दिल्ली: कश्मीरी पंडित घर लौटने के लिए तैयार, जंतर-मंतर पर इकट्ठे होकर एकजुटता का दिया संदेश
कश्मीरी पंडित अपने मकान और खेत-खलिहान पर वापस लौटने को तैयार हैं। दिल्ली-एनसीआर व देश के विभिन्न हिस्सों में कई दशकों से विस्थापित जीवनयापन कर रहे कश्मीरी पंडितों ने अब अपना डोमेसाइल सर्टिफिकेट बनवा लिया है। जंतर मंतर पर जुटकर उन्होंने ये जानकारी दी और प्रधानमंत्री मोदी तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास किया।
कश्मीरी पंडितों पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ शुक्रवार को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज हुई। विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी फिल्म 1990 में कश्मीरी पंडितों के साथ हुए नरसंहार पर आधारित है। इतिहास में दर्ज सबसे दर्दनाक घटनाक्रम पर आधारित यह फिल्म देशभर में इस समय चर्चा का विषय बनी है। इस नरसंहार के कई गवाह जंतर-मंतर पर शनिवार को जुटे थे। इसमें करीब 300 से अधिक कश्मीरी पंडितों की मौजूदा पीढ़ियां, महिलाएं व छोटे बच्चे शामिल थे। सबने नरसंहार में मारे गए अपनों को याद करते हुए जंतर-मंतर पर मोमबत्तियां जलाईं और श्रद्धांजलि दी।
कश्मीरी बंधुओं को बचाने के काम में लगे ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायस्पोरा के अंतरराष्ट्रीय संयोजक उत्पल कौल ने बताया कि मुंबई, लंदन और अमेरिका से लोग शामिल हुए। हम फिर से कश्मीर में बसने के लिए तैयार हैं। सबको विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2024 से पहले उनकी जमीनों और घरों में उन्हें वापस ले जाएंगे।
डोमेसाइल सर्टिफिकेट बन गए
फरीदाबाद कश्मीरी सेवक समाज की ओर से बताया गया कि 5-6 कैंप लगाकर करीब छह हजार लोगों के डोमेसाइल सर्टिफिकेट बनाए गए हैं। करीब सालभर से दिल्ली-एनसीआर में ऐसे कैंप लगाकर डोमेसाइल सर्टिफिकेट बनाए जा रहे हैं। अधिकतर लोगों के सर्टिफिकेट बन गए हैं।
सबको फिर मिलेगी खोई जमीन
जम्मू-कश्मीर भाजपा के सह प्रभारी आशीष सूद ने कहा कि कश्मीरी पंडितों को उनकी जमीन व घरों में सुरक्षा के साथ बसाना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का खास लक्ष्य है, इसके बगैर कश्मीरियत का सपना अधूरा रहेगा। सरकार डोमेसाइल सर्टिफिकेट बनवा रही है, सब अपनी जगह जरूर लौटेंगे।
कश्मीर का मतदाता पहचान पत्र बनवाएं
आशीष सूद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटने के बाद बदलाव हुआ है। बड़ी संख्या में डोमेसाइल सर्टिफिकेट बनाए गए हैं, अब कश्मीरी पंडित कश्मीर के पते का मतदाता पहचान-पत्र बनवाएं। उनके वोट से कश्मीर में बदलाव आएगा।