पुलिसिंग में प्रयागराज प्रदेश में नंबर 1 …. 130 में से मिले रिकॉर्ड 126 अंक, 96.92% अंक के साथ सभी जिलों को पीछे छोड़ा
संगम सिटी में अप्रैल माह में हुई ताबड़तोड़ सामूहिक हत्याओं के सफल अनावरण के बाद पुलिसिंग में प्रयागराज पुलिस ने प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल किया है। गृह विभाग की तरफ से हुई इस रेटिंग में प्रयागराज को 130 में से रिकॉर्ड 126 अंक मिले हैं। अगर इसे प्रतिशत में देखा जाय तो प्रयागराज पुलिस ने 96.92% अंक के साथ सभी जिलों को पीछे छोड़ दिया है।
सम्मान और संवेदना के साथ सबकी सुनवाई
इसके पीछे जनपद के हर थाने में आयी शिकायतों को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण तरीके से समाधान करना सबसे बड़ा कारण है। प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) अजय कुमार ने दैनिक भास्कर को बताया कि लगातार यह प्रयास किया जा रहा है कि जहां एक तरफ़ पुलिस के पास आने वाले हर एक फरियादी की सुनवाई सम्मान और संवेदनशीलता के साथ की जाए, वहीं दूसरी तरफ़ फ़रियादियों की समस्या का समाधान समय से हो, ताकि किसी भी फ़रियादी को बार बार चक्कर ना काटना पड़े।
नि:स्वार्थ जन सेवा के सिद्धांत पर अमल
अजय कुमार कहते हैं कि जनसेवा के इसी सिद्धांत पर अक्षरशः अमल करते हुए सभी पुलिस टीमों ने मेहनत और लगन से मिलजुल कर काम किया और जो परिणाम आया वह पुलिसजनों का मनोबल बढ़ाने के साथ साथ पुलिस की छवि और पुलिस के प्रति जन विश्वास बढ़ाने वाला रहा। इससे ना केवल पूरे प्रदेश में प्रयागराज पुलिस का परचम बुलंद हुआ है, बल्कि पुलिसजनों के मनोबल में भी काफ़ी इज़ाफ़ा हुआ है।
शुद्ध पेय जल और शौचालय की व्यवस्था
प्रयागराज के एसएसपी ने बताया कि सभी अधिकारियों के सम्मिलित प्रयासों से ज़िले के सभी थानों पर आने वाले सभी फरियादियों के बैठने की समुचित व्यवस्था की गई। इसके अलावा पीने का शुद्ध पानी, छाया आदि का भी प्रबंध किया गया। साथ ही, स्वच्छ शौचालय की व्यवस्था भी सभी थानों पर मुकम्मल की गई। थाना परिसर में साफ़-सफ़ाई भी अब पहले से काफ़ी बेहतर हो गयी है। इससे प्रयागराज पुलिस को ज्यादा अंक मिले।
पुलिसिंग पर एक नजर
- विगत 6 माह में कुल 4652 मामले दर्ज हुए।
- इनमें से ज्यादातर मामले निपटा दिए गए हैं।
- इन मामलों की मार्किंग में कुल .42 दिवस ही लगे। यानी औसतन एक दिन भी नहीं।
- अप्रैल माह में कुल 130 अंक में से प्रयागराज पुलिस को 126 अंक मिले।
- काम के प्रति लापरवाही बरतने वाले कई कोरांव, हंडिया व सिविल लाइंस एसओ को निलंबित किया गया।
- कई पुलिसकर्मियों को अनुशानहीनता में निलंबित किया गया।
- इससे पुलिस अधिकारियों में एक संदेश गया कि अपराधियों से साठ-गांठ रखने और काम में लापरवाही पर निलंबन हो सकता है।
- लिहाजा पुलिसकर्मियों ने काम के प्रति संजीदगी दिखानी शुरू की जिसका असर भी रैंकिंग सुधारने में मददगार रहा।