देश में क्रांति लाने की शिक्षक के जुनून की कहानी ..!
15 महीने में 8 राज्यों का साइकिल से सफर, स्वास्थ्य और प्रकृति के प्रति कर रहें जागरूक …
हर व्यक्ति अपने जीवन में कोई बड़ा मुकाम हासिल करना चाहता है। इसके लिए सपने देखता है। कोई अच्छी नौकरी करना चाहता है तो किसी को बड़ा बिजनेस करना है, लेकिन कुछ ऐसे लोग भी होते है जो अपने लिये नहीं समाज के लिए जीते हैं और समाज के लिए कुछ करना चाहता है। ऐसे ही एक व्यक्ति हैं मेहुल लखानी जो पेशे से शिक्षक रहे हैं। देश में स्वास्थ्य और प्रकृति के प्रति क्रांति लाने के लिए टीचर की जॉब छोड़ी और पिछले 15 महीने से ज्यादा वक्त से साइकिल से यात्रा कर 8 राज्यों में सफर कर लोगों को अवेयर कर चुके हैं।
उनका लक्ष्य भारत के 36 राज्यों का साइकिल से यात्रा कर लोगों को प्रकृति और स्वास्थ्य के लिए जागरुक करना है। शिक्षक मेहुल लखानी से प्रयागराज में ………की खास बातचीत, जिसमे मेहुल ने अपने यात्रा के अनुभवों को साक्षा किया, साथ ही अपनी इस यात्रा का मोटिव भी बताया।
आइ, जानते हैं मेहुल की जुबानी भारत में क्रांति लाने के लिए उनके जुनून की कहानी…
प्रकृति और स्वास्थ्य के लिए क्रांति लाना मेरा लक्ष्य: मेहुल
मेरा नाम मेहुल लखानी है, पर अब हमे लोग मेहुल भारत यात्री से पुकारते हैं। पिता हरीश भाई लखानी और मां सूर्या बेन लखानी हैं। मैं सदगुरु साइकिल स्टैण्ड, गणेश लेन नागपुर का रहने वाला हूं। जून 2021 के पहले मैं मध्य प्रदेश के सरस्वती ग्रामोद्यय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, नर्मदापुरम (हौशंगाबाद) में योग का शिक्षक था, पर कोरोना काल में मैंने प्रकृति और स्वास्थ्य को बहुत नजदीक से देखा और मुझे लगा कि प्रकृति और स्वास्थ्य के प्रति लोगों को अवेयर होना चाहिए। इसकी ताकत को लोगों को जानना जरूरी है, क्योंकि कोरोना जैसी बीमारी से हम अपने शरीर को स्वस्थ और प्रकृति को साफ-सुथरा रखकर ही लड़ सके हैं।
उन्होंने कहा, “मैंने इस यात्रा को साइकिल क्रांति नाम दिया है, मुझे सड़कों को नापना नहीं है बल्कि भारत में एक क्रांति लेकर आना है। जैसा कि हम जानते हैं कि भारत में पर्यावरण प्रदूषण से बहुत सारी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं। 21 जून 2021 नर्मदापुरम जो कि पूर्व में हौशंगाबाद के नाम से जाना जाता था। वहां से योग यात्रा की शुरुआत की है। लगभग मैंने 18 महीने से ज्यादा का सफर किया है। जिसमे 8 राज्यों को अभी तक कवर किया है। 26 हजार किमी की यात्रा पूरी की है। ऐसे ही पूरे 36 राज्यों में साइकिल से भ्रमण करने का लक्ष्य है। मेरा मोटिव है कि मैं ज्यादा से ज्यादा लोगों को स्वास्थ्य, प्रकृति के प्रति लोगों को जागरुक कर सकूं और मुझे देखकर लोग ज्यादा से ज्यादा साइकिल चलाने की सोचें।”
15 महीने में तय किया 26 हजार किमी का सफर
मेहुल लखानी ने भारत के युवाओं को स्वस्थ रखने के लिए योग का संदेश देने का निश्चय किया। मेहुल बीते 18 महीने में साइकिल से लगभग 26,000 किमी से ज्यादा का सफर कर चुके हैं। अब तक मेहुल 8 राज्यों का सफर कर चुके हैं। सफर करने में रोज नई चुनौतियां आना तो तय ही है, लेकिन रास्ते की सभी बाधाओं को पार करते हुए मेहुल भारत यात्री का ये सफर जारी है। मेहुल ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस यानी 21 जून 2021 को इस सफर की शुरुआत की। ये कोरोना काल का दौर था, जिसमें सारा विश्व कोरोना जैसी भयंकर त्रासदी से गुजर रहा था। तब मेहुल लखानी ने भारत के युवाओं को स्वस्थ रखने के लिए योग का संदेश देने का निश्चय किया।
गोवा में चोरी हो गई थी साइकिल
मेहुल ने बताया कि गोवा में उनकी साइकिल चोरी हो गई थी। जिसके बाद उन्हें मुसीबत का सामना करना पड़ा, पर वह हारे नहीं। उन्होंने बताया कि कई बार रात को सोने की व्यवस्था न होने की वजह से भी परेशानी का सामना करना पड़ा। एक रात गोवा में किसी बीच के किनारे टेंट लगाकर सोने पर पुलिस ने उन्हें वहां से हटाया और फुटपाथ पर छोड़ दिया। जिसके बाद उन्होंने मंदिर में जाकर मदद मांगी तब जाकर वे रात गुजार पाए।
रात बिताने के लिए मंदिर या धर्मशाला का सहारा
मेहुल ने बताया कि जिस शहर में शाम हो जाती है वहां वह मंदिरों और धर्मशाला या स्कूल में आसरा ढूंढ लेते हैं, ताकि रात बिता पाएं और अगली सुबह फिर सफर शुरू किया जाए। उनका कहना है कि वे भारत के 36 राज्यों की साइकिल से यात्रा करेंगे, जिसमें लगभग ढाई साल का और समय लग सकता है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अब तक अपने सफर के दौरान 100 से अधिक शैक्षिक संस्थानों, अमिल शाह से लेकर करीब 100 सांसदों और इतने ही विधायकों से मिलकर अपने मुहिम के साथ जोड़ने के लिए अपील कर चुका हूं।