भिंड : अटैचमेंट से स्कूलाें में पढ़ाई चाैपट ..!

अपनी सुविधा के लिए शिक्षकों ने करा लिए दूसरी जगह अटैचमेंट, गांव के स्कूलाें में सबसे ज्यादा परेशानी

भिंड शासन के स्पष्ट आदेश होने के बाद भी जिले के ग्रामीण क्षेत्र में पदस्थ कई शिक्षक अपनी सुविधा के अनुसार अटैचमेंट कराए हुए हैं। इससे ग्रामीण अंचल के स्कूलाें में बच्चों की पढ़ाई चाैपट हो रही है। इस प्रकार की समस्या को लेकर जन प्रतिनिधि विभागीय अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं इसके बाद भी सुविधाभोगी शिक्षकों को इनकी मूल पदस्थी शालाओं में वापसी नहीं किया गया है। भास्कर पड़ताल में यह भी सामने आया है कि बड़ी संख्या शिक्षकों काे बीएलओ बनाया गया है, इस काम में 70 फीसदी शिक्षक और 30 प्रतिशत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई। इन्हें अपने मूल कार्य के बाद यह अतिरिक्त काम करना है। लेकिन यह बच्चों की पढ़ाई से ज्यादा निर्वाचन कार्य को महत्व दे रहे हैं।

यहां बता दें ग्रामीण क्षेत्र में पदस्थ शिक्षकों में कोई कलेक्ट्रेट के निर्वाचन, एडीएम, एसडीएम कार्यालय में तो कोई शिक्षा विभाग के डीईओ, बीईओ, बीआरसी कार्यालय में अटैचमेंट कराए हुए हैं। अटैचमेंट शुरुआत में अल्प अवधि के लिए कराए जाते हैं लेकिन बाद में इसकी अवधि बढ़ती जाती है और सालों गुजर जाते हैं। उधर इन शिक्षकों के पदस्थी स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित होती रहती है।

सिफारिश ऐसी की कई शिक्षक दूसरे विभागों काम करते करते ही हो गए सेवानिवृत्त
अटैचमेंट की प्रक्रिया वरिष्ठ अधिकारियों की सिफारिश पर चलती है, इसलिए स्कूल प्रमुख अधिकारियों से स्कूल में बच्चों पढ़ाई प्रभावित होने की बात वजनदारी से नहीं कह पाते हैं। ऐसे शिक्षकों के भी उदाहरण हैं जिन्हें दूसरे विभाग में काम करते हुए सालों गुजर गए और सेवानिवृत्त भी हो गए। शिक्षकों के अटैचमेंट होने से पढ़ाई प्रभावित होने को लेकर ग्रामीण इलाकों के जन प्रतिनिधि समय- समय अधिकारियों का ध्यानाकर्षित कराते रहे हैं। लोगों द्वारा सीएम हैल्पलाइन तक शिकायतें की गई हैं। इसके बाद भी शिक्षकों का अटैचमेंट बदस्तूर चल रहा है।

हेल्पलाइन पर भी हुई शिकायत, सुनवाई नहीं

मेहगांव क्षेत्र के ग्राम डगर के शासकीय मिडिल स्कूल में पदस्थ शिक्षक धर्मेँद्र सिंह कुशवाह के जिला शिक्षा केंद्र में अटैच होने की शिकायत ग्रामीणजन द्वारा पहले स्थानीय स्तर पर की गई इसके बाद इनका अटैचमेंट खत्म न होने पर सीएम हैल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई गई। समाधान नहीं हुआ है।

गणित, विज्ञान, अंग्रेजी के शिक्षकों को बीएलओ कार्य से मुक्त रखे जाने का है आदेश
लोक शिक्षण संचालनालय का आदेश है कि गणित, विज्ञान एवं अंग्रेजी के शिक्षकों की कमी है और इन विषयों के शिक्षकों से बीएलओ का कार्य लिए जाने से अध्यापन कार्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। यद्यपि राज्य शासन द्वारा नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम में राष्ट्रीय जनगणना, आपदा एवं निर्वाचन कार्य में शिक्षकों की ड्यूटी लगाने की छूट दी गई है। इसलिए उक्त प्रावधान के मद्देनजर छात्र हित में गणित, विज्ञान, अंग्रेजी विषय के शिक्षकों को बीएलओ के कार्य से मुक्त रखे जाने की कार्रवाई की जाए, जिससे इन विषयों का पठन-पाठन सुचारू रूप से हो सके।

पंचनामा के साथ शिकायत फिर भी नहीं हुई सुनवाई
ग्राम पंचायत गोअरा से सरपंच राजेंद्री देवी द्वारा पंचनामा सहित शिकायत की गई है कि खैरोली के शासकीय मिडिल स्कूल में पदस्थ प्राथमिक शिक्षक अनिल सिंह बघेल 2019- 20 से अन्य जगह कार्य कर रहे हैं, जिससे विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही है। उनका किसी अन्य विद्यालय में स्थानांतरण किया जाए जिससे विद्यालय में दूसरे शिक्षक की पदस्थी हो सके और शिक्षण व्यवस्था में सुधार हो सके।

कोई एडीएम के यहां तो कोई एसडीएम के यहां
जिला मुख्यालय पर एडीएम और डीईओ कार्यालय के अलावा एसडीएम, बीईओ, बीआरसी कार्यालयों में शिक्षक अटैच हैं। इनमें अधिकांश ग्रामीण अंचल में पदस्थ हैं। एडीएम के यहां प्रवेंद्र शर्मा, एसडीएम के यहां जितेंद्र शिवहरे, डीईओ और डीपीसी के यहां श्याम सिंह भदौरिया, श्याम सिंह कुशवाह, रामजीलाल शाक्य, अशोक सिंह कुशवाह, धर्मेंद्र कुशवाह, सुरेश शिवहरे आदि काम कर रहे हैं।

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