G-21 का कांग्रेस आलाकमान पर हमला- ‘अजय माकन-सुरजेवाला के जर‍िए चल रही पार्टी, किसी की कोई जवाबदेही नहीं, राहुल भी नहीं करते बात’

विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के ‘जी 21’ ग्रुप के कई नेताओं ने शुक्रवार को बैठक की थी, जिसमें आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की गई.

हालिया विधानसभा चुनावों (Assembly Elections 2022) में करारी शिकस्त का सामना करने के बाद कांग्रेस कार्य समिति की बैठक रविवार को होगी, जिसमें हार के कारणों की समीक्षा और आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी. विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के ‘जी-21’ ग्रुप के कई नेताओं ने शुक्रवार को बैठक की थी, जिसमें आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की गई. G-21 के सूत्रों के हवालों से यह बात न‍िकलकर सामने आ रही है कि इस ग्रुप ने कांग्रेस पार्टी के अध्‍यक्ष पद के ल‍िए मुकुल वासनिक (Mukul Wasnik) का नाम सुझाया था, लेक‍िन पार्टी आलाकमान ने इसे नहीं माना, ज‍िसके बाद ग्रुप ने आलाकमान पर जमकर न‍िशाना साधा है.

‘राहुल गांधी कभी खुलकर सामने नहीं आते हैं’

इसमें आगे कहा गया क‍ि राहुल गांधी अध्यक्ष नहीं हैं, लेकिन पर्दे के पीछे फैसले लेते हैं. वे कभी भी खुलकर सामने नहीं आते हैं और संवाद नहीं करते. चर्चा करने के सवाल पर कहते हैं कि मैं अध्यक्ष नहीं मुझसे मत बात करिए. G-21 के सूत्रों ने बताया कि गांधी परिवार के इतर अध्यक्ष बनाया जाए तो हम लोगों ने मुकुल वासनिक के नाम का सुझाव भी दिया, वो क्यों माना नहीं गया. हम पार्टी के शुभचिंतक है, दुश्मन नहीं.

G-23 समूह क्या है?

G-23 समूह में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं. 2020 में जब पहली बार इन नेताओं का समूह चर्चा में आया तब इसमें 23 नेता शामिल थे. उस वक्त इस समूह ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग की थी. इस पत्र में 23 नेताओं के हस्ताक्षर थे.  इसी वजह से इस समूह को G-23 नाम मिला. ग्रुप में शामिल रहे जितिन प्रसाद बाद में भाजपा में शामिल हो गए. वहीं योगानंद शास्त्री ने भी शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया. यही वजह है कि अब इसे G-21 भी कहा जाता है.

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