भाजपा ने राज्यसभा के लिए 6 नामों का ऐलान किया … योगी के लिए सीट खाली करने वाले पूर्व विधायक और पूर्व अध्यक्ष बाजपेयी को मिला टिकट

भाजपा ने रविवार शाम यूपी में राज्यसभा के लिए 6 प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। इनमें लक्ष्मीकांत बाजपेयी, राधा मोहन अग्रवाल, सुरेंद्र सिंह नागर, बाबूराम निषाद, दर्शना सिंह और संगीता यादव के नाम हैं। पार्टी देर रात तक या सोमवार सुबह दो और नामों का ऐलान कर सकती है। यानी, कुल 8 नामों का ऐलान करना है। यूपी में 11 सीटों पर राज्यसभा चुनाव होना है। इसमें नामांकन की आखिरी तारीख 31 मई है। वहीं, सपा भी अब तक 3 प्रत्याशियों के नाम तय कर चुकी है।

राधा मोहन अग्रवाल गोरखपुर सदर से 4 बार से विधायक रहे हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में योगी के लिए इन्होंने अपनी सीट छोड़ दी थी। अग्रवाल, सीएम योगी के बेहद करीबी बताए जाते हैं। वहीं, इस लिस्ट में चौरी-चौरा की पूर्व विधायक संगीता यादव का नाम है।

माना जा रहा है कि 2024 के चुनाव में पूर्वांचल के यादव वोट बैंक में सेंधमारी के लिए पार्टी ने यह दांव चला है। वहीं, प्रदेश में बतौर संगठन मंत्री सुनील बंसल के आने के बाद हाशिए पर चले गए लक्ष्मीकांत बाजपेयी को भी पार्टी के लिए लगातार काम करते रहने का इनाम मिला है।

जानिए उन प्रत्याशियों के बारें में, जिन्हें राज्यसभा का टिकट मिला

लक्ष्मीकांत बाजपेयी: 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान यूपी बीजेपी अध्यक्ष थे। तब भाजपा ने 73 सीटें जीती थीं। 2022 के विधानसभा चुनाव में जॉइनिंग कमेटी के चेयरमैन भी बनाए गए। बड़े पैमाने पर जॉइनिंग कराई थी।

राधा मोहन दास अग्रवाल: गोरखपुर शहर से लगातार 4 बार से विधायक थे। 2022 के विधानसभा चुनाव में गोरखपुर में योगी के लिए अपनी सीट छोड़ी थी।

संगीता यादव: गोरखपुर के चौरीचौरा से भाजपा की विधायक रह चुकी हैं। इस बार विधानसभा चुनाव में इनका टिकट काट दिया गया था।

दर्शना सिंह: चंदौली की रहने वाली हैं। अभी वे महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। एमए मध्यकालीन इतिहास में पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति से गोल्ड मेडल भी मिल चुका है। भाजपा की विचारधारा से प्रेरित होकर 2008 से संगठन में सक्रिय हुईं।

सुरेंद्र नागर: 2008 से 2014 तक गौतमबुद्धनगर सीट से बसपा के टिकट पर सांसद रह चुके हैं। इसके बाद 2019 तक राज्यसभा सांसद रहे। इसके बाद उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली थी। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में उन्हें स्टार प्रचारक भी बनाया था।

बाबूराम निषाद: योगी सरकार के पहले कार्यक्रम में पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम के अध्यक्ष थे। उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था। संगठन में भी प्रदेश उपाध्यक्ष की भूमिका निभा चुके हैं।

यूपी भाजपा ने 14 नामों की लिस्ट संसदीय पैनल को भेजी थी
यूपी भाजपा ने राज्यसभा के लिए 14 नाम संसदीय बोर्ड को भेजे थे। सूत्रों ने बताया कि इसमें शिव प्रताप शुक्ला, प्रियंका रावत, संजय सेठ, आरपीएन सिंह, नरेश अग्रवाल, जफर इस्लाम के नाम भी थे। लेकिन, 6 नामों की जो लिस्ट आई है, उनमें ये नाम नहीं है। दो नामों की अगली लिस्ट में इसमें से एक या दो नाम होने की उम्मीद जताई जा रही है।

11वीं सीट के लिए मुकाबला बेहद दिलचस्प
यूपी में राज्यसभा की 11 सीटें खाली होने जा रही हैं, उनमें से 5 अभी भाजपा के पास हैं, 3 सपा, 2 बसपा और 1 कांग्रेस के पास है। यूपी विधानसभा में 403 सीटें है। इस हिसाब से राज्यसभा के एक उम्मीदवार की जीत के लिए कम से कम 36 विधायकों के वोट की जरूरत होगी। भाजपा गठबंधन के पास 273 विधायक हैं। इस लिहाज से एनडीए को 7 सीटें आसानी से मिल जाएंगी। सपा गठबंधन की बात करें तो 125 विधायकों के साथ अखिलेश यादव के 3 प्रत्याशी आसानी से जीत हासिल कर लेंगे। वहीं 11वीं सीट के लिए मुकाबला बेहद दिलचस्प होने की उम्मीद हैं।

समाजवादी पार्टी तीन उम्मीदवार कर चुकी है घोषित
सपा ने कपिल सिब्बल‚ जावेद अली और रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी को प्रत्याशी घोषित किया है। सपा ने बीते शनिवार को कहा था कि वह चौथा प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारेगी। ऐसे में सपा के तीन प्रत्याशी जहां निर्विरोध निर्वाचित हो जाएंगे‚वहीं भाजपा के भी अब सभी आठ सदस्य आसानी से चुने जा सकेंगे।

अखिलेश यादव के साथ कपिल सिब्बल। सिब्बल ने कांग्रेस छोड़ दी है। वे राज्यसभा के लिए नामांकन भी कर चुके हैं।
अखिलेश यादव के साथ कपिल सिब्बल। सिब्बल ने कांग्रेस छोड़ दी है। वे राज्यसभा के लिए नामांकन भी कर चुके हैं।

सपा को क्रॉस वोटिंग का डर
बीते कुछ समय से सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच तल्ख रिश्ते माने जा रहे हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि सपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीते शिवपाल यादव राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। वहीं राजा भैया की पार्टी भी अगर भाजपा के पक्ष में वोट करती है तो भी भाजपा को आठवां राज्यसभा सांसद चुनने में कठिनाई होती। लेकिन अब सभी 11 राज्य सभा सीटों के लिए निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है।

राज्यसभा चुनाव के लिए 31 मई तक उम्मीदवार नामांकन दाखिल कर सकेंगे। 1 जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 3 जून तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकेंगे। हालांकि मतदान 10 जून को प्रस्तावित है। लेकिन अब मतदान की संभावना लगभग समाप्त हो गयी है।

4 जुलाई को खत्म हो रहा 11 राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल
वर्तमान राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल 4 जुलाई को समाप्त हो रहा है। जिन 11 राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल खत्म हो रहा है‚ उसमें सतीश चंद्र मिश्रा‚ अशोक सिद्धार्थ‚ सुरेन्द्र सिंह नागर‚ अमर सिंह‚ कपिल सिब्बल‚ बेनी प्रसाद वर्मा‚ कुंवर रेवती रमण सिंह‚ विशम्भर प्रसाद निषाद‚ शिव प्रताप शुक्ला‚ संजय सेठ और चौधरी सुखराम सिंह यादव शामिल हैं। इसमें भाजपा के 5‚ बसपा के दो‚ सपा के 3 और कांग्रेस का 1 सांसद है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *