सिंधिया पर किए सिंह के हमले से सियासी पारे में आया उछाल, गरमाई सूबे की सियासत
– आमने-सामने आए भाजपा और कांग्रेस के नेता, आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरु
– सिंधिया को चुनाव में हराने का षड्यंत्र कमलनाथ ने ही किया था : ओपीएस भदौरिया
ग्वालियर। ज्योतिरादित्य सिंधिया पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह के बोल ने सूबे की सियासत को बुरी तरह से तपा दिया है। सूबे में डॉ. सिंह के शब्दों से गर्माई सियासत के चलते कांग्रेस व भाजपा दोनों आमने सामने आ गईं हैं।
सिंधिया समर्थक मंत्री भदौरिया का पलटवार…
सिंधिया समर्थक राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया ने कहा, डॉ. गोविंद सिंह सिर्फ विधानसभा के नेता हैं। सिंधिया को चुनौती देना तो कांग्रेस के बस में नहीं। जब सिंधिया के लिए कमलनाथ चुनौती नही हैं, तो गोविंद सिंह क्या चुनौती बनेंगे।
कांग्रेस सिंधिया से डरी हुई थी, अब भयभीत और घबराहट में है। सिंधिया को हराने का षड्यंत्र पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में किया गया था। कमलनाथ के सामने सिंधिया बड़ी चुनौती थे और वे नहीं चाहते थे कि वो चुनाव जीतें। इसी के तहत प्रदेश के नेताओं को बुलाकर उनको पैसा देकर चुनाव हराने के लिए उनके क्षेत्र में भेजा गया।
कांग्रेस स्पष्ट करे कि वो हिन्दू विरोधी है : भदौरिया
वहीं इस दौरान भदौरिया ने लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध को लेकर उत्तरप्रदेश सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि सात मंजिल ऊंची इमारत पर लाउडस्पीकर लगाकर नमाज पढऩे से कौन सा खुदा खुश हो जाएगा। उप्र में मुख्यमंत्री योगी ने इसको बंद किया है, मप्र में भी बंद होना चाहिए।
कमलनाथ को रामायण, हनुमान चालीसा और भागवत कथा से परेशानी होती है। कांग्रेस स्पष्ट करे कि वो हिन्दू विरोधी है और उनको पूजा पसंद नहीं है। कारसेवकों पर गोली चलाने वाले लोग हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, क्योंकि हमने उनको मजबूर किया है।
सिंधिया पर कमलनाथ ने कहा – यह भाजपा का अंदरूनी मामला
ग्वालियर में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने सिंधिया को हराने का षड्यंत्र रचने के आरोप को लेकर कहा, अब यह भाजपा का अंदरूनी मामला है। इस पर मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी है।
सिंधिया भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़े थे तो उनको तो हराने का भाजपा ने पूरा प्रयास किया था। वर्तमान में जो मध्य प्रदेश की तस्वीर है, उसमें कोयला, बिजली, खाद, बीज और रोजगार नहीं है। भाजपा के नेता आम जनता को गुमराह करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।
ये लोग समझते हैं कि प्रदेश की जनता मूर्ख है। मुझे इस बात का पूरा विश्वास है प्रदेश के मतदाता यह तस्वीर अपने सामने रखकर सच्चाई का साथ देंगे। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष का पद छोडऩे के सवाल पर कहा, चुनाव नजदीक हैं, मुझे अन्य जिम्मेदारियां निभानी हैं। मैं तो दो महीने पहले से पद छोडऩे की बात कर रहा था।
जो मातृ पार्टी छोडक़र चले गए उनकी बात क्या करना : अरुण
वहीं ग्वालियर में मप्र कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व नेता अरुण यादव ने सिंधिया पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो अंग्रेजों के सलाहकार रहे हैं और आजादी में देश को धोखा दिया, उसके बारे में चर्चा कर रहे हैं। जो अपनी मातृ पार्टी को छोडक़र चले गए, उनके बारे में क्या चर्चा की जानी चाहिए। भाजपा की स्थिति खराब है और 2023 में कांग्रेस सत्ता में आएगी, इसलिए ऐसी बात की जा रही है।