क्योंकि…ये फ्लावर नहीं, फायर हैं … अखिलेश ने टिकट नहीं दिया, अब उनके खिलाफ प्रचार करेंगी अपर्णा…जिसके कारण टिकट कटा, उसी पति को जिताने स्वाति को बुलावा

चुनाव का जोश पूरे उफान पर है। खुद पीएम मोदी-सीएम योगी प्रचार की बागडोर संभाल रहे है। कुछ स्टार प्रचारक भाजपा ने तय किए हैं, लेकिन कुछेक चेहरे ऐसे हैं, जिनकी पार्टी कार्यकर्ता खुद ही डिमांड कर रहे हैं। ऐसा ही एक चेहरा है, योगी कैबिनेट में मंत्री रही स्वाति सिंह का।

खासतौर पर पूर्वांचल की बलिया सीट के लिए स्वाति को अहम बताया जा रहा है। बलिया में भाजपा का चेहरा उनके पति दयाशंकर सिंह हैं। अब सरोजनीनगर सीट से टिकट के लिए स्वाति सिंह और उनके पति दयाशंकर की खींचतान तो जगजाहिर हो ही चुकी है।

एक और नाम रोचक है। करहल सीट से भाजपा ने केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ उतारा है। यहां स्टार प्रचारकों में मुलायम की छोटी बहू अपर्णा सिंह यादव की मांग की जा रही है। भाजपा कार्यकर्ताओं का मानना है कि अगर अपर्णा यहां से भाजपा के लिए प्रचार करती हैं, तो अखिलेश के जीतने के चांसेज कम हो जाएंगे।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा लगातार अपने बड़े चेहरों को प्रचार की बागडोर थमा चुकी है। अब प्रधानमंत्री खुद रैलियां कर रहें हैं। पार्टी के बाकी स्‍टार प्रचारक भी अलग-अलग जिलों में भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में डोर-टू-डोर कैंपेन कर रहे हैं। इस चुनाव में स्टार प्रचारकों के साथ कुछ ऐसे चेहरों की मांग भी हो रही है, जो स्टार प्रचारकों की लिस्ट मे शामिल भी नहीं हैं। ऐसे ही चेहरों में स्वाति और अपर्णा यादव के नाम शामिल हैं।

बलिया दयाशंकर की जन्मभूमि भी है, अब प्रत्याशी होने के बाद कर्मभूमि भी।
बलिया दयाशंकर की जन्मभूमि भी है, अब प्रत्याशी होने के बाद कर्मभूमि भी।

स्वाति करें अपने ससुराल में प्रचार, तब होगा फायदा

किस प्रत्याशी के लिए कौन स्टार-प्रचारक प्रचार करेगा, यह निर्णय पार्टी लेती है। हालांकि कई बार किसी खास नेता या स्टार-प्रचारक की मांग खुद प्रत्याशी या जिले का संगठन भी करता है। पार्टी ने दयाशंकर सिंह को बलिया के सदर विधानसभा से उम्मीदवार बनाया है। बलिया दयाशंकर की जन्मभूमि भी है। और स्वाति की ससुराल भी। आपको बता दें कि भाजपा ने जिन 30 नेताओं को स्टार-प्रचारक बनाया है। उसमें स्वाति का नाम नहीं है। स्वाति फिलहाल लखनऊ में हैं। किसी भी प्रचार में अभी तक शामिल नहीं हुईं हैं।

पार्टी ने इस बार स्वाति को उम्मीदवार भी नहीं बनाया है। कहा जा रहा है कि उनका टिकट कटने के पीछे उनके पति दयाशंकर सिंह की भी भूमिका रही है। दरअसल, दयाशंकर सिंह राजधानी लखनऊ की सरोजनीनगर सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे थे। यह सीट उनकी पत्नी स्वाति सिंह की थी। चर्चा है कि दयाशंकर और स्वाति के दावेदारी का फायदा राजेश्वर सिंह को मिला। पार्टी ने दोनों पति-पत्नी को किनारे कर राजेश्वर सिंह को इस सीट से प्रत्याशी बना दिया था।

पार्टी के पदाधिकारियों ने स्वाति सिंह को एक्सीडेंटल दावेदार बताया था।
पार्टी के पदाधिकारियों ने स्वाति सिंह को एक्सीडेंटल दावेदार बताया था।

स्वाति और दयाशंकर के रिश्ते की सियासी मजबूरी
सरोजनीनगर सीट पर मंत्री स्वाति सिंह के साथ ही पति दयाशंकर सिंह भी दावेदारी कर रहे थे। दोनों ने एक-दुसरे की हकीकत पार्टी के आला कमान तक पहुंचा दी। कहा गया कि 2017 में स्वाति सिंह का विधायक बनना एक्सीडेंटल था। दयाशंकर की जगह पार्टी ने स्वाति को टिकट दिया था। स्वाति विधायक बनी और सरकार में मंत्री भी, लेकिन मंत्री बनने के बाद तेवर बदल गए और शिकायतें दिल्ली तक पहुंच गई। पति ने पत्नी की बुराई की और पत्नी ने पति की। इन दोनों की लड़ाई की वजह से दोनों को सरोजनीनगर से टिकट नहीं मिला। हालांकि बाद में बड़े नेताओं की सिफारिश काम आई और दयाशंकर को बलिया सदर से उम्मीदवार बनाया गया है।

भाजपा प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार कर रहीं अपर्णा यादव
भाजपा प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार कर रहीं अपर्णा यादव

करहल में ‘घर का लड़का’ बनाम ‘घर की बहू’

यादव लैंड मैनपुरी के करहल विधानसभा से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद चुनावी मैदान में हैं। यहां से भाजपा ने अपने केंद्रीय मंत्री और कद्दावर नेता एसपी बघेल को चुनाव मैदान में उतारा है। यहां 20 फरवरी को तीसरे चरण का मतदान होना हैं। करहल में अखिलेश को यहां की जनता ‘घर का लड़का’ बता रही है।

ऐसे में भाजपा के जिले के नेता मानते हैं कि अगर ‘घर की बहू’ अखिलेश के खिलाफ प्रचार करेगी तो माहौल बन सकता है। इसीलिए उनकी मांग स्टार प्रचारक के तौर पर करहल के विधनसभा के लिए आई है। हालांकि, अपर्णा यादव भाजपा के स्टार-प्रचारकों की सूची में नहीं हैं। इसके बावजूद वह लखनऊ के आस-पास के जिलों में भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में डोर-टू-डोर कैंपेन और रैलियां कर रही है।

पहले फेज में स्मृति ने नोएडा और मथुरा के मांट में जनसभा की हैं।
पहले फेज में स्मृति ने नोएडा और मथुरा के मांट में जनसभा की हैं।

यूपी चुनाव में स्मृति ईरानी की मांग बढ़ी
अपने बेबाक बयानों और लच्छेदार भाषणों की वजह से स्मृति इरानी इस बार भी उत्तर-प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए डिमांड पर है। पहले फेज का चुनाव खत्म हो गया है। इस फेज में भी स्मृति ईरानी ने दिल्ली से सटे नोएडा और मथुरा के मांट में जनसभा कर प्रत्याशियों के समर्थन में वोट मांगे।
अब दूसरे और तीसरे फेज के चुनाव में प्रचार के लिए भी अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी की मांग हो रही है। इसके साथ ही उमा भारती और कांता कर्दम की मांग दूसरे और तीसरे फेज के लिए ज्यादा हो रही है।

पार्टी ने 30 नेताओं को बनाया है स्टार-प्रचारक
भाजपा ने पीएम मोदी समेत कुल 30 नेताओं को स्टार प्रचारक बनाया है। इसमें पार्टी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, पार्टी सांसद हेमा मालिनी के अलावा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, यूपी बीजेपी चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, सुरेंद्र नागर, जनरल वीके सिंह, चौधरी भूपेंद्र सिंह, बीएल वर्मा, राजवीर सिंह, एसपी सिंह बघेल, साध्वी निरंजन ज्योति, कांता कर्दम जैसे नेता शामिल हैं।

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