आयुष्मान योजना फर्जीवाड़ा मामला …! संभाग कमिश्नर ने निजी अस्पतालों की जांच के लिए टीम की गठित, 30 दिन में देना होगा रिपोर्ट
बीते दिनों जबलपुर में आयुष्मान योजना में करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद प्रशासन, देर सबेर सही, पर अब नींद से जागा है। जबलपुर के संभागायुक्त व्ही चंद्रशेखर ने संभाग के सभी जिलों में आयुष्मान योजना से संबद्ध अस्पतालों की जांच के निर्देश दिए हैं। जांच के लिए राजस्व और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की टीम भी गठित की गईं हैं जिन्हें 30 दिनों के भीतर अस्पतालों की जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट पेश करनी होगी।
जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी अस्पतालों के लायसेंस रद्द करवाने की कार्यवाई भी की जाएगी, जबलपुर में आयुष्मान योजना से संबद्ध 33 अस्पतालों की जांच की जानी है। संभाग के रीज़नल हैल्थ डायरेक्टर डॉक्टर संजय मिश्रा का कहना है कि ये जांच कार्यवाई आयुष्मान योजना में फर्जीवाडे की बढ़ती शिकायतों के कारण की जा रही है, इसमें आयुष्मान से एमपैनल्ड सभी हॉस्पिटल्स का बीते 2 सालों का रिकॉर्ड खंगाला जाएगा, ये जांचा जाएगा कि अस्पतालों के खिलाफ कोई शिकायत तो पेंडिंग नहीं है और उन्होने आयुष्मान योजना के तहत कितने मरीजों का इलाज दिखाकर सरकार से कितनी राशि ली है।
रीज़नल हैल्थ डायरेक्टर के मुताबिक ऐसी शिकायतें बड़ी संख्या में सामने आई हैं जिनमें एम्पैनेल्ड हॉस्पिटल्स ने आयु्ष्मान में कवर छोटी बीमारियों का इलाज नहीं किया और बड़ी बीमारियों के मरीजों से अलग से कैश राशि ले ली,बता दें कि जबलपुर में हाल ही में सेंट्रल किडनी हॉस्पिटल का भी फर्जीवाड़ा उजागर हुआ था जहां आयु्ष्मान योजना के फर्जी मरीजों को होटल में भर्ती रखकर सरकार से करोडों का क्लेम लिया जा रहा था।