48 आईएएस-आईपीएस, अब 2000 वर्गफीट के सरकारी फ्लैट्स में रहेंगे ..!

निर्माण कार्य ….

10 हजार वर्गफीट तक के बंगलों में रहने वाले 48 आईएएस-आईपीएस, अब 2000 वर्गफीट के सरकारी फ्लैट्स में रहेंगे …

2000 वर्गफीट के फ्लैट में 3 बेडरूम के साथ 1 ड्राइंग कम डाइनिंग और 1 ऑफिस स्पेस भी …

अब तक चार इमली और 74 बंगले में 10 हजार वर्गफीट पर बने बंगलों में रह रहे आईएएस-आईपीएस और अन्य अफसर अब 2000 वर्गफीट के फ्लैट में रहेंगे। सेकंड स्टॉप पर जवाहर बाल भवन के पीछे जी प्लस 8 की 3 बिल्डिंग में अफसरों के लिए 48 डी टाइप फ्लैट का काम इस महीने पूरा हो जाएगा।

फिलहाल यहां गार्डन, प्ले जोन और लैंड स्केपिंग के साथ का काम एसटीपी का भी निर्माण अंतिम चरण में है। प्रदेश में पहली बार सीनियर अफसर सरकारी फ्लैट में रहेंगे। 2000 वर्गफीट के फ्लैट में 3 बेडरूम के साथ 1 ड्राइंग कम डाइनिंग और 1 ऑफिस स्पेस भी है।

साथ ही पूजा घर, स्टोर और यूटीलिटी के लिए भी अलग व्यवस्था है। लेकिन बंगलों की तरह अपना ओपन स्पेस और गार्डन नहीं होगा। सभी अफसरों और उनके परिवारों के लिए दो कॉमन गार्डन बन रहे हैं। एक प्ले जोन होगा और कैंपस के बाकी हिस्से में भी लैंड स्केपिंग की जा रही है।

ये फ्लैट 3 एकड़ के कैंपस में बन रहे हैं, जबकि इतने ही बंगलों के निर्माण के लिए 11 एकड़ जमीन चाहिए। यानी 8 एकड़ जमीन बच रही है। मौजूदा गाइडलाइन के हिसाब से इस इलाके में आवासीय भूमि की कीमत 48,000 रुपए प्रति वर्ग मीटर यानी लगभग 19.50 करोड़ रुपए एकड़ है। 8 एकड़ जमीन की कीमत 156 करोड़ रुपए होती है।

लोकेशन- जवाहर बाल भवन के पीछे

  • 03 एकड़ के कैंपस में बनकर तैयार हैं तीनों बिल्डिंग्स
  • 02 कॉमन गार्डन स्पेस और एक प्ले जाेन बनाया जा रहा है फिलहाल साइट पर
  • 05 साल पहले हुई थी फ्लैट्स बनाने की प्लानिंग

अफसरों के फ्लैट तैयार, कर्मचारियों के अटके

उधर, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में कर्मचारियों के लिए होटल पलाश के पास जी और एफ टाइप क्वार्टर के 6 में से 5 ब्लॉक का काम पूरा हो गया है, लेकिन नाले के किनारे बन रहे छठे टॉवर की दीवार गिरने के साथ ही इनकी क्वालिटी पर सवाल उठने लगे हैं। स्मार्ट सिटी के लक्ष्मी परिसर के मकान भी तैयार हैं, लेकिन उनका भी आवंटन रुका है। स्मार्ट सिटी में गवर्नमेंट हाउसिंग के दूसरे प्रोजेक्ट भी ठप हैं।

…तो 16 मंजिला इमारतें बनतीं

स्मार्ट सिटी और पीडब्ल्यूडी के बीच सहमति बनती तो बनते 64 फ्लैट
पांच साल पहले यहां जर्जर सरकारी मकानों को तोड़कर जी प्लस 16 अपार्टमेंट में कुल 64 डी टाइप क्वार्टर बनाने की प्लानिंग हुई थी। जी प्लस 16 मंजिल की हाइट की बिल्डिंग बनाने के लिए सामने 45 मीटर चौड़ी सड़क होना जरूरी है। यदि अंजलि कॉम्प्लेक्स के पास खत्म हो रही बुलेवर्ड स्ट्रीट को जवाहर बाल भवन के पास तक बढ़ाया जाता तो यह संभव था। पीडब्ल्यूडी इस सड़क को बनाने को तैयार था, लेकिन सड़क का जो हिस्सा स्मार्ट सिटी से गुजरना था वहां स्मार्ट सिटी की प्लानिंग में प्लॉट हैं।

पास में ही बन रहे 48 आई टाइप क्वार्टर

सेकंड स्टॉप के पास इसी कैंपस के पास 48 आई टाइप क्वार्टर बन रहे हैं। यह क्वार्टर उन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को आवंटित होंगे जो संबंधित अफसर के निवास पर कार्यरत है।

इस महीने के अंत में पूरा करने का टारगेट

इस माह के अंत में प्रोजेक्ट पूरा करने का टारगेट है। 24 घंटे काम चल रहा है। कुछ छोटी-छोटी बाधाएं हैं, यह भी एक-दो दिन में दूर हो जाएंगी।
-अजय बैन, ईई, पीडब्ल्यूडी पीआईयू

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