देश में 841 लोगों पर एक पुलिसकर्मी …?
खर्च दोगुना होने के बावजूद 21% पद खाली, महिला पुलिसकर्मियों की संख्या सिर्फ 10.5%….
देश में पुलिसिंग पर प्रति व्यक्ति खर्च साल 2020 में 1039 रु. तक हो गया, जो 2010 में 445 रु. ही था। यानी 10 साल में दोगुनी बढ़ोतरी हुई है। मगर अब भी देश के हर तीसरे थाने (कुल 17233 थानों में से 11837 में ही कैमरे लगे हैं) में कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं है। यही नहीं, पुलिस फोर्स में 21.4% पद खाली पड़े हैं। 2019 में 20.3% पद ही खाली थे।
वहीं, देश भर में कुल महिला पुलिसकर्मियों की संख्या सिर्फ 10.5% है। 2006 में यह आंकड़ा 3.3% था यानी 15 साल में बमुश्किल 7% की बढ़ोतरी हुई है। इसी रफ्तार से चले तो 33% के आंकड़े तक पहुंचने में 33 साल लगेंगे। गृह मंत्रालय के पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो की ओर से जारी DOPO (डेटा ऑन पुलिस ऑर्गेनाइजेशन) और इंडिया जस्टिस रिपोर्ट में ये आंकड़े सामने आए हैं।
बिहार में 42% और उत्तराखंड में 7% पद खाली
बिहार, यूपी, प. बंगाल और असम में कांस्टेबल-अफसरों के 25% से ज्यादा पद खाली हैं। बिहार में सबसे ज्यादा 41.8% और उत्तराखंड में सबसे कम 6.8% पद रिक्त। देश में पुलिसकर्मियों के 5.62 लाख पद खाली हैं। 2020 में कांस्टेबल के 20% व अफसरों के 32% पद रिक्त थे, 2019 में 18% व 29% थे।
बजट, पद, इंफ्रास्ट्रक्चर, वर्कलोड और आरक्षण से जुड़े 18 पैमानों में से सबसे ज्यादा 14 पर केरल खरा उतरा है। गुजरात 11, मप्र, पंजाब और हरियाणा 10-10, बिहार व महाराष्ट्र 8-8, यूपी व राजस्थान 7-7, झारखंड 6, छत्तीसगढ़ सिर्फ 3 पैमानों पर खरा है।
15 साल में 7% ही बढ़ीं महिला पुलिस
देश का एक भी राज्य पुलिस फोर्स में महिलाओं के लिए आरक्षित पदों पर भर्ती का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाया है। देश में सिर्फ 10.5% महिला पुलिसकर्मी हैं। तमिलनाडु की पुलिस फोर्स में महिलाओं की सबसे ज्यादा 19.4% हिस्सेदारी है। 17.4% के साथ बिहार दूसरे पर है।
इतना ही नहीं, 17,233 थानों में से 10,165 में ही वुमन हेल्प डेस्क है। एकमात्र त्रिपुरा के सभी थानों में वुमन हेल्प डेस्क है। पुलिस बल में जिस रफ्तार से महिलाएं बढ़ रही हैं, उससे 33% तक पहुंचने में देश को 33 साल लगेंगे।
10 साल में एसटी 1%, एससी 3% जबकि OBC पुलिसकर्मी 8% बढ़े हैं
देश में 2010 से 2020 के बीच पुलिस फोर्स में एसटी 10.6% से 11.7% और एससी 12.6% से 15.2% ही हो पाए हैं, जबकि OBC 20.8% से बढ़कर 28.8% हो गए। बड़े राज्यों में सबसे ज्यादा 30.5% एससी पुलिसकर्मी पंजाब में और सबसे कम 7.5% केरल में हैं।
सबसे अधिक 39.9% एसटी पुलिसवाले छत्तीसगढ़ में और सबसे कम (0) पंजाब में हैं। तमिलनाडु में सर्वाधिक 64.6% पुलिसकर्मी OBC हैं। उत्तराखंड 12.1% के साथ सबसे पीछे हैं। कर्नाटक ही एससी, एसटी और OBC का तय कोटा पूरा कर पाया है।
कहां-किसे-कितना कोटा; तमिलनाडु पुलिस में ओबीसी को 50% आरक्षण
- 18 बड़े राज्यों की पुलिस में एससी के लिए सर्वाधिक 26% कोटा प. बंगाल में है। एसटी के लिए 32 फीसदी छत्तीसगढ़ में व ओबीसी के लिए 50% तमिलनाडु में है।
- महाराष्ट्र में एससी, एसटी के लिए पुलिस में कोई कोटा नहीं है। OBC के लिए पुलिस फोर्स में सबसे कम 11 प्रतिशत का आरक्षण ओडिशा में है।
- राजस्थान पुलिस में 15% एससी, 14% एसटी व 17% OBC हैं। मप्र में यह क्रमश: 12%, 14% व 12% हैं।
- 18 बड़े राज्यों में तमिलनाडु के बाद कर्नाटक व बिहार में ही OBC पुलिसकर्मी 50% से ज्यादा हैं। एससी-एसटी कहीं भी 50% तक नहीं पहुंचे हैं।