बिहार और हरियाणा में पूरी तरह फेल, पश्चिम बंगाल में भी दावे गलत; जानिए कितने सटीक होते हैं एग्जिट पोल?

आज शाम 6 बजे उत्तर प्रदेश में 7वें और आखिरी फेज की वोटिंग पूरी होते ही पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव खत्म हो जाएंगे। वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी। लेकिन, आज शाम से ही अलग-अलग चैनल और एजेंसियों के एग्जिट पोल का सिलसिला शुरू हो जाएगा।

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इन एग्जिट पोल के दावों पर भरोसा किया जा सकता है? ये कितने सही और सटीक होते हैं, इसकी पड़ताल के लिए हमने पिछले पांच बड़े और चर्चित विधानसभा चुनावों का एनालिसिस किया है। इन पांच में से चार चुनावों में एग्जिट पोल के दावे खोखले साबित हुए। आगे एनालिसिस शुरू करें, उससे पहले इस पोल पर दीजिए अपनी राय…

1. पश्चिम बंगालः सीटों का अनुमान लगाने में फेल हुए सभी एग्जिट पोल

 

कोरोना महामारी के दौरान हुए पश्चिम बंगाल चुनाव की चर्चा पूरे देश में रही। बीजेपी ने पूरी ताकत से ममता बनर्जी को चुनौती दी। ज्यादातर एग्जिट पोल ने भी बीजेपी को 100 से ज्यादा सीटें मिलने का दावा किया। लेकिन, जब नतीजे आए तो बीजेपी 77 सीटों पर सिमट गई। ममता बनर्जी की टीएमसी ने 211 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई।

2. दिल्लीः एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी की जीत का सही अनुमान

दिल्ली विधानसभा कुल 70 सीटें हैं। किसी भी पार्टी को बहुमत के लिए 36 सीटें चाहिए। वोटिंग के बाद ज्यादातर एग्जिट पोल ने आम आदमी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने का दावा किया। नतीजों में ये दावे सही साबित हुए। आम आदमी पार्टी को 62 सीटें मिलीं। सीटों के अनुमान में भी ज्यादातर एग्जिट पोल नतीजों के आस-पास रहे।

3. बिहारः फेल हुए थे सारे एग्जिट पोल

बिहार विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल पूरी तरह गलत साबित हुए। ज्यादातर चैनल और एजेंसियों ने राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के गठबंधन को भारी जीत दे दी थी। रिजल्ट आया तो सब कुछ उलट गया। बीजेपी और जेडीयू की गठबंधन ने राज्य में तीसरी बार सरकार बनाई।

4. महाराष्ट्रः सीटों का अनुमान लगाने में फेल हुए एग्जिट पोल

288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में ज्यादातर एग्जिट पोल बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन को 200 पार सीटें जीतने का दावा कर रहे थे। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन को 50-80 सीटों में सीमित कर दे रहे थे। इस चुनाव में एग्जिट पोल हवा का रुख भांपने में तो सही साबित हुए, लेकिन सीटों का सटीक अनुमान लगाने में फेल हो गए।

5. हरियाणाः पूरी तरह फेल हो गए एग्जिट पोल के अनुमान

हरियाणा विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल फेल रहे। ज्यादातर एग्जिट पोल ने राज्य में बीजेपी को 70 से ज्यादा सीटें मिलने का दावा किया। नतीजे इससे उलट रहे। बीजेपी महज 40 सीटों पर समिट गई और पूर्ण बहुमत के आंकड़े को भी पार नहीं कर सकी। मतलब कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल सही साबित नहीं हुए थे। बाद में यहां भाजपा ने दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली।

एग्जिट पोल क्या हैं और कितने सही होते हैं?

एग्जिट पोल एक ऐसा सर्वे है जो वोट देकर पोलिंग बूथ से बाहर निकले मतदाताओं का इंटरव्यू करके किया जाता है। इसमें कई सवाल पूछे जाते हैं और ये जानने की कोशिश होती है कि वोटर ने किसे वोट दिया है। ऐसे हजारों इंटरव्यू के आंकड़े जुटाए जाते हैं और एनालिसिस करके वोट प्रतिशत और सीटों का अनुमान लगाया जाता है। कई बार ये अनुमान सटीक साबित होते हैं और कई बार गलत साबित हो जाते हैं।

मशहूर पत्रकार प्रणय रॉय अपनी किताब द वर्डिक्ट में लिखते हैं, ‘1980 के बाद देश में कुल 833 सर्वे हुए हैं। इसमें ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल दोनों शामिल हैं। सर्वे में 75% जीत के दावे सही साबित होते हैं। वहीं एग्जिट पोल में सही सीटों की संख्या बता पाने का एवरेज 23% ही है।’

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