कल, आज और कल …… सबसे युवा सांसद रहे पहले भगवाधारी मुख्यमंत्री, जानिए 20 साल बाद कहां और कैसे होंगे
सिर्फ 26 साल की उम्र में सांसद बनकर लोकसभा पहुंचने वाले योगी आदित्यनाथ 20 साल बाद इंटरनेशनल हिंदुत्व के चेहरे हो सकते हैं। मशहूर ज्योतिषाचार्य नस्तूर दारूवाला यही कहते हैं। दैनिक भास्कर की ‘कल, आज, कल’ प्रस्तुति के लिए उन्होंने सीएम योगी को लेकर भविष्यवाणी की।
वह कहते हैं कि जेमिनी राशि वाले सीएम योगी का जन्म 5 जून को हुआ था। 5 अंक बुध ग्रह का है, वाणी का है। बुध-केतु ग्रहों के संयोग से वह संन्यासी हैं। इसलिए उन्होंने शादी भी नहीं की। कुंडली के ग्रह कहते हैं कि उनके पीएम बनने के चांस कम हैं। मगर नीच भंग राजयोग, शून्य से उन्हें अग्नि का सितारा बना देता है।
2027 के बाद 15 साल तक वह समाज और धर्म के लिए काम करेंगे। वह भाजपा में सदैव पावर में रहेंगे। यूपी में उनका दबदबा रहेगा। 20 साल बाद वह इंटरनेशनल धर्मगुरु हो सकते हैं।
विधानसभा चुनाव 2022 में …. प्रतिदिन दिग्गज नेताओं के कल, आज, कल के बारे में आपको बताएगा। इस प्रस्तुति में आने वाले कल में सीएम योगी की काल्पनिक तस्वीर को फोटोशॉप की मदद से तैयार किया गया है।
ग्रेजुएशन करते हुए एबीवीपी से जुड़े, 22 साल में संन्यासी बने
- उनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के पंचूर गांव में हुआ था।
- 1990 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते हुए एबीवीपी से जुड़ गए।
- 1993 में गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर रिसर्च करने गोरखपुर आए।
- यहां गोरखनाथ पीठ के महंत अवैद्यनाथ जी की नजर में योगी आ गए।
- योगी आदित्यनाथ ने 22 साल में संन्यास ग्रहण किया।
- इसके बाद उनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गया।
महंत योगी सबसे युवा सांसद, आजमगढ़ में हुआ था जानलेवा हमला
- योगी गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर के महंत हैं।
- आदित्यनाथ 12वीं लोकसभा के सबसे युवा सांसद थे।
- 1999 में गोरखपुर से दोबारा सांसद चुने गए।
- 2004 में तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता। वह 5 बार सांसद चुने गए।
- 2008 को योगी पर आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ था।
- 2017 विधानसभा चुनाव में अमित शाह ने योगी से प्रचार कराया।
- जीत के बाद उन्होंने सीएम की शपथ ली थी।
हठयोग पर सीएम ने किताबें लिखीं, योगवाणी के संपादक हैं
- यौगिक षटकर्म, हठयोग: स्वरूप एवं साधना, राजयोग: स्वरूप एवं साधना और हिन्दू राष्ट्र नेपाल नामक पुस्तकें लिखीं।
- श्री गोरखनाथ मंदिर से प्रकाशित होने वाली वार्षिक पुस्तक ‘योगवाणी’ के वह प्रधान संपादक हैं।