MP में सबसे अमीर-गरीब पार्षद कांग्रेसी, दोनों मुस्लिम …? इंदौर में 31, भोपाल में 30 पार्षद करोड़पति; सबसे गरीब बोलती हैं इंग्लिश
मध्यप्रदेश के 16 नगर निगम में 884 पार्षदों में से 193 करोड़पति हैं। इनमें सबसे अमीर और सबसे गरीब मुस्लिम पार्षद हैं। ये दोनों कांग्रेस पार्टी के हैं। भोपाल में टॉकीज और फर्म के मालिक अजीजउद्दीन 53 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं। वे केवल 10वीं पास हैं। जबलपुर की शगुफ्ता उस्मानी MA-LLB हैं। पेशे से वकील हैं, लेकिन उनके पास मात्र 4 हजार रुपए हैं। फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती हैं।
……… ने प्रदेश के सभी नगर निगमों के 884 पार्षदों के शपथ पत्र खंगाले। वो शपथ पत्र, जिसे निकाय चुनाव में उम्मीदवारी के समय प्रशासन के सामने कैंडिडेट ने पेश किए थे। इनसे पता चला कि सभी पार्षदों व परिवार की 927 करोड़ 69 लाख से ज्यादा की चल-अचल संपत्ति है। इनमें से 193 पार्षद करोड़पति हैं। इनमें 76 महिला पार्षद हैं। इनकी कुल संपत्ति 743 करोड़ 17 लाख है।
शपथ पत्र के मुताबिक भोपाल नगर निगम के पार्षद प्रदेश में सबसे ज्यादा धनी हैं। यहां के 79 पार्षदों के पास 201 करोड़ की संपत्ति है, लेकिन शहर वाइज करोड़पति पार्षदों को देखें तो इस सूची में सबसे ज्यादा इंदौर के 31 पार्षद हैं। टॉप 10 अमीर पार्षदों में पांच बीजेपी और चार कांग्रेस के हैं, जबकि एक निर्दलीय है। इनमें 7 महिला पार्षद हैं।
नव निर्वाचित पार्षदों में 84 ऐसे हैं, जिन पर 162 केस दर्ज हैं। इनमें सबसे ज्यादा पार्षद जबलपुर के हैं। रीवा नगर निगम का एक भी पार्षद दागी नहीं है।
अब एजुकेशन की बात करते हैं। 131 पार्षद पोस्ट ग्रेजुएट हैं, लेकिन इससे ज्यादा संख्या कॉलेज नहीं जाने वालों की है। शपथ पत्र के मुताबिक 159 पार्षद हायर सेकेंडरी पास हैं। 157 पार्षद 9वीं पास हैं। 59 पार्षद 5वीं के बाद स्कूल ही नहीं गए। वहीं, 8 पार्षद कभी स्कूल नहीं गए यानी निरक्षर हैं।
ये हैं सबसे अमीर पार्षद, जानिए इनके बारे में…
प्रदेश की सबसे गरीब MA-LLB पार्षद जबलपुर की शगुफ्ता
नवनिर्वाचित कई पार्षद ऐसे भी हैं, जिनके पास संपत्ति के नाम पर एक लाख रुपए भी नहीं है। शपथ पत्र के मुताबिक जबलपुर के वार्ड 23 से कांग्रेस पार्षद शगुफ्ता उस्मानी की तालीम दूसरे पार्षदों से ज्यादा है, लेकिन संपत्ति के नाम पर उनके पास केवल 4 हजार रुपए हैं। वह एमए, एलएलबी हैं। वहीं, देवास के वार्ड 15 से बीजेपी पार्षद महेश फुलेरी की आय 12 हजार है। वे 8वीं पास हैं।
सिंगरौली-देवास में एक भी कांग्रेसी पार्षद करोड़पति नहीं
16 में से दो नगर निगम देवास व सिंगरौली में कांग्रेस का एक भी पार्षद करोड़पति नहीं है। देवास के 45 में से 7 बीजेपी पार्षद करोड़पति हैं। सिंगरौली में 45 में से 8 पार्षद करोड़पतियों की सूची में हैं। इसमें 5 बीजेपी और एक बीएसपी का है, जबकि 2 निर्दलीय हैं। इंदौर में 30 करोड़पति पार्षदों में से 22 बीजेपी के हैं, जबकि कांग्रेस के 8 व एक निर्दलीय है।
जबलपुर से ज्यादा छिंदवाड़ा, देवास व उज्जैन के पार्षद संपन्न
संपत्ति के मामले में जबलपुर का नंबर 7वां है। यहां 79 पार्षदों की कुल संपत्ति 50 करोड़ रुपए है। वहीं, छोटे शहर छिंदवाड़ा, देवास और उज्जैन के पार्षद जबलपुर के पार्षदों से ज्यादा संपन्न हैं।
जबलपुर में सबसे ज्यादा दागी पार्षद
शपथ पत्र के मुताबिक सबसे ज्यादा जबलपुर में 16 दागी उम्मीदवार पार्षद बने हैं। कुल 16 नगर निगमों में दागी पार्षदों की संख्या 84 है। इन पर 162 केस दर्ज हैं। दूसरे नंबर पर इंदौर है, जहां निर्वाचित 14 पार्षदों के खिलाफ केस दर्ज हैं। भोपाल से कांग्रेस पार्षद योगेंद्र गुड्डू चौहान पर 9 केस दर्ज हैं। हालांकि, ये राजनीतिक हैं।
(जानकारी चुनाव के दौरान नामांकन पत्र के साथ दिए गए शपथ पत्र के मुताबिक।)