ग्वालियर में 50 हजार निवेशकों को परिवार डेयरी से चाहिए दो हजार करोड़ वापस ..

ग्वालियर में 50 हजार निवेशकों को परिवार डेयरी से चाहिए दो हजार करोड़ वापस, तमिलनाडु हाई कोर्ट का आदेश बना रोड़ा

निवेशकों को करीब दो हजार करोड़ रुपये वापस चाहिए, लेकिन तमिलनाडु हाई कोर्ट का आदेश रुपये लौटाने में रोडा बन गया है।

– निवेशकों ने कोर्ट कमिश्नर कार्यालय में जमा किए आवेदन

– तमिलनाडु कोर्ट की रोक हटाने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में लगाई याचिका

ग्वालियर .… परिवार डेयरी चिटफंड कंपनी से अपना पैसा वापस लेने के लिए 50 हजार निवेशकों ने कोर्ट कमिश्नर कार्यालय में आवेदन जमा कर दिए हैं। इन निवेशकों को करीब दो हजार करोड़ रुपये वापस चाहिए, लेकिन तमिलनाडु हाई कोर्ट का आदेश रुपये लौटाने में रोडा बन गया है।

तमिलनाडु हाई कोर्ट ने परिवार डेयरी की चल व अचल संपत्ति पर रोक लगाई है, जिसके चलते उसके बैंक खातों से लेनदेन बंद हो गया है। निवेशक कोर्ट कमिश्नर कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। तमिलनाडु हाई कोर्ट के आदेश को निरस्त करने के लिए अब प्रशासन ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका दायर की है। इस याचिका में जो फैसला आएगा, वही मान्य किया जाएगा।

परिवार डेयरी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में चिटफंड का बड़ा कारोबार किया था। वर्ष 2011 में ग्वालियर में चिटफंड कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई थी। इनके डायरेक्टरों के खिलाफ केस दर्ज कर संपत्तियां अटैच कर ली हैं, प्रशासन ने बैंक खाते भी सीज कर दिए हैं। चिटफंड का सबसे बड़ा कारोबार परिवार डेयरी का था। प्रशासन ने उसकी संपत्तियों को कुर्क कर निवशकों को रुपये लौटाए जा रहे थे, इसके लिए कोर्ट कमिश्नर बनाए गए हैं। जिला न्यायालय में कोर्ट कमिश्नर का कार्यालय है। कलेक्ट्रेट से आवेदन व पालिसी सत्यापित होने के बाद कोर्ट कमिश्नर कार्यालय से निवेशकों से चेक दिए जा रहे थे। परिवार डेयरी का कारोबार तमिलनाडु में भी था। वहां के निवेशकों को पैसा नहीं दिया गया तो लोगों ने हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर कीं। इस पर तमिलनाडु हाई कोर्ट की चैन्नाई खंडपीठ ने परिवार डेयरी के खिलाफ आदेश दिया और संपत्तियों के क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी। इसके चलते खातों से लेनदेन बंद हो गया।

32 कंपनियों के खिलाफ की गई थी कार्रवाई

– वर्ष 2011 में 32 चिटपंड कंपनियों को खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई की थी। इनमें अधिकांश कंपनियों के कार्यालय ग्वालियर में थे, जिसके चलते संपत्तियां भी अटैच की गई हैं। हालांकि परिवार डेयरी को छोड़ दूसरी कंपनियों के निवेशकों को पैसा लौटाने की कार्रवाई अभी तक नहीं हो सकी है। चिटफंड कंपनियों के कार्यालय भी अब नहीं रहे हैं। इस कारण निवेशक उनके यहां रुपये मांगने नहीं जा पा रहे हैं।

– केएमजे, बीपीएन, बीएनपी, स्काई लार्क, अनमोल सहारा, एस इंडिया, साईं प्रसाद, समृद्धि जीवन चिटफंड, सन इंडिया, जीसीए, किम इंफ्रा, सक्षम डेयरी, गरिमा रियल एस्टेट, पीएसीएल आदि कंपनियों का बड़ा कारोबार था।

 

 

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