भिण्ड : 800 कार और 2000 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉली कर रहे अवैध परिवह …?

800 कार और 2000 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉली कर रहे अवैध परिवह…..
ट्रैवल एजेंसी में संलग्न मालिक नहीं ले रहे टैक्सी परमिट और फिटनेस, उधर कृषि उपयोग के लिए उठाए ट्रैक्टर ट्रॉलियों से कर रहे रेत, गिट्टी, मिट्टी, ईंट, सरिया सहित बिल्डिंग मटेरियल का परिवहन

भिण्ड. जिले भर में संचालित करीब 100 ट्रैवल एजेंसियों पर लगभग 800 से ज्यादा लग्जरी कारें टैक्सी के रूप में चल रही हैं। वहीं कृषि कार्य के उद्देश्य से क्रय किए गए 2000 से अधिक ट्रैक्टर ट्रॉलियों को भी व्यावसायिक उपयोग में लिया जा रहा है। टैक्स के रूप में 12 करोड़ की चपत शासन को लगा दी गई है।

उल्लेखनीय है कि कमर्शियल उद्देश्य से खरीदे जाने वाले ट्रैक्टर की कुल कीमत का 10 फीसद परिवहन कर के रूप में जमा कराए जाने का प्रावधान है। सरकार को चपत लगाने के लिए मालवाहक ट्रैक्टर संचालक उसे कृषि उपयोगी दर्शाकर 50 से 60 हजार रुपए का टैक्स बचा लेते हैं। लिहाजा प्रति ट्रैक्टर 50 हजार रुपए के कर चोरी की औसत से 2000 कृषि उपयोगार्थ क्रय किए गए ट्रैक्टरों के माध्यम से 10 करोड़ से अधिक की चपत शासन को लगा दी है। कृषि उपयोग के नाम पर ट्रैक्टर की खरीद दर्शाकर उन्हें गिट्टी, मिट्टी, रेत, ईंट, पत्थर, बिल्डिंग मटेरियल, भूसा, लकड़ी, तूरी, टेंट हाउस आदि सामान के परिवहन के लिए उपयोग किया जा रहा है।

पंजीकृत ही नहीं एजेंसी

विदित हो कि प्रति ट्रैवल एजेंसी पर 08 से 10 कारें टैक्सी के लिए संलग्न हैं। टैक्सी पर चलाने के लिए प्रति पांच वर्ष में 25 हजार रुपए का टैक्स अदा करना होता है। इसके अलावा प्रति दो वर्ष में फिटनेस शुल्क के रूप में 1500 रुपए चुकाने होते हैं, लेकिन जिले में कई ट्रैवल एजेंसियों पर लगीं कारें बिना टैक्सी परमिट के ही चल रही हैं। हैरानी की बात तो यह है कि कई ट्रैवल एजेंसी ही जिला परिवहन कार्यालय में पंजीकृत नहीं हैं। प्रति कार 2500 टैक्स के हिसाब से 800 कार का टैक्स दो करोड़ रुपए हो रहा है। इसमें फिटनेस टैक्स एवं ट्रेवल एजेंसी का पंजीयन शुल्क शामिल नहीं किया गया है।

कृषि उपयोगार्थ क्रय किए गए ट्रैक्टरों के व्यवसायिक उपयोग होने तथा निजी कारों के टैक्सी के रूप में संचालित किए जाने के खिलाफ चुनाव के बाद अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।- अनुराग शुक्ला, जिला परिवहन अधिकारी भिण्ड

व्यावसायिक उपयोग में लाए जा रहे कृषि उपयोगार्थ क्रय ट्रैक्टर।
अवैध परिवहन करते पकड़े जाने के बाद भी नहीं होती है कार्रवाई

उल्लेखनीय है कि व्यावसायिक उपयोग हो रहे ट्रैक्टर ट्रॉली एवं कारों के अवैध परिवहन करते पुलिस या खनिज विभाग की ओर से पकड़े जाने के बावजूद उनके टैक्सी परमिट या व्यवसायिक उपयोग संबंधी दस्तावेज नहीं देखे जाते और न ही कार्रवाई करने वाले अधिकारी या कर्मचारी द्वारा परिवहन विभाग को अवगत कराया जा रहा। ऐसे में अवैध परिवहन निरंकुश रूप से संचालित किया जा रहा है।

परिवहन विभाग की भी अनदेखी : जिलेभर में निरंकुश रूप से टैक्सी के रूप में चल रही निजी कारों के अलावा ट्रैवल एजेंसियों तथा कृषि उपयोगार्थ क्रय किए गए उन ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर कार्रवाई नहीं की गई है जो व्यावसायिक उपयोग में लिए जा रहे हैं। ऐसे में अवैध परिवहन करने वालों वाहनों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है।

10 करोड़ की ट्रैक्टर ट्रॉलियों के टैक्स के रूप में चपत

02 करोड़ रुपए का कारों के टैक्सी के रूप में संचालित पहुंचाई शासन को क्षति

ट्रैवल एजेंसी के बाहर खड़ी कारें

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *