48 घंटे में कीव पर फतह का पुतिन प्लान तैयार, जानिए किन 4 स्ट्रैटजी पर रूसी सेना कर रही है काम
रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव को अपने कब्जे में लेने का प्लान तैयार कर चुकी है। उसने कीव पर हमले तेज कर दिए हैं। इस मिशन को अगले 48 घंटे में अंजाम तक पहुंचाने के लिए रूसी राष्ट्रपतिल व्लादीमिर पुतिन ने अपनी सेना को खुली छूट दे दी है। अब तक बेलारूस से होकर रूसी सेना कीव की ओर बढ़ रही थी, लेकिन यूक्रेनी सेना ने इन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया। ऐसे में अब रूसी सेना ने कीव में घुसने के लिए नई स्ट्रैटजी तय की है।
आज के भास्कर इंडेप्थ में जानिए रूसी सेना की वो 4 स्ट्रैटजी, जिसके जरिए वह कीव में जल्द-से-जल्द रूसी झंडा फहराना चाहती है…
आगे बढ़ने से पहले इस पोल पर अपनी राय भी दे दीजिए…
स्ट्रैटजी नंबर: 1
अब रूसी सैनिक 3 तरफ से कीव पर कर रहे हैं अटैक
- 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर नॉर्थ, ईस्ट और साउथ से हमले करने शुरू किए थे। रूसी सेना को भरोसा था कि वह 15 दिनों में जंग खत्म कर देंगे। इसीलिए उसने यूक्रेन पर खार्किव, लुहांस्क, खेरसन, ओडेसा की तरफ से हमला करते हुए आगे बढ़ना शुरू किया।
- रूसी सैनिकों ने राजधानी कीव पर कब्जा करने के लिए बेलारूस की तरफ से चेर्नोबिल पर हमला किया, लेकिन यूक्रेनी सेना ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया और जबरदस्त काउंटर किया।
- इस तरह 11 मार्च को यूक्रेन और रूस के बीच जंग शुरू हुए 16 दिन हो गए थे, जबकि पुतिन इस जंग को 15 दिनों में अंजाम तक पहुंचाना चाहते थे। ऐसे में मामला दो दिन आगे बढ़ गया। इसी वजह से पुतिन ने रूसी सैनिकों को राजधानी कीव पर जल्द-से-जल्द कब्जा करने के आदेश दिए हैं।
- अब रूस ने नई स्ट्रैटजी अपनाते हुए 3 दिशाओं (किरस्तेन, चेर्नोबिल और प्रिलुकी) की तरफ से सीधे कीव पर हमला तेज कर दिया है। यह स्ट्रैटजी सफल होती हुई नजर आ रही है और अब रूसी सेना कीव सिटी सेंटर से सिर्फ 14 किलोमीटर पीछे रह गई है।
ग्राफिक्स में देखें कि रूसी सैनिक कीव पर कब्जे के लिए किस तरह तैनात हैं…
स्ट्रैटजी नंबर: 2
राजधानी कीव का देश के दूसरे हिस्सों से संपर्क काटने पर जोर
- रूसी सेना यह अच्छी तरह से जानती है कि यूक्रेन को यूरोपीय देशों पोलैंड, रोमानिया और मोल्दोवा से सीधे मदद मिल रहा है। ऐसे में रूसी सैनिकों ने कीव का संपर्क दूसरे हिस्सों से काटने पर जोर दिया है।
- इसी प्लान के तहत अब पोलैंड से कीव को जोड़ने वाले यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से के शहर झितोमिर पर रूसी सेना ने जबरदस्त हमला किया है। इस शहर पर कब्जे के बाद देश के पश्चिमी हिस्से से कीव पूरी तरह कट जाएगा।
- अमेरिका, पोलैंड, ब्रिटेन समेत ज्यादातर देशों से मिलने वाली मदद झितोमिर से होकर ही कीव पहुंचती है। ऐसे में इस शहर का कीव के जंग में टिके रहने के लिए खास महत्व है।
- सप्लाई चेन को प्रभावित कर रूसी सेना कीव को हर तरह से घुटने के बल आने के लिए मजबूर करना चाहती है।
ग्राफिक्स के जरिए समझिए कैसे कीव की सप्लाई चेन को रोक रहा है रूस…
स्ट्रैटजी नंबर- 3
जंग लड़ रही 60% से ज्यादा रूसी सेना को फोकस कीव पर
- रूस ने जब 23 फरवरी को यूक्रेन पर अटैक किया था तो कुल 1.90 लाख सैनिकों की सेना को जंग के मैदान में उतारा था। उस वक्त रूस की 60% सेना बेलारूस की ओर से यूक्रेन में घुसकर राजधानी कीव की ओर बढ़े थी।
- इसके अलावा बाकी रूसी सेना ने दोनेस्क, खार्किव, ओडेसा जैसे शहरों पर हमला किया था। जंग के 15 दिन बाद रूस ने अपनी स्ट्रैटजी में बदलाव किया है।
- अब रूस ने ज्यादातर सेना को कीव को घेरने के लिए डिप्लॉय किया है। मैक्सार टेक्नोलॉजीज सेटेलाइट इमेज में 10 मार्च को भारी संख्या में रूसी सैनिक, ट्रक, टैंकर, फाइटर को कीव के अलग-अलग बॉर्डर पर देखा गया है।
सैटेलाइट इमेज में देखिए कैसे कीव के पास रूसी सैनिकों की तैनाती बढ़ी?
स्ट्रैटजी नंबर: 4
शहरों में छिड़ी जंग को जीतने के लिए एक्सपर्ट सीरियाई लड़ाके उतारे
- रूस ने यूक्रेन की राजधानी पर कब्जा करने के लिए अब अपना सेना ही नहीं सीरिया लड़ाकों की मदद लेना भी शुरू कर दिया है। इन लड़ाकों के जरिए रूस सीधे कीव के राष्ट्रपति भवन पर कब्जा करना चाहता है। कीव के आम नागरिक रूसी सैनिकों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उन्हीं से निपटने के लिए रूस ने सीरियाई लड़ाकों को उतारा है।
- WSJ की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 16 हजार लड़ाकों को रूस ने अपनी सेना के साथ यूक्रेन भेजा है। इन लड़ाकों की मदद से रूस को यूक्रेनी शहरों पर कब्जा करने में मदद मिल रही है।
- रूस इन सीरियाई लड़ाकों को 200-300 डॉलर, यानी 15 हजार रूपए से लेकर 22 हजार रूपए हर महीने दे रहा है। इन लड़ाकों की भर्ती 6 महीने के लिए की गई है।
- सीरियाई लड़ाकों की खासियत है कि वो शहरी क्षेत्र पर कब्जा करने में माहिर हैं। 10 साल से भी अधिक समय से सीरिया में चल रहे गृह युद्ध के समय इन लड़ाकों ने लड़ाई लड़ी है। रूस वहां की असद सरकार को समर्थन देती रही है। यही वजह है कि अब सीरिया की सरकार रूस की मदद के लिए अपने लड़ाके को भेज रही है।
- इधर रशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने देश के 18 से 27 साल के युवाओं को अनिवार्य रूप से सेना में भर्ती करने का आदेश दिया है। इन्हें कम-से कम 2 साल की सैन्य सेवा देनी होगी। भर्ती में जो शामिल नहीं होंगे, उन्हें 2 से 4 साल तक की सजा दी जाएगी। सेना की कमी ना हो, इसलिए रूस ऐसा कर रहा है।