Gwalior : गवाह पलट गए ताे आराेपित छूट गए, लोकायुक्त ने कहा- इन पर दर्ज हो केस
Gwalior Court News: गवाह पलट गए ताे आराेपित छूट गए, लोकायुक्त ने कहा- इन पर दर्ज हो केस
अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक प्रबुद्ध गर्ग के खिलाफ 2014 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया।
-लोकायुक्त ने रिश्वत मामले में भ्रष्ट कर्मचारी व अफसरों को रंगे हाथों पकड़ा था, फरियादी और पंच साक्षी मुकरे
ग्वालियर, । विशेष स्थापना पुलिस (लोकायुक्त पुलिस) ने रिश्वत के मामले में भ्रष्ट कर्मचारी व अफसरों को रंगे हाथ पकड़ा और उन्हें सजा दिलाने के लिए कोर्ट में चालान पेश किए। वर्ष 2014 से अब तक 55 केसों में फैसले आए, जिनमें 38 केसें में सजा हुई, लेकिन 17 केसों में फरियादी व पंच साक्षी मुकर गए। इसकी वजह से आरोपित दोषमुक्त हुए। जिन फरियादी की वजह से आरोपित दोषमुक्त हुए हैं, उन पर केस दर्ज कराने के लिए लोकायुक्त पुलिस ने एमजेसी (मिसलेनियस ज्यूडिसल केस) दायर की हैं। कोर्ट में 19 एमजेसी लंबित है। यदि इन केसों में फैसले लोकायुक्त के पक्ष में जाते हैं तो बयानों से पलटने वालों के खिलाफ भी केस दर्ज हो सकते हैं।
अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक प्रबुद्ध गर्ग के खिलाफ 2014 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया। 2016 में इनके खिलाफ लोकायुक्त ने चालान पेश कर दिया। छह साल में इस केस ट्रायल खत्म हुई। 28 जुलाई 2022 को इस केस में विशेष न्यायालय ने फैसला सुनाया। आरोपित दोषमुक्त हो गए। केस के फरियादी व राजेंद्र सिंह व पंच साक्षी अशोक श्रीवास्तव ने आरोपों की पुष्टि नहीं की। इस कारण आरोपित दोषमुक्त हो गए। जिन केसों में आरोपित दोषमुक्त हुए हैं, उनमें फरियादी ने गवाही पलटी है, जिसके चलते आरोपित दोषमुक्त हुए हैं। जब केस चालू हुआ तो फरियादी ही भ्रष्टाचार की ढाल बनाए गए।
धारा 344 में की जाती है कार्रवाईः
-सीआरपीसी की धारा-344 में गलत साक्ष्य या बयानों से पलटने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। किसी गवाह ने मिथ्या गवाही दी है। अभियोजन धारा-344 के तहत आवेदन दे सकते हैं। एमजेसी मजिस्ट्रेट के यहां सुनी जाती है।
-अभियोजन एमजेसी में मिथ्या गवाही देने वाले को दोषी साबित करने में सफल रहता है तो उसे सजा या जुर्माना लगाया जाता है।
24 केस लंबित, जिनकी ट्रायल होनी है पूरीः
-रिश्वत व भ्रष्टाचार के अलग-अलग मामलों में पकड़े गए अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ 24 ट्रायलें विशेष न्यायालय में लंबित हैं। इनमें से कुछ ट्रायलें अंतिम पायदान पर हैं। साल के अंत तक काफी मामलों में फैसला आ जाएगा।
-कोविड-19 के संक्रमण के चलते वर्ष 2020 व 2021 में न्यायालय बंद रहा था। इस कारण केसों में गवा ही नहीं हो सकी है। इन दो सालों में ज्यादा फैसले नहीं हो सके।
-वर्ष 2019 में भ्रष्टाचारियों को सजा हुई। 17 केसों में आरोपितों को जेल की हवा खानी पड़ी। 2022 में सात केसों में फैसला आया है। जिसमें एक केस में दोषमुक्त हुए हैं। छह केस में सजा हुई है।
नौ साल में केसों की स्थिति
वर्ष सजा दोषमुक्त
2014 -1
2015 2 3
2016 3 2
2017 – 1
2018 7 3
2019 17 5
2020 2 1
2021 1 –
2022 6 1
वर्जन-
जो फरियादी अपनी गवाही से पलटे हैं। उनके खिलाफ सेक्सन 340 व 344 के तहत न्यायालय में आवेदन दिए हैं। ऐसे फरियादी के खिलाफ एमजेसी लंबित है। एमजेसी में मजिस्ट्रेट ट्रायल है। हाल ही में प्रबुद्ध गर्ग दोषमुक्त हुए हैं। उसमें पंच साक्षी ने अभियोजन कहानी का समर्थन नहीं किया था। उनके खिलाफ भी शासन को लिखा है। एमजेसी भी दर्ज कराई है।
राखी सिंह, विशेष लोक अभियोजक विशेष स्थापना पुलिस