लखनऊ की सफाई व्यवस्था जल्द होगी निजी हाथों में

राज्य सरकार लखनऊ, कानपुर व गाजियाबाद समेत प्रदेश के 27 शहरों की सफाई व्यवस्था जल्द ही निजी हाथों में देने जा रही है। निजी कंपनियां शहरों की यांत्रिक सफाई करने के साथ ही घरों व प्रतिष्ठानों से डोर-टु-डोर कूड़ा कलेक्शन का भी काम करेंगी। स्थानीय निकाय निदेशालय में कंपनियां 2 जुलाई को अपना प्रस्तुतीकरण देंगी। इसके बाद सफाई व्यवस्था निजी हाथों में देने का फैसला होगा।

नगर निगमों व बड़े पालिका परिषदों में होगी लागू: राज्य सरकार पहले चरण में प्रदेश के 17 नगर निगमों लखनऊ, अलीगढ़, मेरठ, अयोध्या, आगरा, कानपुर, गोरखपुर, गाजियाबाद, वृंदावन-मथुरा, वाराणसी, इलाहाबाद, झांसी, सहारनपुर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, बरेली व शाहजहांपुर के साथ बड़े पालिका परिषदों में सफाई व्यवस्था निजी हाथों में देने पर विचार कर रही है। यह प्रयोग अगर सफल रहा तो आगे चलकर इस व्यवस्था को प्रदेश के अन्य शहरों में भी लागू किया जाएगा। शहरों की सफाई व्यवस्था निजी हाथों में देने की सहमति उच्च स्तर पर लगभग बन चुकी है। यूपी के शहरों की सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है। केंद्रीय सर्वेक्षण में यूपी लगातार फेल साबित हो रहा है।
राज्य सरकार इसीलिए सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए निजी कंपनियों का सहारा लेने पर विचार कर रही है।

कंपनियां बुलाई गईं
स्थानीय निकाय निदेशक डा. काजल ने इस संबंध में निजी कंपनियों को प्रस्तुतीकरण के लिए आमंत्रित किया है। उनके द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक शहरों में सड़कों की पूर्ण यांत्रिक सफाई और उससे संबंधित क्रियाकलापों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के साथ उसका निस्तारण किया जाना शामिल होगा। इसके लिए अनुभवी कंपनियों को ही मौका दिया जाएगा।

इच्छुक कंपनियों से 29 जून तक उनका प्रोफाइल व प्रस्तुतीकरण के लिए सहमति पत्र ई-मेल पर मांगा गया है। इसके बाद 2 जुलाई को स्थानीय निकाय निदेशालय मुख्यालय पर इसका प्रस्तुतीकरण होगा। इसके बाद सफाई व्यवस्था निजी हाथों में देने का फैसला होगा।

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