इंदौर : आफत का सफर ..?

आफत का सफर:रोज ट्रैफिक जाम, थाने पर बल व संसाधनों की कमी, चौकी भी रहती खाली; हर वीकेंड 10 हजार वाहन प्रभावित होते हैं
जाम के कारण 3 से 4 घंटे बर्बाद होते हैं, फ्लाइट और ट्रेन पकड़ने वालों को एक दिन पहले ही इंदौर आना पड़ता है

खंडवा रोड स्थित चोरल-बाईग्राम के घाट पर हर दिन ट्रैफिक जाम होता है। इस जाम के कारण हर शनिवार, रविवार और अमावस, पूनम सहित अन्य तीज-त्योहार वाले दिन 10 हजार से ज्यादा वाहनों का सफर प्रभावित होता है। इस कारण 3 से 4 घंटे बर्बाद हो जाते हैं। रविवार को ही चोरल से बाई गांव तक 5 किलोमीटर में ऐसा जाम लगा कि तीन घंटे तक तो वाहन थमे रहे।

बाद में रेंगता हुआ ट्रैफिक निकला तो 5 किमी सफर पूरा करने में डेढ़ से दो घंटे लग गए। जिन वाहन चालकों ने जाम से बचने के लिए ओखलेश्वर मंदिर वाले रूट का इस्तेमाल किया, वहां भी लंबा जाम लग गया। हालत ये है कि इस रूट पर जिन्हें इंदौर आकर ट्रेन या फ्लाइट से आगे सफर करना है, उन्हें एक दिन पहले ही इंदौर आना पड़ता है।

इस रूट पर जाम की 6 बड़ी वजह

  1. बड़े वाहनों का खराब होना- बड़े वाहन जैसे ट्रक और ट्रॉलों का खराब होकर कहीं भी खड़ा हो जाना। इस वजह से सिंगल लाइन तो चालू रहती है, लेकिन दूसरी तरफ वाहनों की कतार लग जाती है।
  2. वाहनों का पलट जाना- कई बार घाट सेक्शन में टर्न लेते समय भारी वाहन पलट जाते हैं। कई बार आमने-सामने टक्कर हो जाती है।
  3. किनारे समतल नहीं- सड़क के किनारे समतल नहीं होने से कई बार ओवरटेक के दौरान जैसे ही वाहन सड़क से नीचे उतरते हैं तो वे पलट जाते हैं या फिर फंस जाते हैं।
  4. वाहनों का ओवरटेक करना- बसें दूसरे वाहनों को ओवरटेक करती हैं। दूसरी लेन में वाहन घुसने से सामने वाले वाहन को निकलने की जगह नहीं मिलती।
  5. घुमावदार सड़क- इंदौर से बलवाड़ा तक 3 बड़े घाट, जिनमें 15 से ज्यादा अंधे मोड़ और ढलान। कई जगह सड़क संकीर्ण और घुमावदार है।
  6. पुलिस का नेटवर्क कमजोर- जाम की सूचना ही थाने पर एक-दो घंटे बाद पहुंचती है। थाने पर बल भी कम है। घाट पर एक चौकी है, लेकिन वहां स्टाफ नहीं रहता।

ट्रैफिक प्रबंधन के लिए 5 बड़े कदम उठाना जरूरी

  1. सबसे पहले पुलिस को अपना नेटवर्क मजबूत करना होगा। चौकी पर 24 घंटे स्टाफ तैनात करना जरूरी है। विशेषकर घाट सेक्शन में कैमरे लगाकर थाने पर कंट्रोल रूम जैसा सिस्टम बनाना पड़ेगा, ताकि जाम लगते ही पुलिस को सूचना मिल जाए।
  2. पुलिस को घाट सेक्शन के लिए एक पेट्रोलिंग टीम तैनात कर देना चाहिए, जो 24 घंटे घूमती रही, ताकि जाम या एक्सीडेंट की स्थिति में तुरंत सक्रिय हो जाए।
  3. पुलिस को बल बढ़ाना चाहिए। अभी घाट सेक्शन में जाम लगने पर एक या दो सिपाही ही पहुंच पाते हैं। चोरल चौकी पर भी 2-3 लोगों का ही स्टाफ है।
  4. एक क्रेन 24 घंटे रहना चाहिए, ताकि दुर्घटना की स्थिति में इंदौर से क्रेन पहुंचने के भरोसे न रहना पड़े।
  5. सड़क के ऊंचे-नीचे किनारों को समतल करना चाहिए, घाट सेक्शन में स्पीड कंट्रोल के लिए संकेतक, रंबल स्ट्रिप लगाना जरूरी

इंदौर के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है इंदौर-खंडवा रूट

इंदौर-खंडवा रूट इंदौर के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। इस रूट पर इंदौर से 30 किलोमीटर बाईग्राम शनि मंदिर है, जहां हर शनिवार 30 हजार से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करने जाते हैं। ओखलेश्वर मंदिर के अलावा इंदौर से 75 किलोमीटर है ओंकारेश्वर में ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग। यहां हर शनिवार, रविवार और सोमवार 30 हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचते हैं।

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