बुलंदशहर जहां 6 मरे ..! म्यूजिकल क्रेकर्स बनाने के नाम पर किया गया था केमिकल स्टोर;

बुलंदशहर में उस फैक्ट्री से रिपोर्ट, जहां 6 मरे:म्यूजिकल क्रेकर्स बनाने के नाम पर किया गया था केमिकल स्टोर; फैक्ट्री मालिक के घर में 3 तहखाने
बुलंदशहर में धमैड़ा रोड पर ये केमिकल फैक्ट्री थी, जहां अब सिर्फ और सिर्फ मलबा नजर आ रहा है।

बुलंदशहर में शुक्रवार को केमिकल फैक्ट्री में धमाके से 6 लोगों की मौत हो गई। फैक्ट्री पर गए ई-रिक्शा ड्राइवर पिता-पुत्र की भी जान चली गई। इनके शरीर के चीथड़े तक उड़ गए। पूरी फैक्ट्री पलभर में जमींदोज हो गई। धुआं का गुबार करीब 8 किमी दूर तक देखे गए। 4 जिलों की पुलिस-फोरेंसिक टीमें इसकी जांच में जुटी हैं कि ये केमिकल क्या था? इसका यहां पर क्या यूज हो रहा था?

फिलहाल पता चला है कि इस फैक्ट्री में म्यूजिकल क्रेकर्स बनाए जाते थे। ये केमिकल तमिलनाडु-गुजरात से आते थे। पुलिस जब फैक्ट्री मालिक को तलाशने उसके घर पहुंची तो वहां पर 3 तहखाने मिले हैं, जहां भारी मात्रा में केमिकल रखा मिला है।

नीले रंग के ड्रमों में केमिकल भरा हुआ था और पास में पानी गर्म करने वाली लोहे की रॉड पड़ी हुई हैं।

सबसे पहले पूरा मामला समझिए…

आबादी से 400 मीटर दूर थी ये बिल्डिंग, धमाके में जमींदोज
बुलंदशहर में गांव धमैड़ा को जाने वाले रास्ते पर दक्ष गार्डन के पीछे कच्ची कॉलोनी है, जिसका नाम सरिता विहार है। सरिता विहार में आबादी से करीब 400 मीटर दूर खेत में एक बिल्डिंग है। इस बिल्डिंग के मालिक सतीश हैं जो देवीपुरा के रहने वाले हैं।

सतीश ने ये बिल्डिंग राजकुमार निवासी नुमाइश मैदान को किराए पर दी हुई थी। राजकुमार यहां पर केमिकल का काम करता था। शुक्रवार दोपहर करीब डेढ़ बजे धमाके के बाद बिल्डिंग जमींदोज हो गई। इस हादसे में फैक्ट्री मालिक राजकुमार का भाई विनोद, सुरक्षाकर्मी अभिषेक, मजदूर चंद्रपाल, पांच वर्षीय आहद और उसके पिता रईस की मौत हो गई।

फैक्ट्री किस चीज की थी, केमिकल का यूज क्या होता था? ये जानने के लिए हमने कई लोगों से बातचीत की, पढ़िए…

चार जिलों की फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर क्लू एकत्रित किए।
चार जिलों की फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर क्लू एकत्रित किए।

बुजुर्ग बोलीं- मैंने तो सुना था देसी दवाइयां बनती हैं

धमाके वाली बिल्डिंग से करीब 250 मीटर दूर ही कूलर असेंबल करने की फैक्ट्री है। यहां रहने वाली वृद्धा शकीला ने बताया, “मैं हादसे के वक्त छत पर झाडू लगा रही थी। तेज धमाका हुआ। मुझे ऐसा लगा कि मेरा ही मकान गिर गया है। मैं हड़बड़ाकर पीछे कमर के बल गिर गई। मुझे एक मिनट तक कोई होश नहीं आया। फिर देखा तो थोड़ी दूर पर ही धुआं नजर आ रहा था। मैंने सुना था कि इस फैक्ट्री में देसी दवाइयां बनती हैं। इससे ज्यादा कुछ नहीं पता।”

महिलाओं के मुताबिक, इस फैक्ट्री में देसी दवाइयां बनती थी। इससे ज्यादा इलाका के लोगों को कुछ पता नहीं था।

जुनैद को लगता था कि ये फैक्ट्री रहती है बंद
यहीं रहने वाले जुनैद ने बताया, “मैंने आज तक केमिकल फैक्ट्री के बाहर ताला ही पड़ा देखा। कई बार तो ऐसा लगता था कि जैसे ये फैक्ट्री बंद ही रहती है। कभी हलचल भी नहीं देखी। हां, कभी-कभार कुछ ट्रक उस तरफ जरूर आते-जाते थे। लेकिन ये पता नहीं चल पाया कि वो फैक्ट्री किस चीज की थी।”

बुलंदशहर की एएसपी अनुकृति शर्मा घटनास्थल पर फारेंसिक टीम से बात करती हुईं।
बुलंदशहर की एएसपी अनुकृति शर्मा घटनास्थल पर फारेंसिक टीम से बात करती हुईं।

ASP बोलीं- हमें केमिकल मिला, बाकी पता कर रहे
इसी फैक्ट्री के बारे में जानने के लिए हमने बुलंदशहर पुलिस की ASP अनुकृति शर्मा से बातचीत की। उन्होंने कहा, “यहां से हमें कुछ केमिकल के ड्रम मिले हैं। इससे एक बात जाहिर हो जाती है कि ये फैक्ट्री संभवत: केमिकल की ही थी। इन केमिकल का यूज क्या था, इसका पता अभी नहीं चल पाया है। हम फैक्ट्री मालिक को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इससे कई बातें स्पष्ट हो पाएंगी कि ये केमिकल कहां से आता था, इससे क्या बनाया जाता था।’

ये मकान रईस का है, वो बेटे आहद के साथ ई रिक्शा लेकर फैक्ट्री पर गया था। तभी धमाका हो गया और दोनों मारे गए।
ये मकान रईस का है, वो बेटे आहद के साथ ई रिक्शा लेकर फैक्ट्री पर गया था। तभी धमाका हो गया और दोनों मारे गए।

रईस ई रिक्शा चलाता था, फैक्ट्री पर पहुंचते ही हो गया धमाका
फैक्ट्री में क्या होता था, ये जानने के लिए हम मृतक रईस के घर पर पहुंचे। रईस की पत्नी घर में बेसुध पड़ी थी। पांच छोटे-छोटे बच्चे रो रहे थे, बिलख रहे थे। घर में कोई मेंबर ऐसा नहीं था, जो कुछ स्पष्ट बता सके। पड़ोसियों ने सिर्फ इतना बताया कि रईस ई रिक्शा चलाते थे और भाड़े पर सामान लाने-ले जाने का काम करते थे।

शुक्रवार को भी वे फैक्ट्री पर गए थे। संभवत: उन्हें केमिकल के ड्रम लेने होंगे या उतारने होंगे। तभी हादसा हो गया और वो बेटे सहित मारे गए। इस फैक्ट्री से करीब 500 मीटर दूर दो कमरों का एक छोटा सा मकान है, जहां पर रईस अपनी बीवी और छह बच्चों के साथ किराए पर रहते थे।

प्लास्टिक के कुछ ड्रम फटे और जले हुए मिले। नीले रंग के कुछ ड्रम पर अमोनियम कार्बोनेट का स्टिकर चिपका हुआ था।

नीले रंग के ड्रमों में था यूरिया जैसा केमिकल, वही सबसे ज्यादा फटे

 ……..’ को मौके पर बड़ी संख्या में नीले रंग के ड्रम फटे हुए मिले। कुछ ड्रमों के अंदर सफेद रंग का केमिकल मिला, जो यूरिया से भी मोटा दानेदार दिख रहा था। एक केमिकल लाल रंग का था। इसका प्रभाव इतना था कि विस्फोट के बाद तमाम ईंटें गेरुआ रंग जैसी हो गई थीं।

प्लास्टिक के कुछ कट्टे फटे और जले हुए मिले। संभवत: इनके अंदर केमिकल से जुड़ा रॉ मेटेरियल होगा। नीले रंग के कुछ ड्रम पर अमोनियम कार्बोनेट का स्टिकर चिपका हुआ था और कंपनी का नाम ‘गुजरात फ्लोरो केमिकल्स लिमिटेड भरूच’ लिखा हुआ था।

हरे रंग के केमिकल के टिन डिब्बे भी मिले हैं, जिन पर ‘T.T Clear’ लिखा था। जानकारों के मुताबिक, ये केमिकल वुडन पर शाइनिंग देने में प्रयुक्त होता है और बेहद ज्वलनशील होता है। आग और धमाके से आस-पास के खेतों में गेहूं की फसल जल चुकी थी। बुलंदशहर, अलीगढ़, गाजियाबाद और आगरा की फोरेंसिक एक्सपर्ट टीमों ने पहुंचकर घटनास्थल पर जांच की और वहां से सबूत जुटाए हैं। इन सैंपलों की जांच संभवत: गाजियाबाद के निवाड़ी स्थित फोरेंसिक लैब में होगी।

घटनास्थल पर दूर-दूर तक सिर्फ फटे हुए ड्रम और कबाड़ नजर आ रहा था।
घटनास्थल पर दूर-दूर तक सिर्फ फटे हुए ड्रम और कबाड़ नजर आ रहा था।

अब फैक्ट्री मालिक राजकुमार के बारे में जानते हैं…
राजकुमार बुलंदशहर नगर क्षेत्र में नुमाइश मैदान के नजदीक का रहने वाला है। GST डॉक्यूमेंट्स के अनुसार इस फैक्ट्री का नाम एयर स्टार ट्रेडर्स था। 11 फरवरी 2021 को इसका GST नंबर लिया गया था। GST रजिस्ट्रेशन के मुताबिक इस फैक्ट्री में फेस्टिवल, कार्निवाल, कन्ज्यूरिंग ट्रिक्स, नॉवेल्टी जॉक्स जैसे म्यूजिकल फायर इक्वीपमेंट्स बनाए जाते थे। इसके अलावा एल्युमीनियम पाउडर एंड फ्लेक्स को थर्मिट प्रोसेस में प्रयुक्त करना बताया गया है।

फैक्ट्री मालिक राजकुमार कुल तीन भाई हैं। इसमें एक भाई विनोद की इस हादसे में मौत हो चुकी है। राजकुमार फरार है। तीसरे भाई प्रमोद को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस जब राजकुमार के घर पर पहुंची तो तीन तहखाने मिले। इन तहखानों से भी पुलिस को केमिकल के ड्रम आदि सामान मिले हैं। इन्हें कब्जे में लेकर सील कर दिया गया है। बुलंदशहर पुलिस की ASP अनुकृति शर्मा ने कन्फर्म किया है कि जिस तरह के केमिकल ड्रम फैक्ट्री पर फटे मिले हैं, वैसे ही ड्रम राजकुमार के घर से बरामद हुए हैं।

SSP बोले- SIT करेगी जांच

  • बुलंदशहर के SSP श्लोक कुमार ने बताया, फैक्ट्री मालिक राजकुमार के पास कुछ केमिकल्स का लाइसेंस था। GST रजिस्ट्रेशन से ये बात पता चली है। हमने इस केस की जांच के लिए एक SIT बना दी है। इसमें ADM, SP सिटी और CFO रहेंगे।
  • बुलंदशहर के DM चंद्रप्रकाश सिंह ने कहा, केमिकल क्या और कैसे विस्फोट हुआ, इसकी जांच अभी चल रही है। चार डेडबॉडी के अलावा कुछ शरीर के पाटर्स भी अलग-अलग मिले हैं। इन सभी को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जा चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *