मैं धर्म में आस्‍था रखता हूं, मुझे क्या मिला?

काशी विश्वनाथ और गंगा दर्शन के लिए 500 करोड़; सदन में लगे हर-हर महादेव के नारे…
लखनऊ….

योगी सरकार 2.0 में भी धार्मिक आस्था वाले शहरों के लिए भरपूर बजट दिया गया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पढ़ा। जिसमें काशी विश्वनाथ राजघाट पुल के लिए 500 करोड़ दिए गए हैं। वाराणसी में गंगा तट से काशी विश्वनाथ तक सड़क के लिए 77 करोड़ रखे गए हैं। इसके बाद सदन सदस्यों ने हर हर महादेव के नारे लगाए।

संतो पुरोहितों के लिए बोर्ड गठन होगा। इसके लिए 1 करोड़ का बजट रखा गया है। साथ ही कहा कि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ाई जा रही है। अयोध्या में सूरजकुंड के विकास के लिए 140 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट को साल के अंत तक शुरू हो जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन किया गया। वाराणसी में बैलून फेस्टिवल मनाया गया। बजट के जरिए लोकसभा चुनाव 2024 से पहले हिंदुत्व के एजेंडे को धार दी गई है।

पढ़िए धर्म नगरियों को क्या-कुछ दिया गया…

  • बनारस में पर्यटन सुविधा के लिए 100 करोड़
  • अयोध्या में पर्यटन सुविधा के लिए 100 करोड़
  • अयोध्या में जनसुविधाओं और पार्किंग के लिए 209 करोड़
  • राम जन्मभूमि मंदिर सड़क निर्माण के लिए 300 करोड़
  • कुंभ मेला प्रयागराज के लिए 100 करोड़
  • अयोध्या में सिपेट केंद्र बनाने के लिए 35 करोड़

आइए समझते हैं कि योगी सरकार 1.0 में हुई बजट घोषणाओं को कितना अमली जामा पहनाया जा चुका है..

अयोध्या : पिछले बजट की घोषणाएं :

  • 300 करोड़ श्री राम जन्मभूमि मंदिर और अयोध्या धाम मार्ग
  • 100 करोड़ अयोध्या में पर्यटन
  • 101 करोड़ अयोध्या का एयरपोर्ट
  • 140 करोड़ अयोध्या का डेवलपमेंट

कितना काम हुआ
तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक मंदिर निर्माण 30% पूरा हो चुका है। इसमें कुल 1100 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है। अब तक 192 करोड़ रुपए खर्च भी हो चुके हैं। इस मंदिर को 2024 से पहले तैयार करना है। अयोध्या एयरपोर्ट दिसंबर 2023 तक शुरू हो सकेगा।
वाराणसी : पिछले बजट की घोषणाएं

  • 200 करोड़ काशी विश्वनाथ मंदिर निर्माण
  • 180 करोड़ सांस्कृतिक केंद्र स्थापना
  • 100 करोड़ पर्यटन के लिए

कितना काम हुआ
काशी विश्वनाथ मंदिर दिसंबर 2021 में बनकर तैयार हो गया। माना गया कि 250 साल बाद मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ है। यूपी के पहले सांस्कृतिक केंद्र के लिए जमीन अधिग्रहण किया गया है। लेकिन, अभी तक बनकर तैयार नहीं हो सका है। पर्यटन को बढ़ाने के लिए वाराणसी में डेवलपमेंट चल रहा है।

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