इंदौर: एमटीएच अस्पताल का हाल …? तलघर में पानी, लिफ्ट में करंट, नालियां भी चोक; MTH : ये प्रदेश का सबसे बड़ा महिला अस्पताल है

पान की पीक से रंगी हुई दीवार की यह तस्वीर किसी पान की गुमटी की नहीं है। यह प्रदेश के सबसे बड़े महिला अस्पताल एमटीएच की है। 50 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद यह बहुमंजिला इमारत तैयार की गई। यहां 500 बेड की क्षमता है। इतने बड़े अस्पताल की अव्यवस्थाओं से मरीज ही नहीं स्टाफ भी हलाकान है।

कर्मचारियों के लिए वॉशरूम तक नहीं है। गंदगी का आलम ऐसा कि परिसर तक में मेडिकल वेस्ट पड़ा रहता है, जबकि सफाई के नाम पर यहां 250 कर्मचारियों का स्टाफ है। इनमें से कितने सफाई का काम देख रहे हैं, यह किसी को नहीं पता।

जरूरी दवाइयां भी स्टॉक में नहीं होना बता टाल देते हैं
कई बार जरूरी एंटीबायोटिक इंजेक्शन तक नहीं मिल रहे हैं। डाईक्लो व ट्रामाडोल तक को स्टॉक में नहीं होना बता दिया जाता है। दर्द में मरीज हाेता है तो फिर उसी से मंगवाना पड़ता है। कुछ महीने पहले ही यहां एमवायएच से स्त्री एवं प्रसूति रोग सेवाएं शिफ्ट हुईं। अभी दवाइयां एमवायएच से ही यहां भेजी जाती हैं, क्योंकि इसका बजट मंजूर नहीं हुआ।

कुछ दिन पहले ओटी की नालियां चोक होने से यूनिट इंचार्ज ने ऑपरेशन करने से मना कर दिया था। एनेस्थीसिया की मशीन खराब होने के कारण इस ओटी में काम नहीं हो रहा है। हाईजीन का कितना ख्याल रखा जा रहा है इसका अंदाजा परिसर में पड़े बायोमेडिकल वेस्ट के ढेर से लगाया जा सकता है।

तेज बारिश में भर जाता पानी लिफ्ट में करंट आने लगता है जब भी तेज बारिश होती है तलघर में पानी भर जाता है। पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर मोटर लगवा कर पानी निकालते हैं। लिफ्ट से करंट आने लगता है तो उसे बंद करना पड़ता है।

सीधी बात डॉ. अनुपमा दवे, एमटीएच, प्रभारी

सफाई के लिए कितना स्टाफ नियुक्त है? – 250 का स्टाफ है जो सफाई व सुरक्षा का काम देख रहे हैं।

परिसर में भी कचरे का ढेर है और वार्डों में भी? – सफाईकर्मी बढ़ा रहे हैं। मरीज के साथ दस-दस परिजन आ रहे हैं। वे गंदगी कर देते हैं। परिसर में पानी जमा हो रहा था, कचरा उठवा लेंगे।

एंटीबायोटिक दवाइयां भी उपलब्ध नहीं होती तो मरीज से बाजार से मंगवाना पड़ रही हैं? – कुछ दिन पहले परेशानी आई थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। दवाइयां खरीदी के आदेश भी जारी हो चुके है।

पीडब्ल्यूडी : पीडब्ल्यूडी के राजेश मकवाना कहते हैं कि सफाई नहीं होने से यह समस्या हुई। नालियों में कपड़े फंसने व वॉशरूम में चीजें डालने से ऐसी समस्या आई है। बजट मंजूरी होते ही नालियों का काम करवाएंगे।

सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल: ओटी में भर जाता पानी, गंदगी से स्टाफ नहीं बैठा तो ओपीडी रोकी

250 करोड़ की लागत से बने सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में सीलिंग गिरने के बाद बुधवार को पोस्ट ऑपरेटिव पेशेंट को देखने के लिए कतार में लगाया गया। इसी बीच डॉक्टर को कक्ष से उठकर बाहर जाना पड़ा। कारण पूछने पर स्टाफ ने बताया कि सफाई करवा रहे हैं। वहां बैठने पर बदबू आ रही थी। इसके अलावा यहां भी तेज बारिश में 7वीं मंजिल की ओटी में पानी भर जाता है। इससे यहां काफी दिक्कत होती है।

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