पान का उपयोग ठीक से किया जाए। ऐसा होने पर सीवर लाइन सिस्टम भी बच जाएगा और फ्लाई ओवर का काम भी पूरी तरह सुरक्षित तरीके से होगा। – मोहर सिंह जादौन, रिटायर्ड कार्यपालन यंत्री, सेतु संभाग (एलिवेटेड रोड का डिजाइन तैयार कराने वाले अधिकारी )
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