नेशनल हाइवे- 719 की भिंड- इटावा : यात्री बसें रोक दीं ईंट-रेत से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली बेधड़क निकल रहीं ..!

 यात्री बसें रोक दीं ईंट-रेत से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली बेधड़क निकल रहीं
  • मिलीभगत . यूपी प्रशासन ने पुल पर आठ जून से भारी वाहनों के निकलने पर लगाई थी रोक, तभी से बंद हैं यात्री बसें

नेशनल हाइवे- 719 की भिंड- इटावा रोड पर बरही के निकट स्थित चंबल पुल पर भारी वाहनों के आवागमन प्रतिबंध प्रशासन के दोहरे रवैये को उजागर कर रहा है। एक ओर तो प्रशासन पुल से यात्री बसों को गुजरने नहीं दे रहा है। वहीं दूसरी ओर पुल के ऊपर से बेधड़क ढंग से ईंट और रेत से भरे ट्रैक्टर ट्राली गुजर रहे हैं, जिससे प्रशासन पुल को कोई खतरा नहीं मान रहा है।

बता दें कि भिंड इटावा रोड पर बरही के निकट स्थित चंबल पुल पर यूपी प्रशासन ने आठ जून से भारी वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस प्रतिबंध के चलते पुल पर यात्री बसों को रोक दिया गया। इसके चलते एक ओर जहां यात्रियों को 800 मीटर लंबा पुल सामान रखकर खुद पैदल पार करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर पुल के ऊपर से रेत और गिट्टी से भरे ट्रेक्टर ट्राली बेधड़क ढंग से गुजर रहे हैं। जबकि रेत के ट्रेक्टर ट्राली के समकक्ष ही यात्री बसों में वजन रहता है। लेकिन प्रशासन के इस दोहरे रवैये के चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी का सामना उन लोगों को करना पड़ रहा है, जो कि रोज भिंड इटावा के बीच सफर करते हैं।

यूपी को ब्रिज इंस्पेक्शन रिपोर्ट का इंतजार बताया जा रहा है कि चंबल पुल पर भारी वाहनों के आवागमन प्रतिबंध के चलते ग्वालियर भिंड इटावा रोड पर टोल वसूलने वाली कंपनी को काफी घाटा हो रहा है। इसी के चलते टोल वसूलने वाली पीएनसी कंपनी ने चंबल पुल की क्षमता का आंकलन करने के लिए ब्रिज इंस्पेक्शन यूनिट मशीन बुलाई थी। करीब 10 दिन तक चली जांच के बाद पीएनसी के इंजीनियरों ने अब तक यूपी प्रशासन को यह रिपोर्ट नहीं सौंपी है कि आखिरकार पुल के ऊपर से कितनी क्षमता के वाहन गुजर सकते हैं। हालांकि पीएनसी कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि उनके इंजीनियर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। जल्द ही वे यूपी प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे।

ट्रैक्टर ट्रॉली निकलने की जानकारी नहीं ^चंबल पुल पर भारी वाहनों के आवागमन पर यूपी प्रशासन ने प्रतिबंध लगाया है। पुल के ऊपर से रेत और ईंट से भरे ट्रेक्टर ट्राली गुजरने के संबंध में जानकारी नहीं है। हमारी कंपनी ने पुल के इंस्पेक्शन संबंधी रिपोर्ट अभी यूपी प्रशासन को नहीं दी है। – अमित राठौर, मैनेजर, पीएनसी टोल प्लाजा भिंड

सूरज ढलते ही बेधड़क गुजरती हैं ट्रैक्टर ट्राली चंबल पुल पर भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगाने के लिए यूपी प्रशासन की ओर पुल के दोनों ओर गर्डर लगा दिए गए हैं। लेकिन यह गर्डर इस प्रकार से लगाए गए हैं कि इनके नीचे से भले ही कोई यात्री बस न गुजर सके। लेकिन उसके नीचे के रेत और ईंट से भरे ट्रैक्टर ट्राली आसानी से निकल जाते हैं। यही वजह है कि शाम होते ही बरही के निकट लगे रेत के डंप से ट्रेक्टर ट्राली रेत भरकर यूपी के लिए गुजरते हैं। वहीं पुलिस भी इन्हें रोकने की जहमत नहीं उठाती है। जबकि यात्रियों को करीब 800 मीटर लंबा पुल अपना सामान सिर पर लादकर पैदल पार करने को मजबूर होना पड़ता है।

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