बरेली…शराब माफिया के कुछ अफसरों व नेताओं से था गठजोड़ … जिनकी मदद से शराब माफिया व उसकी गैंग ने की 100 करोड़ की टैक्स चोरी

सहारनपुर के कोऑपरेटिव कंपनी लिमिटेड टपरी शराब फैक्ट्री से शराब चोरी कर सरकार को 100 करोड़ का चूना लगाने वाले बरेली के शराब माफिया मनोज जायवाल व उसके साथियों के जेल जाने के बाद इसी मामले में गिरफ्तार गिए गए तत्कालीन आबकारी इंस्पेक्टर अरविंद वर्मा निवासी हरदोई ने अब चौकाने वाले खुलासे किए हैं। STF 6 महीने से फरार चल रहे अरविंद की गिरफ्तारी के लिए उसपर 25 हजार का इनाम रखा गया था। STF की पूछताछ में उसने पूरे मामले का राजफाश भी किया। इसी के साथ उसने बताया कि किस तरह से शराब माफिया मनोज कुछ अफसरों, सफेदपोश नेताओं की सरपरस्ती में कई सालों से यह शराब चोरी का काम करते हुए सरकार को 100 करोड़ का चूना लगाया।

मामले में नाम आने के बाद शासन-प्रशासन के कुछ अधिकारी, सफेतपोश नेता और कारोबारी सकते में
मामले में नाम आने के बाद शासन-प्रशासन के कुछ अधिकारी, सफेतपोश नेता और कारोबारी सकते में

कुछ शासन-प्रशासन के अधिकारी भी मददगार

मार्च 2021 में बरेली क्राइम ब्रांच ने बारादरी पुलिस की मदद से दो ट्रक देशी शराब के साथ ट्रक ड्राइवरों को पकड़ा था। जिसके बाद बरेली के शराब कारोबारी और डाउन-टाउन 25 बार के मालिक मनोज जायसवाल का नाम सुर्खियों में आया।

, जांच के दौरान पता चला कि मनोज जायसवाल टपरी शराब फैक्ट्री से गैंग के साथ मिलकर 100 करोड़ की टैक्स चोरी की है। मामले की जांच ICT से कराई गई। जिसके बाद जांच में कई शासन-प्रशासन के अफसरों और सफेतपोश नेताओं के साथ ही कुछ बड़े बिजनेसमैन के साथ ही एक समाज सेविका का नाम भी सामने आया।

STF ने जब गिरफ्तार आबकारी इंस्पेक्टर अरविंद कुमार से बात की तो उसने कई लोगों ने नाम बताए हैं। इसमें बड़े शासन प्रशासन के कुछ बड़े अफसर के साथ ही बरेली के एक पूर्व सीओ के साथ नीरा राडिया नाम की एक महिला के साथ सफेदपोश नेताओं के नाम आए है। अब खुफिया ईकाईयां भी इस मामले की अपने स्तर से जांच करने में जुट गई हैं।

पूर्व DM मनवेंद्र सिंह पर उठे सवाल

शासन प्रशासन ने एक साल पूर्व जब दो ट्रक पकड़े, जिसमें बरेली के डाउन-टाउन 25 बार के मालिक मनोज जायसवाल द्वारा तस्करी कर 100 करोड़ के राजस्व चोरी की बात सामने आई तो पुलिस तो तत्कालीन अधिकारियों ने उनके बार को सीज कर दिया था।

तत्कालीन DM संजय कुमार के आदेश पर पुलिस ने शराब माफिया मनोज कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेजा। 3 महीने पहले संजय कुमार का ट्रांसफर हो गया। जिसके बाद DM मानवेंद्र सिंह आए।

इसी दौरान मनोज के परिजनों ने उनसे मुलाकात की तो उन्होंने नरमी दिखाते हुए डाउन-टाउन 25 बार को ओपेन करा दिया था। मामला मीडिया में सुर्खियों में आया तो लखनऊ तक गूंजा। जिसके बाद एक बार फिर बार सीज हुआ। करीब 10 दिन पहले शासन-प्रशासन ने 10 करोड़ के बार को गिरा दिया गया।

पूरी तरह से अवैध निकला बार

शासन प्रशासन की जांच में सामने आया कि यह बार पूरी तरह से अवैध रूप से बना है। इसे बनाने के लिए BDA से आवासीय नक्शा पास कराया था। जबकि इसमें व्यापारिक गतिविधि मिली। इतना ही नहीं बार को जिस जगह पर बनाया गया था।

वहां बार या रेस्टोरेंट की अनुमति भी नहीं थ। इसी के साथ कुछ सरकारी जमीन पर भी कब्जा कर बार बनाया गया था। पहले तो BDA अधिकारी मिलीभगत कर चुप्पी साधे रहे लेकिन बाद में जब लखनऊ से सख्ती हुई तो बार को अवैध बताकर ढहा दिया।

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