Gwalior… निजी अस्पताल के संचालकों की बैठक ….. प्रथम चरण में 50 बेड की क्षमता वाले निजी अस्पतालों को मिलेगी कोविड मरीज भर्ती करने की अनुमति

कोविड के मरीज बेड, आईसीयू और ऑक्सीजन की उपलब्धता के आधार पर चरणबद्ध ढंग से प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कराए जाएंगे। इसके लिए अस्पताल की तीन कैटेगरी बनाई गई हैं। प्रथम चरण में ऐसे निजी अस्पताल व नर्सिंग होम में कोरोना मरीज भर्ती किए जाएंगे, जिनमें कम से कम 50 बेड हैं।

अस्पतालों को मरीजों भर्ती करने से पूर्व सार्थक पोर्टल पर अनिवार्यत: नोटिफिकेशन कराना होगा। जरूरत होने पर दूसरे चरण में कम से कम 30 बेड तक की क्षमता वाले और तीसरे चरण में 30 बेड से कम क्षमता वाले प्राइवेट अस्पतालों को कोविड मरीज का इलाज करने की अनुमति रहेगी।

यह निर्णय सोमवार को कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह और संभागीय कमिश्नर आशीष सक्सेना ने प्राइवेट अस्पताल संचालकों की बैठक में लिया। कलेक्टर ने कहा जिन प्राइवेट अस्पतालों को कोविड अस्पताल के रूप में अधिकृत किया जाएगा, वहां उपलब्ध सुविधाओं व व्यवस्था का सत्यापन करने जिला प्रशासन की विशेष टीम जाएगी।

व्यवस्था ठीक होने पर ही वहां पर कोविड मरीज भर्ती करने की अनुमति मिलेगी। प्रथम चरण में अपोलो हॉस्पिटल, बीआईएमआर (बिड़ला), केडीजे, सिम्स, लिंक, नवजीवन, आईटीएम, मानसरोवर केयर, महेश्वरी नर्सिंग होम व कल्याण इत्यादि हॉस्पिटल के प्रबंधन ने कोविड मरीज को इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने की मंजूरी दी।

कलेक्टर ने नर्सिंग कॉलेज के संचालकगणों की भी बैठक ली। उन्होंने निर्देश कि कोविड मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन सहित सभी व्यवस्था पुख्ता हो। सबसे पहले नर्सिंग कॉलेज में मरीज भर्ती कराए जाएंगे। बैठक में शामिल न होने वाले 13 नर्सिंग होम संचालकों को सीएमचओ मनीष शर्मा ने नोटिस जारी किया है।

अस्पतालों को रेट लिस्ट बड़े अक्षरों में चस्पा करनी होगी

बैठक में कलेक्टर ने कहा, प्राइवेट अस्पतालों को बड़े अक्षरों में रेट लिस्ट चस्पा करना होगी ताकि मरीज को पता हो कि जिस अस्पताल में इलाज लेने गए हैं, वहां हर सुविधा के क्या रेट हैं। मरीजों पर किसी भी प्रकार से ओवर बिलिंग न की जाए।

वीसी के जरिए प्रभारी मंत्री ने की तैयारियों की समीक्षा

प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जिले में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि ऑक्सीजन, बेड के इंतजाम पूरे हों। मरीजों को दवाओं और अस्पताल में भर्ती होने के लिए भटकना ना पड़े। बाजारों में सोशल डिस्टेसिंग के नियमों का पालन कराएं।

मास्क को लेकर अभियान चलाएं। पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल ने कहा, मरीजों के लूट का अवसर प्राइवेट अस्पतालों के लिए न बन जाएं। मंत्री ने कलेक्टर-कमिश्नर को निर्देश दिए कि प्राइवेट अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को जो बिलिंग होगी, उस पर निगरानी रखी जाए।

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