क्राइम ब्रांच टीआई धनेंद्र सिंह भदौरिया निलंबित, जमीन के केस निपटाने में दखल; जबरन नोटिस भेजते थे

फर्जी FIR की जांच होगी, संपत्ति का पता लगाएंगे

  • जमीन कारोबारियों को फर्जी मामलों में फंसाने के आरोप भी लगे
  • वसूली के आरोप पर मुख्यमंत्री ने एक दिन पहले ही जताई थी नाराजगी

डीसीपी निमिष अग्रवाल ने क्राइम ब्रांच में ही काम कर रहे टीआई सतीश द्विवेदी को चार्ज सौंपा है। एडिशनल कमिश्नर क्राइम ब्रांच एंड हेड क्वार्टर राजेश हिंगणकर ने बताया कि भदौरिया के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थीं। शुक्रवार को एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री को सांसद शंकर लालवानी ने भदौरिया की वसूली व अभद्रता को लेकर दस्तावेजों सहित शिकायत की थी। मुख्यमंत्री ने अफसरों से दो टूक कहा था कि वसूली करने वाले भ्रष्टाचारियों की सूची बनाएं।

ब्लाइंड मर्डर, ड्रग्स रैकेट, इन्वेस्टिगेशन छोड़कर दूसरे मामलों में लगे थे
टीआई भदौरिया जमीनों के विवादित मामलों को निपटाते थे। अधिकार न होने पर भी अपने नाम से नोटिस देकर खुद बड़े कारोबारियों को आरोपियों की तरह थाने तलब करते थे। ब्लाइंड मर्डर, ड्रग्स रैकेट जैसे संगीन प्रकरणों के इन्वेस्टिगेशन छोड़ करोड़ों की जमीन के विवादित मामलों में ही उनका हस्तक्षेप होता था। पुलिस कमिश्नर से लेकर एडिशनल कमिश्नर, एडिशनल डीसीपी तक को कार्रवाई की जानकारी नहीं देते थे। क्राइम ब्रांच थाने में जवानों की टीम बनाकर जमीनों के विवादित प्रकरणों की जांच में जुटा रखा था।

स्टाफ भी कर चुका है शिकायत

भदौरिया के खिलाफ क्राइम ब्रांच के स्टाफ ने भी कई शिकायतें की हैं। जो जवान उनका साथ नहीं देते थे वे उन्हें आरोपियों के सामने नीचा दिखाने का प्रयास करते। चार फर्जी एफआईआर दर्ज करने के अलावा टीआई के खिलाफ आठ अन्य शिकायतें और अफसरों के पास पहुंची थीं, जिनमें गड़बड़ी, वसूली से जुड़ी बातें हैं।

फर्जी FIR की जांच होगी, संपत्ति का पता लगाएंगे

सीएम की नाराजगी के बाद अब टीआई धनेंद्र सिंह भदौरिया की संपत्ति की भी जानकारी अफसर जुटा रहे हैं। ये भी पता चला है कि भदौरिया ने रिश्तेदारों व परिचितों के नाम पर नकदी व पैसा जुटा रखा है। इसके अलावा भदौरिया द्वारा थाने में दर्ज की गई चारों फर्जी एफआईआर की जांच के बाद विधिवत खात्मा करने की भी अफसरों ने तैयारी कर ली है।

नोट करने वाली बात यह है कि इंस्पेक्टर भदौरिया को क्राइम ब्रांच से हटाकर लाइन हाजिर किया गया है। इंदौर से बाहर नहीं किया गया है। वैसे निलंबन इंस्पेक्टर भदौरिया के लिए कोई चिंता की बात नहीं है। डिपार्टमेंट एक बार तो उन्हें बर्खास्त भी कर चुका है।

इंस्पेक्टर धनेंद्र सिंह भदौरिया का निलंबन आदेश पढ़िए

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