बिना परमिट चल रही खटारा एम्बुलेंस:आगरा में बिना मेडिकल किट और नर्सिंग स्टाफ के दौड़ रही गाड़ियां, मुख्यमंत्री तक शिकायत के बाद भी नहीं होती कार्रवाई
ताजनगरी आगरा में खटारा गाड़ियां एम्बुलेंस की शक्ल में खुलेआम फर्राटा भर रही हैं। कोई भी मानक पूरा न होने के बाद भी यह एम्बुलेंस शहर में मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रही हैं। शिकायतों के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
अस्पतालों की बड़ी मंडी बन चुके आगरा शहर में एम्बुलेंस चालकों का कॉकस भी फल फूल रहा है। आस- पास के शहरों और राजस्थान व एमपी राज्यों से कैरियर के माध्यम से मरीजों की खरीद फरोख्त अब आम बात हो गयी है। इस खरीद फरोख्त में सबसे अहम भूमिका एम्बुलेंस चालकों की होती है। दूसरे शहरों, राज्यों और ग्रामीण क्षेत्रों से इलाज के लिए आगरा आने वाले मरीजों को लाने के लिए कैरियरों का पूरा सिंडिकेट काम कर रहा है। हालात यह हैं की खटारा हो चुकी गाड़ियों को एम्बुलेंस की शक्ल देकर दौड़ाया जा रहा है। इन गाड़ियों में सायरन के अलावा कुछ भी नहीं होता है। बिना इमरजेंसी मेडिकल किट और नर्सिंग स्टाफ के यह एम्बुलेंस धड़ल्ले से घूम रही हैं। अधिकांश गाड़ियों के चालकों के पास कमर्शियल लाइसेंस तक नहीं है। दूसरे राज्यों के नम्बर पर भी तमाम गाड़ियां चल रही हैं। पकड़े जाने पर यह किसी न किसी निजी अस्पताल का नाम बताती हैं और निकल जाती हैं। ऑल यूपी एम्बुलेंस आपरेटर वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रवि सिसोदिया का कहना है की बिना मानकों के चल रही एम्बुलेंस के चलते सही काम करने वालों की भी बदनामी हो रही है। गाड़ी में इमरजेंसी किट, प्लस मीटर और नर्सिंग स्टॉफ के बिना गंभीर मरीजों को लाया जाता है और रास्ते मे कोई घटना होने पर विवाद होता है।
मुख्यमंत्री तक शिकायत पर सिर्फ आश्वासन
रवि सिसोदिया का कहना है की उन्होंने आरटीओ, सीएमओ और जिलाधिकारी समेत मुख्यमंत्री पोर्टल भी शिकायत की है। एक दो बार गाड़ियां बन्द भी की गई पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। सब अधिकारी सिर्फ आश्वासन ही देते हैं। तमाम अस्पतालों से सेटिंग कर बिना कागजों के चलने वाली गाड़ियां मरीजों की खरीद फरोख्त कर रही हैं।
एडीएम सिटी अंजनी कुमार के अनुसार उनके संज्ञान में मामला नहीं है अगर ऐसा है तो जांच कर अभियान चलाते हुए कार्रवाई की जाएगी।