ग्वालियर : हल्की वर्षा में ही खुल गई सड़कों की पोल …?

बुधवार को हुई सिर्फ पांच मिमी वर्षा में ही ये पैच रिपेयरिंग उखड़ गई। ठीक यही स्थिति शहर के नालों की भी है।

नगर निगमनटूटी सड़कों को संवारने नगर निगम को 150 करोड़ रुपये की जरूरत

ग्वालियर । शहर में पिछले कुछ दिनों में हुई छुटपुट वर्षा में ही नगर निगम की व्यवस्थाओं की पोल खुल गई है। टूटी पड़ी सड़कें वाहन चालकों और राहगीरों को दर्द के अलावा और कुछ नहीं दे रही हैं। हालांकि इन टूटी सड़कों को संवारने के लिए नगर निगम को 150 करोड़ रुपये से अधिक की जरूरत है और इसका प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया। वहां से इस मामले में कोई निर्णय नहीं हुआ और अफसर बजट की उम्मीद में सड़कों के गढ्डे भी भरना भूल गए। अब वर्षा के मौसम में गढ्डों को भरने के लिए पैच रिपेयरिंग की जा रही है, लेकिन बुधवार को हुई सिर्फ पांच मिमी वर्षा में ही ये पैच रिपेयरिंग उखड़ गई। ठीक यही स्थिति शहर के नालों की भी है। झमाझम वर्षा होने पर ये नाले उफनते हुए नजर आएंगे।

सीजन की पहली झमाझम वर्षा के लिए शहर तरस रहा है। पिछले दिनों हुई छुटपुट वर्षा के बाद शहर के कई मुख्य मार्गों पर जलभराव की समस्या देखने में आई है। यह स्थिति तब है, जबकि एक दिन में अधिकतम पांच से 10 मिमी वर्षा ही दर्ज की गई है। अब आगामी 10 जुलाई से झमाझम वर्षा होने की संभावना जताई जा रही है। वर्षा होने पर सड़कों के गढ्डे और जलभराव रोकने की पूरी कवायद की पोल खुल जाएगी। इसका कारण यह है कि गढ्डे भरने के लिए नगर निगम ने पैच रिपेयरिंग कार्य बहुत देरी से शुरू किया है। जो काम 15 से 20 दिन पहले शुरू होना था, उस पर नगर निगम ने जुलाई माह में कार्य शुरू किया है। यह डामर जब तक सड़क पर पकड़ नहीं बना पाया, तब तक वर्षा होने से डामर उखड़ गया। यह स्थिति मुरार के हुरावली, सचिन तेंदुलकर मार्ग, सिटी सेंटर सहित अन्य क्षेत्रों की है। इसके अलावा बुधवार को हुई हल्की वर्षा में ही अवाड़पुरा क्षेत्र में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई। ऐसे में साफ है कि जैसे ही मौसम का सिस्टम बनने पर शहर में जमकर वर्षा हुई, वैसे ही निगम की तैयारियों की पोल खुल जाएगी।

दो करोड़ रुपये है पैच रिपेयरिंग का बजट

शहर की सड़कों की पैच रिपेयरिंग करने के लिए नगर निगम के पास दो करोड़ रुपये का बजट है। इसी राशि से शहर की सड़कों के जख्म भरे जाते हैं। वर्षा के पहले अब निगम के अफसर यह दलील दे रहे हैं कि पैच रिपेयरिंग में सिर्फ गढ्डे ही भरे जाते हैं, लेकिन इन गढ्डों को समय रहते क्यों नहीं भरा गया, इसका जवाब उनके पास नहीं है। जानकारों के मुताबिक यदि 15 दिन पहले पैच रिपेयरिंग का काम शुरू होता तो गढ्डों को भरने के बाद उन पर बिछाया गया डामर भी ठीक से पकड़ बना लेता, लेकिन अब पैच रिपेयरिंग करने का भी कोई फायदा नहीं है।

बाजारों में गड्ढे कर रहे परेशान

पिछले कुछ दिनों में नगर निगम का ध्यान सिर्फ उन मार्गों की पैच रिपेयरिंग पर केंद्रित था, जो मतदान केंद्रों की ओर जाते हैं। इन्हीं सड़कों पर नगर निगम द्वारा पैच रिपेयरिंग कराई गई, ताकि मतदाताओं को परेशानी का सामना न करना पड़े। दूसरी ओर वास्तविक परिस्थितियों की बात करें, तो शहर के लश्कर क्षेत्र में माधव डिस्पेंसरी के सामने, नया बाजार, राक्सी पुल, लक्कड़खाना आदि इलाकों में भी गढ्डे वाहन चालकों को परेशान कर रहे हैं। वर्षा में जब गढ्डों में पानी भरता है, तो वाहन चालकों को गहराई का अंदाजा नहीं लगता और वे दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।

लगातार कर रहे हैं मरम्मत

निगम लगातार शहर की टूटी पड़ी सड़कों के गढ्डे भरने का काम कर रहा है। यह काम पिछले काफी समय से चल रहा है। जिन इलाकों में वर्षा के बाद गढ्डे हुए हैं, उन्हें भी हम शुक्रवार से भरवाना शुरू करेंगे। मुख्य मार्गों पर भी जल्द ही मरम्मत का काम कराया जाएगा।

जेपी पारा, अधीक्षण यंत्री जनकार्य नगर निगम

 

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