नर्मदा स्नान से शरीर में हो रही खुजली, चर्मरोगों की भी आशंका, इस वजह से उभरी समस्या

नर्मदा के घाटों में यह बड़े क्षेत्र में दिखाई दे रही है।…

भोपाल। मध्यप्रदेश की जीवन दायिनी के रूप में जानी जाती नर्मदा में लोगों की गहरी आस्था है। नर्मदा में सभी स्नान करना चाहते हैं पर इन दिनों इसमें नहाना खतरनाक हो गया है। नर्मदा में स्नान करने के बाद कई लोगों को शरीर में खुजली हो रही है। बताया जा रहा है कि नदी में पसरी अजोला (चोई) की वजह से यह समस्या सामने आई है। प्रदेश के सभी नर्मदा घाटों पर बड़े हिस्से में अजोला दिखाई दे रही है. इससे नर्मदा में स्नान से जहां चर्मरोगों का खतरा पैदा हो गया है वहीं जलीय जंतुओं को भी आक्सीजन नहीं मिल पा रही। अजोई की यह समस्या पांच साल पहले भी पैदा हुई थी।
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नर्मदा प्रदेश के कई जिलों में बहती है. जबलपुर से लेकर नरसिंहपुर, नर्मदापुरम, हरदा जिले तक नर्मदा में अजोई देखी जा रही है. नर्मदा के विख्यात घाटों में नरसिंहपुर के बरमान और नर्मदापुरम के सेठानी घाट सहित बनखेड़ी, सांडिया, बांद्राभान, आंवली घाट, हंडिया, नेमावर आदि में यह बड़े क्षेत्र में दिखाई दे रही है।
अजोला के कारण नर्मदा में स्नान करने से शरीर में खुजली की श‍िकायत सामने आ रही है। इसके अलावा चर्मरोग का खतरा भी बढ़ गया है। वनस्पतिशास्त्री बताते हैं कि अजोला वनस्पति अधिकांशत: सीवर वाले स्थानों व थमे पानी में ही पनपती है। इस पानी में नहाने से चर्मरोग की श‍िकायत हो सकती है। इससे पानी में आक्सीजन की मात्रा भी कम हो जाती है। यही कारण है कि इसे जल्द खत्म करने की प्रशासन से मांग की जा रही है क्योंकि इसके कारण जलीय जंतुओं के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है।
इससे पहले सन 2015 और 2017 में भी नर्मदा में अजोई पसरी थी. एक फिर नर्मदा में अजोला नजर आने से पर्यावरण भी चिंता जता रहे हैं. नर्मदा अभी तक प्रदूषण मुक्त नहीं की जा सकी है। नर्मदा का पानी कई स्थानों पर पीने योग्य भी नहीं रह गया है. अब लगातार बढ़ती अजोला के चलते नर्मदा में पवित्र स्नान पर भी संकट आ गया है।

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