कपिल सिब्ब्ल को सपा ने राज्यसभा क्यों भेजा? 6 साल पहले साइकिल का सिंबल बचाने में की थी मदद …..

6 साल पहले साइकिल का सिंबल बचाने में की थी मदद, जानिए 4 अहम वजहें…..

समाजवादी पार्टी के सहयोग से कांग्रेस के 30 साल पुराने नेता रहे कपिल सिब्बल को यूपी से राज्यसभा भेजा जा रहा है। बुधवार को अखिलेश यादव की मौजूदगी में कपिल सिब्बल ने राज्यसभा का निर्दलीय नामांकन दाखिल किया। कपिल सिब्बल और अखिलेश की दोस्ती आज की नहीं, बल्कि 6 साल से ज्यादा पुरानी है। बात 2016 की है, जब सपा कुनबे में अखिलेश और शिवपाल के बीच साइकिल सिंबल को लेकर जंग छिड़ी थी। तब कपिल सिब्ब्ल ने ही अखिलेश को साइकिल का सिंबल दिलाने में कानूनी दांव-पेंच से मदद की थी।

सिर्फ यही एक नहीं, बल्कि 4 और अहम वजहें थीं। सपा के सिब्बल को समर्थन के पीछे। अब विस्तार से पढ़िए…

1-सुप्रीम कोर्ट में आजम खान के वकील थे कपिल सिब्बल
वरिष्ठ सपा नेता आजम खान 27 महीने से सीतापुर जेल में बंद रहे। आजम खान पर 87 से ज्यादा मुकदमे यूपी में दर्ज हैं। एमपी-एमएलए कोर्ट से लेकर रामपुर कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक आजम खान के मामलों की सुनवाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आजम खान 21 मई को सीतापुर जेल से बाहर आए। जमानत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल ने आजम खान की पैरवी की थी।

2-आजम खान ने की थी सिब्बल की तारीफ
आजम खान से कपिल सिब्बल को लेकर दैनिक भास्कर ने बातचीत की थी। इसमें आजम ने कहा था-अगर कपिल सिब्बल यूपी से राज्यसभा जाते हैं, तो उनसे ज्यादा खुशी किसी को नहीं होगी। यानी साफ है कि अखिलेश यादव ने कपिल सिब्ब्ल का समर्थन करके आजम से चल रही नाराजगी को भी दूर करने की कोशिश की है। बहुत संभावना है कि दोनों में तय होने के बाद कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजने पर सहमति बनी है।

बुधवार को जब कपिल सिब्ब्ल ने राज्यसभा के लिए नामांकन किया तो उस वक्त अखिलेश यादव भी उनके साथ थे।
बुधवार को जब कपिल सिब्ब्ल ने राज्यसभा के लिए नामांकन किया तो उस वक्त अखिलेश यादव भी उनके साथ थे।

3-आजम के सहारे मुसलमानों का भरोसा बनाए रखना चाहती है सपा
यूपी के वरिष्ठ पत्रकार कमल जयंत बताते हैं कि यूपी में 2022 के चुनाव में मुसलमानों ने सपा को वोट दिया था। अब यह बात काफी तेजी से फैल रही थी कि आजम और अखिलेश यादव में दूरियां हैं। इसको खत्म करने के लिए ही सपा सिब्बल को राज्यसभा भेज रही है। इसको आजम खान की नाराजगी कम करने को लेकर देखा जा रहा है। कहीं न कहीं अखिलेश यह दिखाना चाहते हैं कि वह मुसलमानों के साथ खड़े हैं। भाजपा केवल प्रोपोगंडा फैला रही है कि अखिलेश मुसलमानों और आजम के पक्ष में नहीं हैं।

4- 2024 में कांग्रेस के वोट बैंक पर भी सपा की नजर
कपिल सिब्बल को 2016 में कांग्रेस ने राज्यसभा भेजा था। इस बार उन्हें सपा राज्यसभा भेज रही है। ऐसे में सिब्बल के जरिए अखिलेश बड़ा राजनीतिक खेल करते दिख रहे हैं। इससे अखिलेश 2024 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस के वोट बैंक को भी संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं। अखिलेश की कोशिश है कि जिस बड़े चेहरे को कांग्रेस ने तरजीह नहीं दी, उसे सपा ने सम्मान दिया। इससे कांग्रेस का कोर वोट बैंक भी सपा के खाते में आ सकता है।

उधर, संभल के जावेद अली खान को भी सपा राज्यसभा भेजेगी। जावेद 2014 से 2020 तक राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं। उन्हें मुलायम सिंह यादव और राम गोपाल यादव का करीबी माना जाता है।

राज्यसभा की 11 सीटों पर होना है चुनाव
यूपी में राज्यसभा की 11 सीटों पर इस बार चुनाव होना है। विधानसभा में सदस्यों की संख्या के आधार पर भाजपा 7 और सपा 3 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है।

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