Gwalior Traffic News: ग्वालियर । शहर की सड़कों पर जाम का प्रमुख कारण लोडिंग वाहन बने हुए हैं। संकरी सड़कों से माल भरकर लोडिंग वाहनों के निकलने से इनके पीछे जाम लगना शुरू हो जाता है। जाम के इस कारण को चिन्हित कर ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों ने व्यापारियों से संवाद कर लोडिंग-अनलोडिंग का समय तय करने की पहल की थी। प्रयोग के तौर सबसे पहले लोहिया बाजार, नया बाजार व दौलतगंज के व्यापारियों ने अपने यहां लोडिंग-अनलोडिंग का समय निर्धारित कर सहयोग का वादा किया था। बैठक के बाद व्यापारी भी अपने वादे को भूल गए। वहीं ट्रैफिक पुलिस को आम सहमति से हुए निर्णय का पालन करने के लिए समय नहीं है। नतीजा लोडिंग वाहनों से शहर की सड़कों पर जाम के रूप में नजर आ रहा है। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए नए अधिकारी, नए वादे और नए नियम तय होते हैं। अमल किसी पर नहीं होता है। शहर की बिगड़ी हुई यातायात का यही मूल कारण है। दाल बाजार में शाम छह बजे के बाद लोडिंग पर प्रतिबंध है, लेकिन यह देर रात तक लोडिंग होती है।

लाेडिंग वाहनों से शहर में कोई कानून नहीं: लोडिंग वाहनों के लिए शहर में कोई नियम-कायदे-कानून नहीं है। चालक छोटे हाथी की छत पर लोहे के सरिये व वजनी गाटर सिर्फ रस्सियों से बांधकर दौड़ते हैं। अगर रस्सी टूट जाए या डीली पड़ जाए तो इस वाहन के आगे पीछ चलने वाले लोगों के साथ अनहोनी होना तय है। वाहन निर्धारित क्षमता से अधिक भार लेकर चलते हैं। लोहिया बाजार के प्रवेश मार्ग पर ही ऊंट पुल संकरा है। इस पुल से कोई लोडिंग वाहन भार लेकर निकलता है तो पांच-सात मिनिट का जाम तय है।

तीन बाजारों ने सहमति जताई थी: एएसपी (आइपीएस) अभिनव चौकसे ने जिन बाजारों में सबसे अधिक लोडिंग-अनलोडिंग होती है। उन बाजारों के व्यापारियों से सीधे संवाद कर लोडिंग-अनलोडिंग का समय से तय करने का प्रयास किया। लोहिया बाजार के व्यापारियों ने हाथ उठाकर लोडिंग-अनलोडिंग का समय तय किया था।

सीधी बात: अभिनव चौकसे, एएसपी ट्रैफिक

सवाल: तीन बाजारों में व्यापारियों की आम सहमति से लोडिंग-अनलोडिंग का समय निर्धारित किया था, पालन नहीं हुआ?

जवाब: तीन प्रमुख बाजारों में व्यापारियों से आम सहमति बनाकर प्रयास किया था, लेकिन बाद में कुछ व्यापारी पीछे हट गए। उन्हें फिर से समझाकर राजी करने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार हो सके।

सवाल: ट्रैफिक पुलिस अपने निर्णय को पालन क्यो नहीं कर पाती है?

जवाब: ट्रैफिक विषय ऐसा है, इसमें जनसहयोग जरूरी है। हर निर्णय को सख्ती के साथ लागू नहीं किया जा सकता है। कई बार बल की कमी भी आड़े आ जाती है। इस वजह से योजना आगे नहीं बढ़ पाती है।

सवाल: ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए अभी कितना बल है?

जवाब: ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए कुल 150 का बल है और आवश्यकता 500 के लगभग की है। इनसे ही व्यवस्था बनाई जा रही है।

लोहिया बाजार में तय हुआ था लोडिंग-अनलोडिंग का समयः

-सुबह 10 से दोपहर एक बजे तक (लोडिंग-अनलोडिंग करनी थी)

-दोपहर तीन से शाम पांच बजे तक (लोडिंग-अनलोडिंग करनी थी)

-दोपहर एक से तीन बजे का समय स्कूल वाहनों के निकलने का होता है, इसलिए इस अवधि में लोडिंग-अनलोडिंग पर पूर्ण प्रतिबंध है।

नहीं हुआ पालन, पुलिस ने कोई जोर दिया: लोडिंग-अनलोडिंग का तीन बाजारों में समय निर्धारित किया था। इसका पालन नहीं हो पाया। ट्रैफिक पुलिस ने इस निर्णय को पालन कराने में नाकाम रही है।

वर्जन-

ट्रैफिक पुलिस निर्णय अवश्य लेती है। उसका पालन नहीं हो पाता है। लोगों की आदत को सुधारने के लिए कुछ सख्ती भी करनी पड़ेगी। व्यापारियों को भी अपने वायदे के अनुसार लोडिंग-अनलोडिंग करना चाहिए। क्योंकि व्यापारियों की सहमति से ही यह निर्णय हुआ था।

संजय कट्टल, लोहिया बाजार व्यापारी संघ के अध्यक्ष

वर्जन-

दाल बाजार में दिनभर लोडिंग-अनलोडिंग होने के कारण जाम की स्थिति रहती है। लोडिंग वाहनों से सड़क पर दौड़ने के कारण जाम लगता है। ट्रैफिक पुलिस को इस पर व्यापारियों से चर्चा कर समय निर्धारित करना चाहिए।

जितेंद्र किरार, ग्राहक