ग्वालियर में असुरक्षित है बेटियां ..?
स्कूल, कालेज और कोचिंग के आसपास असुरक्षित है बेटियां, पुलिस पेट्रोलिंग तक नहीं करती
वर्तमान में शैक्षणिक संस्थाओं के आसपास मनचलों की वजह से लगातार बेटियां असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
ग्वालियर, देशसेवा के लिए छत्तीसगढ़ में तैनात फौजी की नाबालिग बेटी। जो पिछले 7 दिन से घर से बाहर नहीं निकली थी…वजह था एक गुंडा और उसके कुछ साथी। जो कोचिंग से आते-जाते समय किशोरी को छेड़ते थे, परेशान करते थे, अश्लील फब्तियां कसते थे। हद तो तब हो गई…जब छात्रा का हाथ पकड़ लिया, उसे काटा और मोबाइल छीन लिया। तब जाकर पुलिस की नींद टूटी, पुलिस ने गुंडे दिनेश गुर्जर को पकड़ा और उसे पकड़कर नंगे पैर, हाथ में हथकड़ी डालकर इलाके में जुलूस निकाला। जिससे लोगों के बीच उसकी दहशत कम हो। यह पहला मामला नहीं है, जबकि शैक्षणिक संस्थान के आसपास बेटियां छेड़छाड़ और बदसलूकी का शिकार हुई हैँ। ऐसे घटनाक्रम आएदिन हो रहे हैं, मनचलों की जमात से बेटियां त्रस्त हैं। लेकिन मजबूर हैं, क्योंकि पुलिस भी तभी जागती है, जब कोई घटना होती है। शहर में ऐसे कई इलाके हैं, जहां कोचिंग, स्कूल और कालेज अधिक संख्या में स्थित है। ऐसे इलाकों में रोज ऐसी घटनाएं हो रही हैं, लेकिन पुलिस नींद से वहीं जागती है, जहां घटना होती है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…शहर में कौन से ऐसे इलाके, जहां इस तरह की घटनाएं हो रही है। पुलिस के प्रयास जो सिर्फ कागजों में बने, इन पर अमल नहीं हो सका।
शहर के हाट स्पाट, जहां छात्राओं के साथ हर रोज होती है ऐसी घटनाएं
लक्ष्मीबाई कालोनी, महाराजा काम्पलेक्स, चिठनीस की गोठ, राक्सी टाकीज, रायसिंह का बाग, मयूर मार्केट थाटीपुर, चेतकपुरी, राक्सी पुल, कंपू, ओल्ड हाइकोर्ट। यह इलाके ऐसे हैं, जहां सबसे ज्यादा कोचिंग इंस्टीट्यूट हैं। वहीं कंपू, मुरार और शिवपुरी लिंक रोड। यहां गर्ल्स कालेज, गर्ल्स स्कूल और कई स्कूल, कालेज हैं।
निर्भया मोबाइल
निर्भया मोबाइल सिर्फ बैजाताल पर खड़ी नजर आती है। यहां सड़क किनारे गाड़ी में बैठकर महिला पुलिसकर्मी समय गुजारती हैं। कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
बेटी की पेटी
बेटी की पेटी पुलिस ने शैक्षणिक संस्थानओं के आसपास लगाई, लेकिन यह लंबे समय से बंद पड़ी हैं।