ग्वालियर -पार्किंग अस्त व्यस्त !

पार्किंग अस्त व्यस्त:10 माह से 33 नई पार्किंग अफसराें की लापरवाही से अटकीं, ये बनतीं ताे खड़े हाे पाते 2700 वाहन
  • 10 मई काे कलेक्टर ने पार्किंग घाेषित करने के आदेश देकर कमेटी बनाई, दाे माह ट्रायल भी चली

शहर में सड़कों पर वाहन खड़े होने से आए दिन ट्रैफिक जाम हो रहा है। 10 महीने पहले दो महीने की टेस्टिंग में चालू हुए पार्किंग अब अस्त व्यस्त हैं। इन्हें नियमित करने से कुछ राहत मिल सकती है पर रिपोर्ट ही तैयार नहीं हो सकी है। कारण, रिपोर्ट के लिए बनी कमेटी के तीनों सदस्यों का तबादला होना है।

वहीं टीएंडसीपी ने इन पार्किंग स्थल पर आपत्ति लगा दी। इस कारण पूरा मामला अटक गया। अफसराें ने इस आपत्ति काे दूर नहीं किया और न ही नए स्थल चिह्नित किए। अब रिपोर्ट और आगे की प्रक्रिया के लिए नगर निगम, प्रशासन से रिपोर्ट मांग रहा है और जिला प्रशासन, निगम अफसरों से। अगर ये पार्किंग बन जातीं ताे 2700 वाहन खड़े हाे पाते।

ऐसे सरकारी सिस्टम में उलझी पार्किंग व्यवस्था

10 मई- कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने जाम से मुक्ति के लिए अस्थायी पैड पार्किंग स्थल घोषित किए। इससे यातायात में सुधार पर निगरानी के लिए एडीएम इच्छित गढ़पाले, अपर आयुक्त अतेंद्र सिंह गुर्जर और एएसपी अभिनव चौकसे को जिम्मा सौंपा।

23 जुलाई- एसएसपी ने निगम आयुक्त को पत्र लिखा और कहा कि वे 33 पार्किंग, 15 अल्टरनेट पार्किंग, 128 पुराने और 31 नए ऑटो स्टेंड पर व्यवस्था करें। मंशा यह रही कि लोगों को जब पार्किंग सुविधा मिलेगी तो वह सड़क पर वाहन खड़ा नहीं करेंगे, जाम से मुक्ति मिलेगी।

28 सितंबर- कलेक्टर के पत्र के आधार पर निगम आयुक्त ने 33 पार्किंग स्थल तय किए। कहा गया कि पहले से तय पेड पार्किंग के अलावा इन पार्किंग पर भी व्यवस्थाएं की जाए। सभी जगह पार्क होने वाले वाहनों की संख्या व ठेके की ऑफसेट प्राइज भी तय कर दी गई।

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