भोपाल मप्र का पहला शहर:चार स्थानों पर 24 घंटे होगी शोर की मॉनिटरिंग; रियल टाइम एंबीएंट नॉइस मॉनिटरिंग सिस्टम लगेंगे

राजधानी में अगले महीने से एयर पॉल्यूशन की तरह नॉइस पॉल्यूशन की भी 24 घंटे मॉनिटरिंग होगी। अगले महीने शहर में 4 स्थानों पर रियल टाइम एंबीएंट नॉइस मॉनिटरिंग सिस्टम लगेंगे। मप्र में भोपाल पहला शहर होगा, जहां यह मॉनिटरिंग सिस्टम लगने जा रहा है। देश में दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, हैदराबाद, लखनऊ, बंगलुरू, चेन्नई, कोलकाता जैसे कुछ शहरों में इस तरह की मॉनिटरिंग के सिस्टम लगे हुए हैं।

एनजीटी के एक आदेश के बाद विभिन्न शहरों में रियल टाइम एंबीएंट नॉइस मॉनिटरिंग सिस्टम लगाए जा रहे हैं। मप्र पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड भोपाल में अरेरा कॉलोनी ई-5 (रेसीडेंशियल), हमीदिया रोड (कमर्शियल), गोविंदपुरा (इंडस्ट्रीयल) और बैरागढ़ सिविल अस्पताल (साइलेंस जोन) के यहां यह सिस्टम लगाएगा।

स्थानों का चयन इस तरह किया गया है कि अलग-अलग इलाकों में और अलग-अलग कैटेगरी में नॉइस पॉल्यूशन की मॉनिटरिंग हो जाए। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रीजनल अॉफिसर बृजेश कुमार शर्मा के अनुसार अगले महीने यह उपकरण इंस्टाल हो जाएंगे। इसके बाद रियल टाइम आंकड़े जुटाए जाएंगे और इनका दैनिक, मासिक और वार्षिक आधार पर एनालिसिस किया जाएगा। इन उपकरण पर लगभग 64 लाख रुपए खर्च होंगे।

पहली बार 26 दिन से मॉडरेट है पॉल्यूशन

शहर का पॉल्यूशन स्तर एक साल में पहली बार लगभग 26 दिन तक मॉडरेट बना हुआ है। न केवल टीटी नगर क्षेत्र, बल्कि गोविंदपुरा, कोलार, बैरागढ़, होशंगाबाद, हमीदिया रोड और अरेरा कॉलोनी क्षेत्र में भी एयर क्वालिटी इंडेक्स मॉडरेट या सेटिसफेक्टरी रहा।

इसका कारण शहर के जिन इलाकों में एक्यूआई मापने वाली मशीनें लगी हुई हैं, वहां सड़कें उखड़ी होने से लगातार धूल उड़ रही थी। वहीं सर्दी अधिक होने से जगह-जगह कचरा जलाया जा रहा था। इस पर पीसीबी ने नगर निगम की मदद से दो मुहिम चलाई। पहली- खुले में कचरा जलाने पर रोक लगाई। दूसरी सड़कों का डामरीकरण भी हुआ।

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