नगर निगम ग्वालियर : आउटसोर्स कर्मचारी भर्ती घोटाला …!

आउटसोर्स कर्मचारी भर्ती घोटाला:एमआईसी सदस्यों की कमेटी ने जांच शुरू की, 40 महीने का रिकॉर्ड किया तलब …

समिति ने एक अप्रैल 2019 से अगस्त 2022 तक का रिकॉर्ड 15 दिन में अधिकारियों को देने के लिए कहा है। बैठक के दौरान निगम के सामान्य प्रशासन का स्टाफ हिस्सा लेने पहुंच गया। इस पर महापौर ने नाराजगी जताई। उन्होंने सभी को बाहर कर सिर्फ कार्यालय अधीक्षक को ही बैठक की इजाजत दी। बैठक में महापौर के अलावा एमआईसी सदस्य अवधेश कौरव, नाथूराम ठेकेदार, अपर आयुक्त मुकुल गुप्ता आदि मौजूद थे।

ये मांगी जांच समिति ने जानकारी

  • एक अप्रैल 2019 से अगस्त 2022 तक का आउटसोर्स से संबंधित रिकॉर्ड।
  • अभी तक रखे गए हर कर्मचारी का नियुक्ति आदेश, उसको कितना भुगतान हुआ।
  • कब-कब टेंडर हुए, किसने टेंडर में हिस्सा लिया, किसे टेंडर मिला। टेंडर की शर्तें शासन की गाइड लाइन अनुसार थी या नहीं।
  • श्रमिक की नियुक्ति के पहले नोटशीट, आदेश, तबादला आदेश, कहां-कहां काम किया।
  • आउटसोर्स कंपनी को कितना भुगतान किया गया। कैसे-कैसे किया गया।
  • श्रमिक को रखने की पात्रता किसे थी। उनके द्वारा आदेश निकाले गए या फिर किसी अन्य अधिकारी ने आदेश निकाले।
  • टेंडर लेने वाली कंपनी के सभी कागजात, उसकी पात्रता आदि।

इधर, आरएडी ने लगाई वेतन भुगतान पर आपत्ति: निगम में आरएडी (रिव्यू आडिट डिपार्टमेंट) ने 58 आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाने के बाद तीन महीने के भुगतान को लेकर आपत्ति लगा दी है। आरएडी ने आपत्ति में कहा है कि तीन महीने का भुगतान निगम के जिम्मेदार अफसरों से वसूल किया जाए। साथ ही आरएडी ने आउटसोर्स कर्मचारियों की प्रोग्रेस रिपोर्ट भी मांगी है। इसका भी जिक्र बैठक के दौरान आया था।

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