PNB ने माना- फंसे हैं 25000 करोड़ के कर्ज, लोन लेकर भागने वालों की ‘हिट-लिस्ट’ में कई बड़े नाम शामिल
मुंबई, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने माना है कि पूरे भारत में कुल 1,142 बड़े और छोटे डिफॉल्टरों के पास बैंक का लगभग 25,090.3 करोड़ रुपये का कर्ज फंसा है। बैंक ने 23,879.8 करोड़ रुपये की वसूली के लिए 1,142 में से 1,108 डिफॉल्टरों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। बाकी 34 डिफॉल्टरों के खिलाफ कोई मुकदमा दायर नहीं किया गया है, जिन पर बैंक का कुल 1,210.5 करोड़ रुपये बकाया है।
बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) को 31 मार्च, 2019 तक के इन सभी फंसे खातों की स्थिति के बारे में जानकारी दी है। पंजाब नेशनल बैंक ने सभी डिफॉल्टर्स की एक ‘हिट-लिस्ट’ तैयार की है, जिन पर पीएनबी का 25 लाख रुपये और उससे अधिक बकाया है। ये कर्ज दिल्ली, चंडीगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल स्थित बैंक के ब्रांच से दिए गए थे।
कर्ज लेने वाली कुछ कंपनियों का रजिस्ट्रेशन विदेशों में है, जबकि अन्य जो भारत में रजिस्टर्ड हैं, उन्होंने अपनी विदेशी शाखाओं से पीएनबी से कर्ज लिया है। इस लिस्ट में भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के अलावा भी और कई लोग हैं। लिस्ट में फरार विजय माल्या भी है, जिसके किंगफिशर एयरलाइंस के खाते में 597.4 करोड़ रुपये का बकाया है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, पीएनबी इस मामले को सीबीआई और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) को सौंप सकता है।
ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन के महासचिव सी. एच. वेंकटचलम ने आइएएनएस को बताया, ‘यह बहुत गंभीर मामला है कि एक बैंक के पास सार्वजनिक धन के बकाएदारों की इतनी बड़ी संख्या है।’
उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा, यह एक बैंक तक ही सीमित नहीं है और सभी बैंकों में इस तरह से कर्ज फंसे हुए हैं। बड़ी संख्या में डिफॉल्टर्स कॉरपोरेट या बड़ी कंपनियां हैं और उन सभी का फोरेंसिक ऑडिट किया जाना चाहिए। बैंक उन बड़े-बड़े डिफॉल्टर्स के खिलाफ आपराधिक मामले क्यों दर्ज नहीं करता, जबकि केवल सिविल मामला दर्ज होता है, जो सालों तक खिंचता रहता है।’
गौरतलब है कि मोदी और चोकसी की जोड़ी ने पीएनबी को साल 2018 की शुरुआत में 14,000 करोड़ रुपये का चूना लगाया था।