शेक्सपीयर को कोट करने वाले गैंगस्टर की कहानी … पुलिस को शराब पिलाकर लग्जरी गाड़ी से भाग गया था बद्दो, यूपी सरकार ने आज 10 करोड़ की संपत्ति पर बुलडोजर चला दिया

बदन सिंह बद्दो। पश्चिमी यूपी का सबसे बड़ा गैंगस्टर। हिरासत में था तो पुलिस को शराब पिलाया और फरार हो गया। चार टीमें लगी हैं। लेकिन 2 साल बाद भी पकड़ नहीं सकी। पर उसकी संपत्ति को जरूर पकड़ लिया। 28 अप्रैल को बदन सिंह की एक और 10 करोड़ की संपत्ति पर योगी सरकार ने बुलडोजर चला दिया। मेरठ में जगन्नाथ पुरी रोड के पास उसने 176 मीटर सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से मार्केट बना रखी थी जिसे गिरा दिया गया।

20 जनवरी 2021 को बद्दो के पंजाबीपुरा वाली आलीशान कोठी पर बुलडोजर चला था। उसके पहले नवंबर 2020 में बद्दो की संपत्ति कुर्क की गई थी। लेकिन असली सवाल मन में यही उठ रहा कि आखिर बद्दो है कौन? एक ट्रक चलाने वाले का बेटा कैसे बन गया यूपी का सबसे बड़ा गैंगस्टर? आइए उसकी पूरी कहानी बताते हैं।

जालंधर से आकर मेरठ में बस गया परिवार
1970 में बदन सिंह बद्दो के पिता चरण सिंह जालंधर से मेरठ के पंजाबीपुरा में आकर बस गए। ट्रक चलाकर सात बेटे-बेटियों की जरूरतों को पूरा कर रहे थे। बदन सिंह सबसे छोटा था। 8वीं क्लास के बाद स्कूल जाने की जरूरत नहीं समझी। पिता के साथ कभी-कभी ट्रक चलाने चला जाता, लेकिन यहां भी मन नहीं लगा।

बदन सिंह बद्दो की लाइफ स्टाइल लग्जरी हो गई थी। उसने विदेशी कुत्ते और बिल्लियां पाल रखी थीं।
बदन सिंह बद्दो की लाइफ स्टाइल लग्जरी हो गई थी। उसने विदेशी कुत्ते और बिल्लियां पाल रखी थीं।

बदन सिंह मुहल्ले के छोटे बदमाशों के जरिए पश्चिमी UP के सबसे बड़े बदमाश सुशील मूंछ और भूपेंद्र बाफर से मिल गया। यहां उसका मन लग गया। इलाके में दबदबा स्थापित करने के लिए मारपीट करने लगा। पैसे की जरूरत लगी तो शराब के धंधे में उतर आया। हरियाणा और दिल्ली बॉर्डर होने के कारण उसने शराब तस्करी से खूब पैसा कमाया।

1988 में सरेआम हत्या कर दी
साल 1988 में बदन सिंह बद्दो ने पहली हत्या की। उसने मेरठ के गुदरी बाजार कोतवाली इलाके में राजकुमार नाम के व्यक्ति की दिनदहाड़े हत्या कर दी। यहां से उसका नाम मेरठ से निकलकर हापुड़, गाजियाबाद और बागपत तक पहुंच गया। बदमाशों के बीच चर्चा शुरू हो गई कि बदन सिंह नाम का नया गैंगस्टर आ गया है, जिसे न सुनना पसंद नहीं है।

1996 में वकील को मार दी गोली
बदन सिंह ने शराब से खूब पैसा कमा लिया। लाइफ स्टाइल बदल गई। टाइम्स ऑफ इंडिया के रिपोर्टर ने एक बार बदन सिंह बद्दो से पूछा, “अपराध की दुनिया में क्यों और कैसे आ गए? बद्दो ने विलियम शेक्सपियर को कोट करते हुए कहा था, “ये दुनिया एक रंगमंच है और हम सब इस मंच के कलाकार।” यह कोई पहला मौका नहीं था। 8वीं पास बद्दो अक्सर शेक्सपियर की लाइनों को कोट करता था।

लोग बताते हैं कि बदन सिंह को टोका-टाकी पसंद नहीं थी, वकील रवींद्र गुर्जर बद्दो के काम में अड़ंगा लगा रहे थे। बद्दो को ये बर्दाश्त नहीं हुआ और रवींद्र गुर्जर की सरेआम हत्या की और फरार हो गया। पुलिस ने केस दर्ज किया और जांच शुरू की।

सफेदपोश नेताओं और अधिकारियों का हो गया खास
साल 2000 के बाद से बदन सिंह नेताओं को मोटी फंडिंग करने वाला बन गया था। यही कारण है कि उसके धंधों पर हाथ डालने से अधिकारी पीछे हटने लगे। बदन सिंह एकदम लग्जरी लाइफ जीने लगा। आंखों पर लाखों के चश्मे लगाता। हाथों में रैडो और रोलैक्स की घड़ियां पहनता। घर से निकलता तो बुलेट प्रूफ BMW और मर्सडीज कार से ही चलता। विदेशी हथियारों से लैस बॉडीगार्ड और बाउंसर हमेशा उसके पीछे खड़े रहते।

पिता के साथ ट्रक चलाने वाला बदन सिंह शराब का कारोबार करने के बाद लग्जरी लाइफ जीने लगा था। उसकी यह फोटो सोशल मीडिया से मिली है।
पिता के साथ ट्रक चलाने वाला बदन सिंह शराब का कारोबार करने के बाद लग्जरी लाइफ जीने लगा था। उसकी यह फोटो सोशल मीडिया से मिली है।

क्राइम का ग्राफ बढ़ता गया
बदन सिंह अपराध पर अपराध करते हुए आगे बढ़ रहा था। 2011 में उसने मेरठ के हस्तिनापुर क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य संजय गुर्जर की गोली मारकर हत्या कर दी। साल 2012 में उसने केबल नेटवर्क के संचालक पवित्र मैत्रे की हत्या कर दी। इन हत्याओं के अलावा बदन सिंह के खिलाफ दिल्ली और पंजाब में किडनैपिंग, जमीन कब्जाने के कई केस दर्ज हुए। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार उस पर इस वक्त तक 34 केस दर्ज हैं।

अरे बद्दो तुम यहां थाने में
2012 में बद्दो को पुलिस ने धमकी देने के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया। लालकुर्ती थाने ले गए तो थानेदार से लेकर SSP तक हैरान रह गए। थानेदार के मुंह से एकाएक निकल आया, “अरे बद्दो तुम यहां कैसे?” बद्दो देखा और मुस्कुरा दिया। बद्दो थाने में बैठा था और बाहर कई बड़े कारोबारी पहुंच आए। अगले दिन बद्दो को कचहरी लाया गया तो वहां भी सारे बड़े कारोबारी उसके पीछे चल रहे थे।

रवींद्र हत्याकांड में उम्रकैद की सजा
31 अक्टूबर 2017 को रवींद्र गुर्जर हत्याकांड में गौतमबुद्धनगर की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 9 गवाहों की गवाही के बाद बदन सिंह बद्दो को उम्रकैद की सजा सुनाई। सजा के ऐलान होते ही बदन सिंह रो पड़ा। इस सजा के 18 दिन पहले, यानी 13 अक्टूबर को बदन सिंह ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली थी। उसमें लिखा था, “जब गिला शिकवा अपनों से हो तो खामोशी ही भली, अब हर बात पर जंग हो यह जरूरी तो नहीं।” लोग बताते हैं कि उसे सजा का एहसास हो गया था।

रवींद्र हत्याकांड में गौतमबुद्धनगर की कोर्ट ने बदन सिंह को उम्र कैद की सजा सुनाई।
रवींद्र हत्याकांड में गौतमबुद्धनगर की कोर्ट ने बदन सिंह को उम्र कैद की सजा सुनाई।

17 महीने बाद फरार हो गया बदन सिंह
28 मार्च 2019, संजय गुर्जर मर्डर मामले में पेशी के लिए बदन सिंह को फतेहगढ़ जेल से गाजियाबाद कोर्ट लाया गया। सुनवाई पूरी हुई और वापस जेल की तरफ काफिला चला। बद्दो ने पुलिसवालों को मेरठ के रास्ते फतेहगढ़ चलने के लिए राजी कर लिया। मेरठ पहुंचा तो गाड़ी को अपने शेयर वाले थ्री स्टार मुकुट महल होटल पर रुकवाया। यहां पुलिस के लिए शराब-शबाब और कबाब की शानदार व्यवस्था थी। पुलिसवाले शराब के नशे में खो गए और बद्दो फरार हो गया।

ये बयान पुलिस का है। अब असली कहानी समझिए।

भगाने में पुलिस का भी हाथ
सुबह 11.30 बजे पुलिस की गाड़ी मुकुट महल होटल पहुंची। 11.45 मिनट पर बदन सिंह वहां पहले से खड़ी अपनी लग्जरी गाड़ी से फरार हो गया। साढ़े पांच घंटे बाद शाम के 5.20 बजे दरोगा देशराज त्यागी ने बदन सिंह के भागने की जानकारी टीपी नगर थाने को दी। अधिकारियों ने पुलिसकर्मियों की गलती मानते हुए दो दरोगा, तीन सिपाही और दो ड्राइवर को निलंबित कर दिया।

पुलिस ने बेटे को पकड़ा तो पत्नी का ऑस्ट्रेलिया से फोन आ गया
बद्दो भागा तो पुलिस ने चार स्पेशल टीम बना दीं। छापेमारी की गई। उससे जुड़े कई कारोबारियों को उठाकर जेल में डाल दिया गया। बेटे सिकंदर पर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया और उसे भी बाद में पकड़ लिया गया। बदन सिंह की तलाकशुदा पत्नी जैसमिन ने ऑस्ट्रेलिया से मेरठ के SSP को फोन कर दिया। कहा, मेरा बेटा सिकंदर बेकसूर है। बद्दो के गलत कामों की सजा उसे न दें। पुलिस ने कह दिया कि जांच होगी, अगर गलत नहीं पाए गए तो छोड़ देंगे।

दो साल बीते पर पुलिस नहीं खोज पाई
दो साल बीत गए। पुलिस की चार टीमें लगीं लेकिन बद्दो को खोज नहीं पाईं। अब माना जाता है कि बद्दो नीदरलैंड और मलेशिया में अपना ठिकाना बना चुका है और वहीं से वह अवैध हथियारों का धंधा करता है। पुलिस ने 2 दिसंबर 2020 में उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया। मेरठ पुलिस ने इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की अपील की, लेकिन इंटरपोल ने ये कहते हुए इंकार कर दिया कि बद्दो के पासपोर्ट पर कोई एंट्री ही नहीं है।

पंजाबीपुरा गांव में नगर निगम ने बदन सिंह बद्दो की कोठी को बुलडोजर से ढहा दिया।
पंजाबीपुरा गांव में नगर निगम ने बदन सिंह बद्दो की कोठी को बुलडोजर से ढहा दिया।

सरकार अब कर रही संपत्ति जब्त
20 जनवरी 2021 को मेरठ नगर निगम के अधिकारी मनोज सिंह दो बुलडोजर और 20 मजदूर लेकर पंजाबीपुरा पहुंचे और बद्दो की आलीशान कोठी को तोड़ दिया। नवंबर 2020 में बद्दो की संपत्ति कुर्क की गई थी। प्रशासन को बद्दो की दर्जनों लग्जरी गाड़ियां नहीं मिल सकीं। ऐसा इसलिए क्योंकि वह गाड़ी को दूसरों के नाम खरीदता था। फिलहाल, 700 से अधिक दिन बीत गए। STF, क्राइम ब्रांच और दूसरे राज्यों की स्पेशल पुलिस बद्दो का पता नहीं लगा सकी हैं।
अब फिर से एक सरकारी कब्जे को उससे मुक्त करवा लिया गया है। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा, बदन सिंह की यह मार्केट मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद गिराई गई है। 10 करोड़ रुपए कीमत बताई। हालांकि अभी आगे कितनी और संपत्तियों को जब्त करना है इसके बारे में उन्होंने कुछ नहीं बताया। बाकी बदन सिंह बद्दो नाम का जो दबदबा था वह अब खत्म हो चुका है।

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