ग्वालियर । बीएससी नर्सिंग की परीक्षा में किए जा रहे फर्जीवाड़े को लेकर हाई कोर्ट की युगल पीठ ने बुधवार को मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर के परीक्षा नियंत्रक डा. सचिन कुचिया की जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने उनसे कहा- आप चपरासी बनने लायक नहीं हो, किसने परीक्षा नियंत्रक बना दिया है। लोगों को मारने वाला बूचड़खाना चला रहे हो।

कोर्ट ने आदेश दिया कि अगली सुनवाई पर यूनिवर्सिटी के कुलपति का शपथ पत्र पेश करें। 19 सितंबर 2022 की टाइम टेबल की अधिसूचना निकालने के क्या आधार हैं। याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति रोहित आर्या और न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार सिंह ने की। इस मामले में अगली सुनवाई 16 जनवरी को संभावित है।

दरअसल भिंड निवासी हरिओम ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ती की ओर से अधिवक्ता उमेश कुमार बोहरे ने तर्क किया गया कि मेडिकल विश्वविद्यालय ऐसे विद्यार्थियों की परीक्षा कराने जा रहा है, जिनके न नामांकन हुए हैं और ना कालेजों को संबद्धधता है। परीक्षा कराने को लेकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।

नर्सिंग कालेज ऐसे विद्यार्थियों को नर्सिंग की डिग्री दे रहे हैं, जिन्हें अनुभव नहीं है। सात दिसंबर को कोर्ट ने 19 सितंबर 2022 को जारी टाइम टेबल की अधिसूचना पर रोक लगा दी थी। जिन विद्यार्थियों की परीक्षाएं हो चुकी हैं, उनकी उत्तर पुस्तिकाएं लिफाफे में सीलबंद करने का आदेश देते हुए विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक को तलब किया था। बुधवार को परीक्षा नियंत्रक हाई कोर्ट में उपस्थित हुए तो कोर्ट ने जमकर लताड़ा।

जनहित याचिका में यह तथ्य आए सामने

जिला नर्सिंग कालेज , नर्सिंग होम , बेड संख्या

मुरैना                 20           49            3557

भिंड                   10           34            3251

दतिया                17           34              3713

शिवपुरी              16           26               1547

(इन चार जिलों में 144 नर्सिंग होम में से 50 ऐसे हैं जो संचालित हो रहे हैं। उनमें भी बिस्तर संख्या पांच से 20 है। 90 से अधिक नर्सिंग कागजों में ही चल रहे हैं।)