मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के गृहजिलों में डॉक्टरों का संकट … स्पेशलिस्ट डॉक्टर और स्टाफ की कमी, भोपाल संभाग में 50 से ज्यादा डिलीवरी पॉइंट चालू नहीं

तमाम कोशिशों के बाद भी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी दूर नहीं हो पा रही है। इस वजह से आम मरीजों को ही नहीं बल्कि प्रसव पीड़ा से जूझती गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों के बीच भटकना पड़ता है। प्रसूताओं और नवजातों की मौतों को रोकने के लिए एनएचएम गर्भवती की कंडीशन के हिसाब से प्रसव के इंतजाम करने के दावे करता है। लेकिन भोपाल संभाग में ही डॉक्टर और स्टाफ न होने के कारण आधा दर्जन अस्पतालों में प्रसव की सुविधा (डिलीवरी पॉइंट्स) बंद हैं।

स्वास्थ्य मंत्री के जिले में भी डिलीवरी पॉइंट फंक्शनल नहीं

शुक्रवार को प्रशासन अकादमी में हुई भोपाल संभाग के स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा में मातृत्व और शिशु स्वास्थ्य पर खासा जोर रहा । भोपाल संभाग में सिविल अस्पताल और सीएचसी लेवल के छह अस्पताल ऐसे हैं जहां डॉक्टरों की कमी के कारण प्रसव नहीं हो पा रहे हैं। इनमें प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर प्रभुराम चौधरी का गृह जिला भी अछूता नहीं हैं। रायसेन जिले के बरेली सिविल अस्पताल में स्पेशलिस्ट डॉक्टर न होने के कारण प्रसव नहीं हो पा रहे हैं। राजगढ़ जिले के ब्यावरा और नरसिंहगढ़ सिविल अस्पताल में भी यही स्थिति है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर के नसरूल्लागंज सिविल अस्पताल में भी एनेस्थेस्टिस्ट न होने के कारण प्रसव नहीं हो पा रहे हैं। विदिशा जिले के गंजबासौदा और सिरोंज सिविल अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के कारण डिलीवरी पॉइंट फंक्शनल नहीं हैं। इन सभी सीमॉक संस्थाओं में हर महीने कम से कम पांच सिजेरियन डिलीवरी होनी चाहिए।

इन अस्पतालों में नॉर्मल डिलीवरी भी नहीं हो पा रही

लेवल 1 स्तर के डिलीवरी पॉइंट्स पर हर महीने कम से कम तीन प्रसव होने चाहिए। जबकि लेवल 2 स्तर के अस्पतालों में प्रतिमाह 10 डिलीवरी होनी चाहिए। लेकिन, भोपाल संभाग में तीन दर्जन ऐसे अस्पताल हैं जहां सामान्य प्रसव भी नहीं हो रहे हैं।

इन अस्पतालों में प्रसव की सुविधा नहीं

  • रायसेन : PHC बरखेड़ा, चिकलोद और उपस्वास्थ्य केन्द्र घोघरी
  • राजगढ़ : PHC कालीपीठ, रामगढ़, धामंदा, उपस्वास्थ्य केन्द्र (SHC)- बोरखेड़ा, किला अमरगढ़, हिरनखेडे़ न्यू, कालीतलाई न्यू, सिंदुरिया, झंझारपुर, कोटरीकलां, माना, मंडावर, गिंदोरमीणा, संदवाता
  • सीहोर: PHC भाऊखेड़ी, शाहगंज, मर्दनपुर, उप स्वास्थ्य केन्द्र (SHC)- बोरखेड़ा, श्यामपुर, पगरियाहाट, चारनाल, खंड़वा न्यू, खारी न्यू, बेरखेड़ा खरेट, छीपानेर, जाटमुहाई, सारस, भादकुल।
  • विदिशा: CHC पीपलखेड़ा, PHC बर्रो, बंदरबाठा,धुवा, रूसल्यासाहू, उप स्वास्थ्य केन्द्र (SHC) मसूदपुर, खैरोदा, गंज, सियालपुर, खीरिया जागीर, मोहनखेजड़ा, रूसिया, बमोरीशाला, भोरिया, सोंथार, बलरामपुर, कालादेव न्यू, महावन, दनवास, जाटोडा, सोमवारा, बिछिया 2, अछाड़ा, छापऊ न्यू, झाेकरजोगी।

ये हैं मापदंड

स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिहिन्त लेवल 3 स्तर की सीमॉक संस्थाओं जिला अस्पताल में 10 सिजेरियन डिलेवरी प्रतिमाह और सिविल अस्पताल, सीएचसी लेवल के अस्पतालों में हर महीने कम से कम पांच सिजेरियन डिलेवरी होनी चाहिए। लेवल 2 स्तर के अस्पतालों में हर महीने 10 प्रसव और लेवल 1 स्तर की संस्थाओं में 3 प्रसव प्रतिमाह होने चाहिए। अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 तक की समीक्षा में भोपाल संभाग में कई डिलेवरी प्वाइंट्स फंक्शनल नहीं हैं।

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