अब दिल्ली में 24 घंटे खुले रहेंगे रेस्टोरेंट समेत कई प्रतिष्ठान …!
अब दिल्ली में 24 घंटे खुले रहेंगे रेस्टोरेंट समेत कई प्रतिष्ठान, LG वीके सक्सेना ने दी अनुमति
Delhi: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने ऑनलाइन शॉपिंग, डिलिवरी शॉप्स, होटल, रेस्टोरेंट और ट्रांसफोर्ट सेवाओं से जुड़े प्रतिष्ठानों को अब 24 घंटें खुले रहने की अनुमति दी है।
- अब कई अहम प्रतिष्ठान 24X7 खुले रह सकेंगे
- लेफ्टिनेंट गवर्नर ने करीब 314 एप्लिकेशन्स को अप्रूव किया
- श्रम विभाग अव्यवसायिक रवैया जाहिर कर रहा था- एलजी
Delhi: दिल्ली की नाईट लाइफ देशभर में प्रसिद्ध है। यहां लोग रात में आपको घूमते-फिरते और खाते-पीते दिख जाएंगे। वीकेंड पर तो अलग ही माहौल रहता है। खासकर लुटियंस दिल्ली में। सीपी और उसके आस-पास इलकों में रातभर चहल-पहल बनी रहती है। अब दिल्ली की नाईट लाइफ को और भी बेहतर बनाने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल ने एक फैसला किया है। इस फैसले के बाद दिल्ली की नाईट लाइफ अब पहले से और बेहतर हो सकती है।
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने करीब 300 प्रतिष्ठानों को चौबीसों घटें खोले रखने की अनुमति दे दी है। इनमें ऑनलाइन शॉपिंग, डिलिवरी शॉप्स, होटल, रेस्टोरेंट और ट्रांसफोर्ट सेवाओं से जुड़ी चीजें भी शामिल हैं। रविवार को LG कार्यालय की तरफ से इस अहम फैसले को लेकर जानकारी दी गई है। दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर ने करीब 314 एप्लिकेशन्स को अप्रूव कर दिया है। इनमें से कुछ तो साल 2016 से ही पेंडिंग थे। इसके साथ ही एलजी ने यह भी आदेश दिया है कि इस अहम निर्णय से संबंधित नोटिफिकेशन 7 दिन के अंदर ही जारी किया जाए।
अब कई अहम प्रतिष्ठान 24X7 खुले रह सकेंगे
कई प्रतिष्ठानों को चौबीसों घंटे खुला रखने की अनुमति देते वक्त LG वीके सक्सेना ने अब तक इन प्रतिष्ठानों को अनुमति देने में हुई देरी को भी काफी गंभीरता से लिया है। LG ने निर्देश दिया कि इस तरह के एप्लिकेशन पर तय समय सीमा के अंदर फैसला होना चाहिए ताकि दिल्ली में निवेशकों को सुविधा मिले और बिजनेस-फ्रेंडली माहौल बन सके। LG के फैसले के बाद अब अगले हफ्ते से दिल्ली के कई अहम प्रतिष्ठान 24X7 खुले रहेंगे।
श्रम विभाग अव्यवसायिक रवैया जाहिर कर रहा था- एलजी
प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए एलजी ने यह बात भी नोट की कि इन प्रतिष्ठानों को खोलने की अनुमति देने में देरी से यह पता चलता है कि श्रम विभाग अव्यवसायिक रवैया जाहिर कर रहा था। आवेदनों को प्रोसेस करने में विभाग ‘पिक एंड चॉइस पॉलिसी’ अपना रहा था। इस तरह की व्यवस्था में भ्रष्ट आचरण भी किया जा सकता है।