ग्वालियर. … यहां तेजी से गिर रहा है जमीन का जल स्तर, वैज्ञानिक भी हैरान

ग्वालियर जिले के कई इलाकों में जमीन का जल स्तर तेजी से गिरने लगा है। इस तरह सर्दी और बारिश के दिनों में जल स्तर इतनी तेजी से नीचे जाने पर भू

वैज्ञानिक भी हैरान हैं।

ग्वालियर. मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के कई इलाकों में जमीन का जल स्तर तेजी से गिरने लगा है। आलम ये है कि, इस तरह सर्दी और बारिश के दिनों में जल स्तर इतनी तेजी से नीचे जाने पर भू-वैज्ञानिक भी हैरान हैं और उनके लिए ये चिंता का विषय बनता जा रहा है। जानकारों की मानें तो अगर जल्द ही इसकी कोई ठोस वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई तो आगामी गर्मियों में जिले के अधिकतर इलाकों में गंभीर जल संकट की समस्या खड़ी हो जाएगी। बत दें कि, जिले के भितरवार ब्लॉक के 33 गांवों के हालात बहुत ख़राब हैं। यहां मौजूदा समय में ही जमीन का जल स्तर 700 से 800 फीट नीचे जा चुका है।

गौरतलब है कि ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा के अंतर्गत आने वाले बरई‚ रानीघाटी‚ आरोन‚ पाटई समेत 33 से भी ज्यादा गांव भू-जल स्तर गिरने की समस्या से जूझ रहे हैं। इन गांवों का मुद्दा ग्वालियर सांसद विवेक शेजवलकर भी लोकसभा में उठा चुके हैं। सांसद विवेक शेजवलकर ने संसद में इन गांवों में लगातार घटते भू-जल स्तर के कारणों एवं जल उपलब्ध कराने की संभावनाओं को लेकर जल विशेषज्ञ सर्वेक्षण टीम को भेजने की मांग केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री से की थी। सांसद की मांग पर जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार की ग्राउंड वाटर एक्सपर्ट कमेटी, सेंट्रल बोर्ड भोपाल के वरिष्ठ भू-जल वैज्ञानिक डॉ राकेश सिंह के नेतृत्वे में भू-जल वैज्ञानिकों के दल ने सांसद से बैठक भी की है।

वैज्ञानिकों का दल जल्द पेश करेगा रिपोर्ट

बैठक के दौरान सांसद ने भितरवार विधानसभा के 33 से अधिक गांवों की जल समस्या की जानकारी दी। साथ ही ये भी कहा कि, इन गांवों में जमीन का जल स्तर 700 से 800 फीट तक नीचे जा चुका है। किसान सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। कई परिवार पलायन करने को मजबूर हैं। भू-जल की मौजूदा स्थिति को सुधारने और समस्या के स्थायी समाधान की जरूरत है। अब वैज्ञानिकों का दल गिरते भू-जल के कारण और यहां जल की उपलब्धता कराने के संबंध में जल्द ही विस्तृत रिपोर्ट पेश करेगा।

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