गुलाम नबी आजाद ने कहा- ‘आपने भारत के मस्तक के टुकड़े कर दिए’, जवाब में अमित शाह ने जड़े ‘पंच’

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 (Jammu Kashmir Reorganization Bill 2019) राज्यसभा (Rajya Sabha) में पास हो गया है, लेकिन कुछ विपक्षी नेताओं ने पुरजोर तरीके से इसका विरोध किया. विरोध करने वाले नेताओं की अगुवाई कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने किया. अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और जम्मू एवं कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में बांटने के सरकार के कदम का कड़ा विरोध किया है. आइए विपक्षी नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के सवाल और अमित शाह (Amit Shah) के जवाब पर एक नजर डालते हैं.

1. गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad): मोदी सरकार ने भारत के मस्तक के टूकड़े कर दिए. सरकार देश को टुकड़े-टुकड़े करना चाहती है. जम्मू एवं कश्मीर के लोग केंद्र सरकार के साथ नहीं हैं.

अमित शाह (Amit Shah) का जवाब: जम्मू कश्मीर भारत का मुकुट मणी है. इसे कोई नहीं बदल सकता है. कुछ चंद लोगों को छोड़कर जम्मू कश्मीर की सारी जनता इस बिल के पक्ष में है. वहां के लोगों को कुछ चंद नेता गुमराह करते रहे हैं, जो इस बार नहीं होने दिया जाएगा.

2. गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad): कश्मीर के लोगों ने धर्मनिरपेक्ष भारत के साथ रहना पसंद किया है, लेकिन बीजेपी सरकार ने देश को बांटा है. आजाद ने कहा कि इस प्रस्तावित संकल्प से देश में राज्यों की संख्या 29 से घट कर 28 रह जाएगी.

अमित शाह (Amit Shah) का जवाब: धारा370 और 35ए जम्मू कश्मीर के लोगों की धर्मनिरपेक्षता और समानता में बाधक है. मैं गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) साहब से पूछता हूं कि अगर कोई कश्मीरी लड़की किसी उड़िया लड़के से शादी कर लेती है तो क्या जम्मू कश्मीर में उसे वहां के अधिकारों से वंचित नहीं कर देती. पूरे देश में छह से 14 साल तक के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है, लेकिन जम्मू कश्मीर में यह संभव नहीं है. ऐसा धारा 370 और 35ए के चलते होता है.

3. गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad): अनुच्छेद 370 के कारण यह राज्य सांस्कृतिक, सामजिक और राजनीतिक रूप से अलग-अलग होने के बावजूद एक था.

अमित शाह (Amit Shah) का जवाब: हम जम्मू कश्मीर और वहां के लोगों का सही मायने में विकास करना चाहते हैं. मैं कश्मीर के युवाओं से कहना चाहता हूं कि धारा370 के साथ कांग्रेस के लोगों ने उन्हें 70 साल रखा, जिसके चलते इस यहां विकास के बजाय आतंकवाद पनपता रहा. मुझे धारा 370 और 35ए के बिना पांच साल दीजिए पूरे राज्य की सूरत बदलकर रख देंगे. यहां से आतंकवाद और अलगाववाद की जगह बच्चों के स्कूल जाने और रोजगार-धंधे की खबरें आएगी.

4. गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad): केंद्र सरकार धारा370 और 35ए हटाकर जम्मू कश्मीर की संस्कृति को खत्म करने पर आमदा है.

अमित शाह (Amit Shah) का जवाब: मैं गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) साहब सहित जम्मू कश्मीर की संस्कृति की चिंता करने वालों से कहना चाहता हूं कि क्या महाराष्ट्र, ओड़िसा, कर्नाटक, केरल, गुजरात आदि राज्य जब भारत गणराज्य का हिस्सा बने तो क्या इनकी संस्कृति नष्ट हो गई. इन सभी राज्यों की अपनी संस्कृति है अपनी भाषा है, लेकिन इन राज्यों में जम्मू कश्मीर की तरह गरीबी-भूखमरी नहीं है. जम्मू कश्मीर और लद्दाख पृथ्वी का स्वर्ग है, ये पूरी दुनिया जानती है, लेकिन धारा 370 और 35ए के चलते यहां पर्यटन को भी बढ़ावा नहीं मिल पाया. इनकी वजह से इस राज्य में कोई बड़ा होटल नहीं है. कोई होटल कंपनी यहां जमीन खरीदकर होटल नहीं बना सकती. मैं पूछना चाहता हूं क्या उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ या नॉर्थ-ईस्ट के हिस्सों में पर्यटन के बढ़ावा देने से वहां की संस्कृति खत्म हो गई.

5. गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad): हमने प्रधानमंत्री के बाद मुख्यमंत्री को देखा और अब वहां उपराज्यपाल होगा. आपने राज्यपाल को लिपिक बना दिया. आपने जम्मू एवं कश्मीर को अस्तित्वहीन बना दिया. ऐसा ही अपने राज्य के साथ कीजिए और देखिए क्या होता है.’ आजाद ने मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, ‘सत्ता के नशे में मत आइए.’

अमित शाह (Amit Shah) का जवाब: मैं जम्मू कश्मीर की जनता को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि इस राज्य का अस्तित्व खत्म करना हमारा कतई मकसद नहीं है. हालात सामान्य होते ही जम्मू कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा.

इसके अलावा अमित शाह (Amit Shah) ने इस बिल का विरोध करने वाले समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव से कहा कि आपकी पार्टी तो ओबीसी की राजनीति करती है, लेकिन आपको पता होना चाहिए की धारा 370 और 35ए के चलते जम्मू कश्मीर की ओबीसी जातियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है.

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