इंदौर : संपत्तिकर घोटाला, बनाई जांच कमेटी ..?

संपत्तिकर घोटाला, बनाई जांच कमेटी

मामले में 12 कर्मचारी सस्पेंड होने के साथ 8 की हो चुकी है सेवा समाप्त …

इंदौर। नगर निगम में 8 महीने पहले संपत्तिकर घोटाला हुआ था। इस मामले में 2 सहायक राजस्व  अधिकारी (एआरओ) और 10 कर्मचारी सस्पेंड होने के साथ 8 कर्मचारियों की निगम से सेवा समाप्त हो चुकी है। इन्होंने नेशनल लोक अदालत में संपत्तिकर पर मिलने वाली छूट में गड़बड़ी कर घोटाला किया था। इससे राजस्व विभाग को तकरीबन 45 लाख रुपए की वित्तीय हानि हुई थी। निगम में आठ महीने पहले हुए संपत्तिकर घोटाले की जांच को लेकर अब एक कमेटी बनाई गई हैं। तकनीकी बिंदुओं का परीक्षण करने को लेकर यह कमेटी बनाई गई है।
नेशनल लोक अदालत 12 नवंबर.2022 को लगी थी। इसमें संपत्तिकर बकायादारों का सरचार्ज माफ करने के साथ छूट दी गई। इसमें बड़ा घोटाला एआरओ, बिल कलेक्टर और मस्टर कम्प्यूटर ऑपरेटरों ने करते हुए निगम राजस्व विभाग को 45 लाख रुपए की आर्थिक हानि पहुंचाई थी। संपत्तिकर वसूली के दौरान घोटाला होने की शिकायत राजस्व विभाग के बड़े अफसरों के पास पहुंची और फिर जांच शुरू हुई। इसमें जोन 12 हरसिद्धि के अंतर्गत आने वाले देवश्री टॉकीज के मालिक मनोहरलाल देव पर बकाया संपत्तिकर पर लगे सरचार्ज में तय नियमों से ज्यादा छूट देने के लिए जोन 12 के एआरओ अतुल मिश्रा को सस्पेंड कर दिया गया था। इसके साथ ही जोन 16 पर गड़बड़ी करने वाले एआरओ हरीश बारगल भी सस्पेंड हो गए।
पहले चरण की जांच में निगम के 9 जोन में 54 प्रकरण में गड़बड़ी मिली थी। इस पर तत्कालीन निगमायुक्त प्रतिभा पाल के आदेश पर दोनों एआरओ मिश्रा व बारगल, 10 बिल कलेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया था। इनके साथ 8 मस्टरकर्मियों की निगम में सेवा समाप्त कर दी थी। इसके साथ ही देवश्री टॉकीज के मालिक देव, एआरओ मिश्रा व बारगल, 10 बिल कलेक्टर और 8 मस्टरकर्मियों के खिलाफ एमजी रोड पुलिस थाने पर आपराधिक प्रकरण दर्ज हो चुका हैं। मामले में विभागीय जांच चल रही है। इधर, संपत्तिकर घोटाले प्रकरण में मुख्य रूप से तकनीकी बिंदुओं का परिक्षण किया जाना है। इसके लिए राजस्व विभाग के कर्मचारियों की कमेटी का गठन किया गया है। राजस्व विभाग के अपर आयुक्त अभिषेक गेहलोत ने यह कमेटी बनाई है ताकि मामले का निपटान जल्द से जल्द हो और नियमानुसार आगामी कार्रवाई की जा सके।
15 दिन में मांगा प्रतिवेदन
संपत्तिकर घोटाले के तकनीकी बिंदुओं का परीक्षण करने के लिए गठित कमेटी से जांच कर तथ्यात्मक प्रतिवेदन 15 दिन में मांगा गया है। कमेटी को निर्देशित किया गया है कि प्रकरण से संबंधित संपत्तिकर खाताधारकों को सूचना पत्र देकर या फिर पेपर विज्ञप्ति के माध्यम से उनका पक्ष लेंगे। संपत्तिकर घोटाले में शामिल समस्त कर्मचारियों को बुलाकर समक्ष में सुनवाई करते हुए स्पष्टीकरण लेने का कमेटी से कहा गया है। ई नगर पालिका में कार्य संचालन प्रक्रिया का उक्त घटनाक्रम के संदर्भ में परीक्षण कमेटी करेगी। निगम गलियारों में चर्चा है कि मामले में जिन कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया वे अपनी बहाली के लिए इधर-उधर हाथ-पैर मार रहे हैं। साथ ही बड़े अफसरों और एमआइसी मेंबरों के दफ्तरों के चक्कर अलग काट रहे हैं, लेकिन घोटाले को देख बहाली होना मुश्किल दिख रही है।

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